राजनीति नहीं होनी चाहिए- मदन राठौड़
मदन राठौड़ ने कहा, "सेना के शौर्य के बाद विदेश नीति के तहत एक कमेटी बनाई गई है. इसमें देश सभी पार्टियों के अच्छे नेताओं को देश की छवि बताने के लिए विदेश भेजा जा रहा है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकियों को निशाना बनाया। इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, जिसपर मदन राठौड़ ने प्रतिक्रिया दी है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन में कई आतंकवादियों और उनके अड्डों को नष्ट किया गया है। भारतीय सेना की इस साहसिक कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल बन गया है। हालांकि, फिलहाल दोनों देशों के बीच युद्धविराम लागू है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। इस बीच, देशभर में सेना के शौर्य और पराक्रम के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। नागरिक बड़ी संख्या में इस यात्रा में भाग ले रहे हैं और देशभक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ जोधपुर तिरंगा यात्रा में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने विपक्ष के द्वारा पाकिस्तान के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े करने पर कहा कि विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता है. जो गोपनीयता की शपथ ले चुके हैं. उनको गोपनीयता को लेकर सवाल नहीं खड़े करने चाहिए.
उन्होंने कहा, “उन सभी विपक्ष के नेताओं के लिए एक बात कहना चाहता हूं कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान युद्धपोत को लेकर जर्मन की संसद में विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रहा था कि युद्धपोत को लेकर यूरोप दावा कर रहे हैं कि हमने तबाह कर दिया. इस बात को लेकर लगातार दबाव बनाया आखिरकार उन्होंने जैसे ही बताया कि उस पर दुश्मनों ने हमला करके उसे उड़ा दिया. इसलिए ऐसे सवाल नहीं करने चाहिए, क्योंकि राज की बात बाहर निकल जाती है तो फैसला बदल जाते हैं. वैसे हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी दबाव में आने वाले नहीं हैं, कुछ बोलने वाले भी नहीं हैं.”
मदन राठौड़ ने कहा, “सेना के शौर्य के बाद विदेश नीति के तहत एक कमेटी बनाई गई है. इसमें देश सभी पार्टियों के अच्छे नेताओं को देश की छवि बताने के लिए विदेश भेजा जा रहा है. उसमें शशि थरूर को लेकर कुछ लोग बोल रहे हैं. मैं उनको बता देना चाहता हूं कि विदेश भेजने का मतलब यह नहीं की किसी को भी भेज दिया जाए. वहां पर अच्छी इंग्लिश, अच्छा प्रेजेंटेशन और देश की छवि अच्छी बता सके ऐसे नेताओं को सेलेक्ट किया गया है. इस कमेटी में वह लोग विदेश की धरती पर जाकर भारत की छवि को पेश करेंगे, इसमें किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए.”