मिशन 2024: तोहफों के सहारे अपनेपन का सियासी संदेश

अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भले अमेठी वासियों को त्योहारों पर तोहफे भेजती रही हैं। लेकिन पहली बार गांधी परिवार ने भी स्मृति की तरह अमेठी के लोगों को अपना रिश्ता याद दिलाने के वास्ते तोहफों के सहारे अपनापन जताया है।
हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय पहले ही राहुल गांधी को अमेठी से लड़ाई जाने का एलान करके सियासी पारा गर्म कर चुके हैं। मिशन 2024 को देखते हुए इस बार अमेठी को वापस पाने के लिए गांधी परिवार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। तभी दीपावली में राहुल और प्रियंका की तस्वीरों वाले पांच हजार तोहफे अमेठीवासियों को पहली बार बांटे गए हैं। हालांकि कांग्रेस की इस कवायद के सियासी निहितार्थ भी लोगों ने निकालने शुरू कर दिए हैं। ऐसा लग रहा है प्रियंका गांधी जहां अपने भाई का चुनावी प्रबंधन यहां संभालेंगी।
वहीं राहुल गांधी अमेठी से अपना आत्मीय रिश्ता सहेजने जल्द ही यहां दस्तक भी दे सकते हैं। वहीं सांसद के तौर पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी के एक लाख घरों तक तोहफे पहुंचाकर गांधी परिवार से फौरी बाजी जरूर मार ली है। हालांकि तोहफों की इस कवायद को कांग्रेस स्थानीय स्तर पर जरूर करती आयी है। लेकिन पहली बार राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की तस्वीरें लगे तोहफों से सियासी सन्देश भी बड़े निकल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जहां मिटटी के दीपक, टिफिन, दीवार घड़ी, मोबाईल फोन समेत साडिय़ां और कपड़े तोहफों के रूप में भेजे हैं। वहीं कांग्रेस ने राहुल और प्रियंका की तरफ से शर्ट-पैंट, मिट्टी के दिए, मिठाई, चूरा समेत कपड़ों के गिफ्ट पैक भेजे हैं। भाजपा और कांग्रेस के नेता इन तोहफों के पीछे सियासत को नकारते हुए अमेठीवासियों से भावनात्मक लगाव करार दे रहे हैं।

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