महबूबा मुफ्ती ने US को घेरा, कहा- ऑपरेशन सिंदूर के समय एक्टिव थे, अब क्यों गायब
महबूबा मुफ्ती ने कहा, अमेरिका ऑपरेशन सिंदूर के समय एक्टिव था और कई दावे करता है. लेकिन फिर भी जब गाजा पर इजराइल की लगातार बमबारी या ईरान पर उसके नए हमले की बात आती है तो तात्कालिकता गायब हो जाती है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः ईरान और इजराइल के बीच जंग छिड़ गई है. इस बीच पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अमेरिका की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं. महबूबा मुफ्ती ने कहा, अमेरिका ऑपरेशन सिंदूर के समय एक्टिव था और कई दावे करता है. लेकिन फिर भी जब गाजा पर इजराइल की लगातार बमबारी या ईरान पर उसके नए हमले की बात आती है तो तात्कालिकता गायब हो जाती है.
इजराइल ने ईरान पर हमला कर दिया है. इसी के बाद अब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी जंग पर पोस्ट किया है और भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़े तनाव के दिनों में अमेरिका की भूमिका का जिक्र किया है. वहीं, ईरान-इजराइल के बीच अमेरिका क्या रोल निभा रहा है उस पर भी सवाल उठाए. इजराइल ने ईरान पर शुक्रवार को सुबह तड़के अटैक किया. इजराइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया. इस हमले में ईरान को भारी नुकसान पहुंचा है. साथ ही कई प्रमुखों की मौत भी दर्ज की गई है.
Israel’s attack on Iran is yet another brazen act by a state that appears to have gone rogue. The silence of the global community particularly Western powers led by the United States is both alarming and telling. This silence amounts to tacit approval. In the case of…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 13, 2025
महबूबा मुफ्ती ने ईरान पर इजराइल की तरफ से किए गए हमले को लेकर इजराइल को टारगेट करते हुए कहा, ईरान पर इजराइल का हमला एक और दुस्साहसी कदम है, जो यह दिखाता है कि यह देश अब बेकाबू हो चुका है. वैश्विक समुदाय खासकर अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी शक्तियों की चुप्पी चिंताजनक. अमेरिका के इस जंग में रोल को लेकर सवाल खड़ा करते हुए महबूबा मुफ्ती ने यहां तक कहा कि अमेरिका की यह चुप्पी सहमती के बराबर है.
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा, भारत-पाकिस्तान तनाव के मामले में, अमेरिका यह दावा करने से कभी नहीं चूकता कि तनाव को बढ़ने से रोकने में उसका हस्तक्षेप अहम रहा है. फिर भी जब गाजा पर इजराइल की लगातार बमबारी या ईरान पर उसके नए हमले की बात आती है तो वही तात्कालिकता गायब हो जाती है. ये साफ तौर पर दोहरे मानदंड वैश्विक शांति और स्थिरता को खतरे में डालते हैं.
तथाकथित मुस्लिम देशों की चुप्पी भी उतनी ही परेशान करने वाली है, जो इस तरह के गंभीर अन्याय के सामने बेशर्मी से ऐसे बने हुए हैं जैसे वो है ही नहीं. उनका इन मामलों पर एक्शन न लेने न सिर्फ निराशाजनक है, बल्कि यह उन कारणों के साथ विश्वासघात है जिनके लिए वे खड़े होने का दावा करते हैं.
इजराइल और ईरान के बीच जंग छिड़ गई है. इजराइल ने शुक्रवार को राजधानी तेहरान पर हमला किया. ड्रोन बरसाए और ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया. इस अटैक से ईरान को भारी नुकसान हुआ. साथ ही उसके कई सैन्य प्रमुखों की मौत भी हो गई. इजराइल पर पलटवार करते हुए हालांकि ईरान ने भी हमला कर दिया है. ईरान ने इजराइल पर 100 से ज्यादा ड्रोन दागे.
US ने किया किनारा
इस अटैक के बाद अमेरिका ने सीधे तौर पर इजराइल को समर्थन देने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का कहना है कि इजराइल ने यह हमला खुद से किया है और इसमें अमेरिका का कोई रोल नहीं है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, इजराइल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की. हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारा फोकस क्षेत्र में अमेरिकी बलों की रक्षा करना है. मैं फिर यह बात साफ कह दूं कि ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए क्योंकि इजराइल ने ईरान पर यह हमला एकतरफा किया है.



