लालू के साथ से बन जाएगी ममता की बात!
इंडिया गठबंधन में नेतृत्व को लेकर बढ़ी खींचतान

- ममता को मिल रहा सहयोगियों का समर्थन
- सपा, शिवसेना के बाद अब राजद ने भी कांग्रेस को दिया झटका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लालू प्रसाद यादव के समर्थन के बाद इंडिया गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को मिलना तय हो गयी। या यूं कहे कि नये तेवर और कलेवर के साथ विपक्ष की एनडीए पर हमलावर होने की रणनीति बन चुकी है। ममता एक क्रांतीकारी नेता है और लालू प्रसाद यादव भी क्रांती लिख चुके हैं। समाजवादी पार्टी शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पावार के साथ राष्ट्रीय जनता दल का भी सपोर्ट ममता को मिल चुका है। वह खुद नेतृत्तव करने की बात जगजाहिर कर चुकी हैं। ऐसे में एनडीए को इंडिया गठबंधन के साथ नयी चुनौती मिलना तय है।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन का गठन मैंने किया है। अगर मुझे मौका मिलता है, तो मैं इसका नेतृत्व करूंगी। उनके इस बयान को विपक्षी राजनीति में बड़ी हलचल के रूप में देखा जा रहा है। सपा और शिवसेना (यूबीटी) ने ममता के इस दावे का समर्थन किया है। एक प्रेस वार्ता के दौरान ममता बनर्जी ने कहा, मैंने इंडिया गठबंधन का आइडिया दिया और इसके गठन में अहम भूमिका निभाई। यदि मुझे नेतृत्व करने का मौका मिलता है, तो मैं इसे बेहतर दिशा में ले जाऊंगी। उन्होंने इसे भारतीय राजनीति में बदलाव लाने के लिए जरूरी कदम बताया। समाजवादी पार्टी और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने ममता के इस दावे का समर्थन किया। शिवसेना (क्चञ्ज) के नेता संजय राउत ने कहा, ममता बनर्जी ने हमेशा विपक्ष को मजबूत किया है और उन्हें लीडरशिप के लिए समर्थन देना स्वाभाविक है। सपा नेता ने भी ममता के नेतृत्व की प्रशंसा की। ममता के बयान पर भाजपा ने विपक्षी एकता पर सवाल उठाए। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ममता का यह दावा दिखाता है कि विपक्ष को राहुल गांधी पर भरोसा नहीं है। इंडिया गठबधंन केवल नेतृत्व की लड़ाई बनकर रह गया है, जहां हर कोई नेता बनने की होड़ में है।
गठबंधन के लिए क्यों जरूरी हो गयीं ममता बनर्जी
इंडिया गठबधंन को इस बात का एहसास हो गया कि भाजपा की मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ा जनआंदोलन खड़ा किये बिना बात नहीं बनेगी। राहुल गांधी कि भारत जोड़ा यात्रा ऐतिहासिक तो थी लेकिन वह बड़े जनआंदोलन में तब्दील नहीं हो सकी। ?कांग्रेस भी चखो और मजे लो की तर्ज पर सियासत कर रही थी। उस यात्रा में गठबधंन पार्टियों के लिए कोई सियासी स्क्रिप्ट का न होना भी कांग्रेस और गठबधंन नेताओं की दूरी का कारण बना। ममता बनर्जी एक करिश्माई नेता है और वह कहीं भी बड़ा आंदोलन खड़ा कर सकती है। बिहार में लालू, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव , दिल्ली में केजरीवाल से उनके अच्छे सियासी रिश्ते हैं। ऐसे में उम्मीद है ममता कुछ कर सके।
लालू का सपोर्ट
ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन के नये अगुवाकार की भूमिका पर लालू प्रसाद यादव ने कहा कि इस मुददे पर कांग्रेस की न का कोई मतलब नहीं। ममता बनर्जी आये और काम संभाले हमे उनकी जरूरत है। लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस से दूरी बनाते हुए ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व सौंपने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व दिया जाना चाहिए। हम 2025 में फिर से सरकार बनाएंगे। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि इस मुददे पर कांग्रेस के विरोध का कोई मतलब नहीं है।
कहां से बढ़ेगी असहमति?
ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि ममता के नाम आगे आने पर इंडिया गठबंधन में असहमति बढ़ेगी। लेकिन सूत्रों का यह कहना है कि सबकुछ तय शुदा स्क्रिप्ट पर हो रहा है। इस बात से किसी को गुरेज नहीं कि गठबंधन को महाराष्ट्र में बड़ी सियासी हार का सामना करना पड़ा है। गठबंधन महाराष्ट्र में जीत कर सियासत मे कमबैक की हसरत पाले था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टे उसका सूपड़ा साफ हो गया। घटक दलों की सियासत वहां काम नहीं आयी। या यूं कहें कि गठबंधन के नेता जनता की नीयत नहीं भांप सके। लोकसभा चुनावओं के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र में मिली हार ने कांग्रेस के प्रति लोगों के रवैये को बदल दिया है। यही कारण है कि गठबंधन के अंदर भी कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे है। क्योंकि कांग्रेस के पास राहुल गांधी के अलावा दूसरा चेहरा नहीं है। इसलिए ममता को आग किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की फ्लीट की भिड़ीं गाड़ियां
- लखनऊ में लूलू मॉल के पास हुआ हादसा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी में शहीदपथ पर मंगलवार सुबह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला की फ्लीट में चल रही गाड़ियां आपस में भिड़ गई। हादसे में फ्लीट की गाडिय़ों के कई चालक चोटिल हो गए। चोटिल सुरक्षा कर्मी और चालकों को आनन फानन अस्पताल ले जाया गया। जिस वक्त ये घटना हुई उस समय राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला एयरपोर्ट से हजरतगंज गर्वनर हाउस जा रहे थे। इस बीच लूलू माल के पास राज्यपाल और कुछ सुरक्षा कर्मियों की गाडिय़ां आगे चल रही थी।
सूचना मिलते ही अपर पुलिस उपायुक्त राजेश यादव, ट्रैफिक पुलिस के टीएसआई और इंस्पेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी अंजनी मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। राज्यपाल को सुरक्षा के घेरे में राजभवन भेजा गया। चोटिल चालक और सुरक्षा कर्मियों को अस्पताल ले जाया गया। अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि राज्यपाल सुरक्षित हैं। उनकी गाड़ी पुलिस की गाडिय़ों के साथ आगे थी। क्रेन मंगवाकर गाडिय़ां हटवाई जा रही हैं। हादसे के दौरान करीब घंटे भर शहीदपथ पर वाहनों का आवागमन बंद रहा। इस दौरान सामान्य वाहनों को सर्विस लेन से गुजारा गया। इससे एकाएक सर्विस लेन पर ट्रैफिक लोड बढऩे से जाम लग गया। करीब डेढ़ घंटे तक जाम की यह स्थिति बनी रही।
एक वाहन के चालक के अचानक ब्रेक लगाने से हुआ हादसा
पीछे फ्लीट में लगी जिप्सी के आगे चल रहे वाहन के चालक ने राजपूताना मैरिज लान के सामने एकाएक ब्रेक लगा दी। ब्रेक लगते ही करीब 80 से 100 की रफ्तार में पीछे चल रही बोलेरो, एंबुलेंस और अन्य गाडिय़ां आपस में टकरा गई।
मोदी सरकार ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री कर दी बर्बाद
- आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार गुप्ता का केन्द्र सरकार पर आरोप
- 28 फीसदी जीएसटी बनी कोढ़ में खाज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार गुप्ता ने कहा कि कपड़ा उद्योग पर लागू की गई 28 फीसदी जीएसटी बेहद नुकसानदेह और बर्बादी का कारण है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र का यह कदम भारतीय व्यापारियों को देश से बाहर करने की एक कोशिश है, जो देश की आर्थिक स्थिति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
सुशील ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की सरकार टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बर्बाद करने पर तुली है। सरकार अच्छे व्यापारियों को देश से भगा देना चाहती है। आम आदमी पर टैक्स का बोझ बढ़ाकर सरकार गरीबों की समस्याओं को और बढ़ा रही है। जब तक वैट और सेल टैक्स थे, तब कपड़े पर कोई टैक्स नहीं होता था, लेकिन जीएसटी में सरकार ने पांच फीसदी टैक्स लगाया, कोविड के दौरान इसे 12 फीसदी तक कर दिया और अब 28 फीसदी तक पहुंच गया है।
सिसोदिया ने पहले ही जंगपुरा से चुनाव लडऩे का लिया था फैसला
मनीष सिसोदिया की सीट बदले जाने पर उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी भाजपा के कहने से नहीं चलती है। मनीष सिसोदिया ने पहले ही जंगपुरा से चुनाव लडऩे का फैसला लिया था और इस फैसले को पार्टी के भीतर पूरा सम्मान दिया गया है। उन्होंने कहा कि आप का कोई भी फैसला भाजपा के दबाव में नहीं होता और पार्टी अपने आंतरिक फैसलों पर ही काम करती है। सुशील ने किसान आंदोलन पर भी अपनी चिंता जताई और प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह किसानों से मिलें। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने जो वादा किया था कि एमएसपी की गारंटी का कानून बनाएंगे, वह पूरा नहीं किया। पूरे देश में 750 किसानों ने अपनी शहादत दी, लेकिन प्रधानमंत्री उस वादे को भूल गए। उनका यह व्यवहार पूरी तरह से असंवेदनशील है। मैं प्रधानमंत्री से निवेदन करता हूं कि वह किसानों से मिलकर उनका दुख-दर्द समझें और इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएं।
नहीं रहे पूर्व विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा, शोक की लहर
- राष्ट्रपति,पीएम समेत देश के अन्य नेताओं ने जताया दुख
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा का 92 वर्ष की आयु में उनके बेंगलुरू स्थित आवास पर निधन हो गया। वह उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। अपनी बौद्धिक क्षमता और प्रशासनिक कौशल के लिए पहचाने जाने वाले एस एम कृष्णा का राजनीतिक करियर पांच दशक से भी ज्यादा समय तक शानदार रहा।
उन्होंने 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। यूपीए सरकार के तहत विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने एक प्रतिष्ठित राजनेता के रूप में रहा। उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल और कर्नाटक विधानसभा का अध्यक्ष पद भी संभाला। उनके निधन पर पीएम, राष्ट्रपति समेत देश के अन्य नेताओं ने दुख जताया।