गुजरात के कई दिग्गजों को इस बड़े काम के लिए मिला सम्मान
76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस साल कुल 139 हस्तियों को पद्म सम्मान के लिए चुना गया... इनमें गुजरात की आठ हस्तियों को जगह मिली है...
4पीएम न्यूज नेटवर्कः हर वर्ष की तरह 2025 में भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा हुई….. जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान देने वाली शख्सियत को अवार्ड देने की घोषणा की गई…… और उनमें गुजरात के सुरेशभाई सोनी का भी नाम शामिल है….. जो कि ‘सहयोग कुष्ठ यग्न ट्रस्ट’ के संस्थापक हैं…… वह बेसहारा लोगों को शरण देते हैं….. पद्मश्री की घोषणा होने के बाद सुरेशभाई से मिलने….. और उन्हें बधाई देने के लिए लोग उनके घर पहुंच रहे हैं…… सुरेशभाई खुद शारीरिक रूप से अभी अस्वस्थ हैं….. लेकिन 1988 से वह लगातार असहाय लोगों की मदद कर रहे हैं…..
आपको बता दें कि सुरेशभाई सोनी का फाउंडेशन कुष्ठ रोग के मरीजों को शरण देता है….. उनकी इस निस्वार्थ सेवा में पत्नी भी सहयोग करती हैं….. बताया जा रहा है कि यह संगठन एक हजार से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है….. समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में सुरेशभाई सोनी ने कहा कि हमें बहुत बहुत खुशी है कि भारत सरकार ने हमको पद्मश्री के लिए चुना हैं…… हमने यहां 1988 में काम शुरू किया था….. अभी 1056 लोग पर रहते हैं….. भारत सरकार से जो सम्मान मिला है…. उसके लिए हम बहुत-बहुत आभार जताते हैं……
बता दें कि गुजरात के साबरकांठा जिले में स्थित इस ट्रस्ट की शुरुआत सुरेशभाई सोनी ने 14 सितंबर 1988 को गणेश चतुर्थी के दिन की थी….. उस वक्त इस फाउंडेशन की शुरुआत छह बच्चों के साथ की गई थी….. इस फाउंडेशन को 31.75 एकड़ जमीन दान में मिली है….. भारत सरकार ने 7 शख्सियत को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण….. और समाज के अलग-अलग क्षेत्र में कार्यरत 113 लोगों को पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा शनिवार को की थी…..
वहीं केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने साल 2025 के पद्म अवॉर्ड का ऐलान कर दिया है…… इस साल कुल 139 लोगों को यह सम्मान मिलेगा….. इनमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण….. और 113 पद्मश्री शामिल है….. ये पुरस्कार कला, समाजसेवा, सार्वजनिक जीवन, विज्ञान, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और नागरिक सेवा जैसे कई क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए दिए जाते हैं…… इन पुरस्कारों में 23 महिलाएं, 10 विदेशी/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई और 13 मरणोपरांत शामिल हैं……. गुजरात की आठ हस्तियों में पद्म अवॉर्ड 2025 में जगह मिली हैं….. इनमें एक पद्म विभूषण, 1 पद्म भूषण और छह अन्य को पद्मश्री के लिए चुना गया है…..
बता दें कि गुजरात की जिन आठ हस्तियों को पद्म सम्मान मिले हैं….. उनमें राज्य की प्रसिद्ध कथर डांसर और कोरियोग्राफर कुमुदनी लाखिया….. और राम मंदिर के शिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा शामिल हैं….. लाखिया इन दिनों काफी बीमार चल रही हैं….. वे अपने जमाने की नामचीन नृत्यांगना रही हैं…… लाखिया अहमदाबाद में रहती हैं….. जायड्स लाइफसाइसेंस के मालिक पंकज पटेल को भी सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है…… वह पूर्व में फिक्की के प्रेसीडेंट भी रह चुके हैं….. इसके अलावा सरकार ने गुजरात भाषा के श्रेष्ठ साहित्यकार रहे चंद्रकांत शेठ को भी मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित करने का ऐलान किया है….. परमार लवजीभाई नागजीभाई को कला क्षेत्र के काम के लिए पद्म श्री मिला है….
वहीं पद्म सम्मान पाने वालों में गुजराती लेखक और कवि तुषार शुक्ला भी शामिल हैं….. और उन्होंने 2023 में समुद्री चक्रवात बिपरजॉय से सरकार के शानदार तरीके से लड़ने के बाद पीएम मोदी की तारीफ की थी…… तब पीएम मोदी ने उनकी पोस्ट पर प्रतिक्रिया भी दी थी….. शुक्ला ने अहमदाबाद के सेंट जेवियर कॉलेज में पढ़े हैं…… शुक्ला ने इसके बाद की पढ़ाई गुजरात यूनिवर्सिटी से की है….. इसके बाद सुरेश हरीलाल और रतन कुमार परिमू का नाम शामिल हैं….. परिमू कला और सुरेश हरीलाल सोनी सामाजिक कार्य के लिए सम्मानित किए गए हैं…..
रतन परिमू पूर्व में वडोदरा स्थित महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रह चुके हैं….. और उन्हें प्रख्यात कला इतिहासकार, शिक्षाविद और फाइन आर्ट्स संकाय के पूर्व डीन के तौर पर जाना जाता है…. उन्हें यह सम्मान भारतीय कला इतिहास और सौंदर्यशास्त्र में उनके अग्रणी योगदान के लिए सम्मानित किया गया है…… अजन्ता, एलोरा और मुगल चित्रकला जैसी शास्त्रीय भारतीय कला शैलियों पर उनके व्यापक शोध के लिए उन्हें जाना जाता है….. ‘बड़ौदा ग्रुप ऑफ आर्टिस्ट्स’ के सह-संस्थापक के रूप में प्रोफेसर परिमू ने उपनिवेशोत्तर युग में आधुनिक भारतीय कला को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई….. विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और बाद में डीन के रूप में उनका कार्यकाल कला इतिहास को कलात्मक अभिव्यक्ति के साथ जोड़ने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से चिह्नित था….. यह पुरस्कार कला शिक्षा और अनुसंधान को समृद्ध करने में उनके जीवन भर के कार्य का उपयुक्त सम्मान है…..