मध्य प्रदेश: खजुराहो के रिसॉर्ट में खाना खाने से फूड प्वाइजनिंग, 3 लोगों की मौत, 6 की हालत गंभीर

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो से फूड पॉइजनिंग से तीन लोगों की मौत हो गई है. मामला खजुराहो के गौतमा रिसॉर्ट का है, जहां रविवार देर शाम रिसॉर्ट के कई कर्मचारियों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. रिसॉर्ट के लगभग 9 कर्मचारियों ने भोजन करने के कुछ ही समय बाद उलटी, बेचैनी और सिरदर्द की शिकायत शुरू कर दी. कर्मचारियों की हालत बिगड़ते देख साथियों ने तत्काल उन्हें खजुराहो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति गंभीर होने पर सभी को छतरपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था.
जिला अस्पताल के मुताबिक, उपचार के दौरान तीन कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि बाकी लोगों का इलाज जारी है. मृतकों की पहचान प्रागीलाल कुशवाहा, गिरजा रजक और रामस्वरूप कुशवाहा के रूप में हुई है. इस घटना के बाद पूरे जिले के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है.
क्या बोले CMHO?
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आर.पी. गुप्ता ने बताया कि सोमवार को खजुराहो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल नौ लोग फूड पॉइजनिंग के लक्षणों के साथ पहुंचे थे. सभी को गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल भेजा गया था. उन्होंने कहा कि कुछ मरीजों को आगे इलाज के लिए ग्वालियर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था, जबकि तीन कर्मचारियों की मौत हो गई है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम रिसॉर्ट पहुंचीं
घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमें गौतमा रिसॉर्ट पहुंचीं. रिसॉर्ट में तैयार भोजन के सैंपल लिए गए और फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं. इसके साथ ही पुलिस ने उस परिसर को सील कर दिया है, जहां रिसॉर्ट कर्मचारी रहते थे. अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि भोजन में किस प्रकार की मिलावट या संक्रमण हुआ था.
जिला कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए तत्काल राहत राशि मंजूर की है. कलेक्टर ने मृत कर्मचारियों के परिजनों—प्रागीलाल कुशवाहा, गिरजा रजक और रामस्वरूप कुशवाहा—के लिए रेडक्रॉस सोसायटी से 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की. प्रशासन ने कहा कि यह प्रारंभिक सहायता है और आगे की जरूरतों के अनुसार अतिरिक्त मदद पर भी विचार किया जाएगा.
भोजन की गुणवत्ता की जांच के आदेश
इसके अलावा, कलेक्टर ने जिले के सभी प्रमुख रिसॉर्ट में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए. खजुराहो के सभी मुख्य रिसॉर्ट से खाने के सैंपल लेकर फोरेंसिक लैब भेज दिए गए हैं ताकि किसी संभावित लापरवाही का समय रहते पता लगाया जा सके.
जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रोशन द्विवेदी ने बताया कि मरीजों को अस्पताल लाए जाने तक उनकी हालत काफी गंभीर थी. उन्होंने कहा कि फूड पॉइजनिंग के गंभीर मामलों में तत्काल इलाज अत्यंत आवश्यक होता है, क्योंकि देरी होने पर मरीज की जान को खतरा बढ़ जाता है.



