शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता के मंत्री पार्थ चटर्जी गिरफ्तार, सियासत गर्म
मंत्री की करीबी अर्पिता के घर से ईडी को मिला 21 करोड़ कैश, 79 लाख का सोना और विदेशी मुद्रा
- अर्पिता को लिया गया हिरासत में, अभी और हो सकती हैं गिरफ्तारियां भाजपा ने घोटाले पर घेरा
- तृणमूल बोली, बदनाम करने के लिए लिया जा रहा ईडी का सहारा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के तत्कालीन शिक्षा मंत्री और वर्तमान में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। मंत्री की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर छापेमारी में ईडी को 21 करोड़ रुपये कैश, 79 लाख का सोना और 54 लाख की विदेशी मुद्रा मिली है। अर्पिता को हिरासत में ले लिया गया है। इसके बाद ईडी पार्थ चटर्जी के आवास पर पहुंची और कई घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के बाद बंगाल की सियासत गर्म हो गयी है। भाजपा ने गिरफ्तारी और कैश मिलने को ट्रेलर बताया है वहीं तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग करने और ममता सरकार के मंत्रियों को परेशान करने का आरोप लगाया है।
ईडी के अधिकारियों ने पार्थ चटर्जी को उनके आवास पर लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। जब यह घोटाला हुआ था तब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे। प्रवर्तन निदेशालय इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ धनशोधन संबंधी मामले की जांच कर रहा है। सीबीआई दो बार चटर्जी से पूछताछ कर चुकी है। पहली बार 25 अप्रैल को और दूसरी बार 18 मई को पूछताछ की गई थी। इसके पहले पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर ईडी ने छापा मारा था। खबर लिखे जाने तक ईडी ने नोटों की गिनती के लिए दो और मशीनें मंगाई हैं। अभी तक ईडी ने अर्पिता के घर से 21 करोड़ नकद बरामद किए हैं। इस कार्रवाई की जो तस्वीर सामने आई है उसमें 500 रुपये और 2000 रुपये के नोटों का बड़ा पहाड़ देखने को मिल रहा है। अर्पिता के अलावा ईडी ने कई और ठिकानों पर छापे मारे हैं। इस सूची में मंत्री पार्थ चटर्जी, माणिक भट्टाचार्य, आलोक कुमार सरकार, कल्याण मॉय गांगुली जैसे नाम शामिल बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। भाजपा नेता सुवेंदू अधिकारी ने कहा कि अर्पिता के घर से 21 करोड़ मिले हैं। वे पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की खास सहयोगी हैं। ये पैसा शिक्षा मंत्रालय के लिफाफे में पड़ा मिला है। उन्होंने इसे सिर्फ ट्रेलर करार दिया। वहीं पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, यह टीएमसी के नेताओं को परेशान करने और डराने-धमकाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है। सीबीआई पहले ही उनसे पूछताछ कर चुकी है और वे सहयोग कर रहे हैं। अब उन्हें बदनाम करने के लिए ईडी का सहारा लिया जा रहा है। भाजपा ने धनशोधन का मामला गढ़ा है।
अदालत ने बनाई थी कमेटी
राज्य के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत शिक्षक और अन्य पदों पर नियुक्तियों के लिए स्कूल सेवा आयोग ने वर्ष 2016 में परीक्षा आयोजित की थी। उसके परिणाम 27 नवंबर 2017 को आए। उसमें सिलीगुड़ी की बबीता सरकार का नाम शीर्ष 20 उम्मीदवारों में शामिल था, लेकिन आयोग ने वह सूची रद्द कर दी। बाद में निकली सूची में बबीता का नाम तो वेटिंग लिस्ट में चला गया लेकिन उससे 16 नंबर कम पाने के बावजूद मंत्री की पुत्री अंकिता का नाम शीर्ष पर आ गया। अदालत ने इस घोटाले की जांच के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट के बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
कौन हैं अर्पिता मुखर्जी
ईडी के मुताबिक अर्पिता मुखर्जी पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की क्लोज एसोसिएट हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अर्पिता मुखर्जी कुछ बंगाली, ओडिय़ा और तमिल फिल्मों में काम भी कर चुकी हैं। दुर्गा पूजा कमेटी के जरिए पार्थ से अर्पिता की मुलाकात हुई थी।
न्यायिक मुद्दों पर एजेंडा चलाना हानिकारक: सीजेआई
- मीडिया चला रहा कंगारू कोर्ट, प्रिंट की तुलना में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जवाबदेह नहीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रांची। सीजेआई एनवी रमन ने आज झारखंड में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मीडिया को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, हम देख रहे हैं कि मीडिया कंगारू कोर्ट चला रहे हैं। इसके चलते कई बार अनुभवी न्यायाधीशों को भी सही और गलत का फैसला करना मुश्किल हो जाता है। कई न्यायिक मुद्दों पर गलत सूचना और एजेंडा चलाना लोकतंत्र के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।
सीजेआई ने कहा, हम अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते। यह प्रवृत्ति हमें दो कदम पीछे ले जा रही है। प्रिंट मीडिया में अभी भी कुछ हद तक जवाबदेही है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की कोई जवाबदेही नहीं बची है। न्यायाधीश सामाजिक वास्तविकताओं से आंखें नहीं मूंद सकते हैं। न्यायाधीशों को समाज को बचाने और संघर्षों को टालने के लिए ज्यादा दबाव वाले मामलों को प्राथमिकता देना होगा।
तबादलों में खेल और मंत्रियों की नाराजगी के बीच सीएम पहुंचे दिल्ली, अटकलें तेज
- लोक सभा चुनाव से पहले सूबे में सियासी उठापटक से परेशान है शीर्ष नेतृत्व
- पीएम मोदी, शाह और नड्डा से करेंगे मुलाकात
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। पीडब्ल्यूडी और स्वास्थ्य विभाग के तबादलों में हुए खेल और मंत्रियों की नाराजगी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचे हैं। यहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि प्रदेश में चल रहे भ्रष्टाचार और सियासी उठापटक को लेकर सीएम शीर्ष नेतृत्व के सामने मामले को स्पष्टï करेंगे।
पीडब्ल्यूडी के तबादलों में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद सीएम ने विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय को न केवल हटा दिया बल्कि उनके खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश भी की है। विभाग के पांच अन्य अफसरों को निलंबित किया गया है। बताया जा रहा है कि इससे जितिन प्रसाद नाराज चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के तबादलों को लेकर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। जल शक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफा देकर हलचल मचा दिया था। माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व लोक सभा चुनाव के पहले प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक से परेशान है और मामले पर सीएम योगी को दिल्ली बुलाया गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में होंगे शामिल
सीएम योगी आदित्यनाथ आज शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में शामिल होंगे। वह निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट भी करेंगे।