मोदी काम के आधार पर वोट नहीं मांग सकते: प्रियंका

बोलीं- धर्म की बात, जाति की बात चुनाव के समय क्यों होती है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अजमेर। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि जो लोग धर्म या जाति के नाम पर वोट मांगते हैं, वे अपने काम के आधार पर वोट नहीं मांग सकते। प्रियंका ने केकड़ी (अजमेर) में चुनावी जनसभा में यह बात की। मुख्य विपक्षी दल बीजेपी पर एक तरह से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘धर्म की बात, जाति की बात चुनाव के समय क्यों होती है? जो नेता चुनाव के समय यह बात कर रहा है इसका मतलब है कि इसके आधार पर वोट मांग रहा है, वह कह रहा है कि धर्म या जाति के आधार पर वोट दो, तो इसका मतलब है कि वह काम के आधार पर वोट नहीं मांग सकता। उन्होंने लोगों से जागरूकता के साथ और सरकार के काम के आधार पर मतदान करने की अपील की।
उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनावी रणभूमि में उतरे हैं जबकि यहां भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह बिखरी हुई है। उन्होंने कहा कि पार्टी के बड़े बड़े स्थानीय नेताओं को किनारे कर दिया गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा,..आपको सोचना पड़ेगा कि धर्म और जाति की बात चुनाव के समय क्यों होती है…असली नेता जिसने आपके लिए काम किया है वे काम के आधार पर वोट मांगते हैं…उनकी (बीजेपी) मध्य प्रदेश में 18 साल से सरकार है लेकिन वे जब मंच पर खड़े होते हैं, एक काम का नाम नहीं लेते… वहां भी वे धर्म और जाति के बारे करते हैं और उसी के आधार पर वोट मांगते हैं। प्रियंका ने आरोप लगाया कि बीजेपी की नीति बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की है, वह गरीबों और मध्यम वर्ग के बारे में नहीं सोचती। उन्होंने कहा कि आपसे खींचना और बड़े-बड़े उद्योगपतियों को सींचना। यह उनकी नीति है, कांग्रेस नेता ने लोगों से पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने की अपील करते हुए आगाह किया कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो वह मौजूदा कांग्रेस सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाएं बंद कर देगी।

राहुल गांधी देश के लिए जान देने वाले नेता : खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने राजस्थान के अनूपगढ़ की जनसभा में कहा कि देश की सेवा में कांग्रेस पार्टी लगी है। हमारी पार्टी में इंदिरा जैसी महान नेता ने अपनी जान कुर्बान कीं। इस दौरान खरगे ने अपनी जुबान पर नियंत्रण खोते हुए कह दिया कि राहुल गांधी ने देश के लिए अपनी जान दी। हालांकि फौरन बाद उन्होंने अपनी बात को सुधारते हुए कहा कि देश की एकता के लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी। कांग्रेस में जान देने वाले लोग हैं और बीजेपी में जान लेने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी को किसने मारा? नाथूराम गोडसे ने। फिर भी उस नाथूराम गोडसे के लोग कहां हैं, कौन सी पार्टी में हैं। ये लोग एक तरफ देश की बात करते हैं और देश के लिए जिन्होंने कुर्बानी दी, गांधी जी को जिन्होंने हमें आजादी दिलाई उनकी फिलॉसफी के खिलाफ बोलते हैं। नेहरू जी की फिलॉसफी के खिलाफ बोलते हैं। इंदिरा जी कामों को कभी उन लोगों ने स्वीकार नहीं किया।

ये मुख्यमंत्री फर्जी सर्टिफिकेट देते हैं : मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि साथियों जबसे महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित हुआ है। तब से इन्होंने महिलाओं के विरुद्ध अभद्र अभियान छेड़ दिया है। घमंडिया गठबंधन के नेताओं ने कैसी-कैसी आपत्तिजनक टिप्पणियां हमारी माताओं-बहनों के लिए की हैं। बिहार के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में महिलाओं के प्रति घोर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है। लेकिन मजाल है कि कांग्रेस के किसी नेता ने आवाज उठाई हो। यही कांग्रेस का असली चेहरा है जिसे राजस्थान के लोग पहचान गए हैं। उन्होंने कहा कि साथियों महिला विरोधी कांग्रेस कभी महिलाओं का कल्याण नहीं कर सकती, कभी महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकती। कांग्रेस ने राजस्थान को महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर वन बना दिया है। राजस्थान की बहनों-बेटियों ने पुलिस थाने में जाकर के उनके ऊपर हुए अत्याचार और जुल्म की शिकायतें दर्ज की हैं। यहां मुख्यमंत्री कहते हैं कि सारी शिकायतें फर्जी हैं। उन्होंने कहा कि क्या कोई मां-बहन ऐसी फर्जी शिकायत करे, ऐसा हमारे देश में हो सकता है क्या। हमारे देश की मां-बहनें ऐसी हैं कि कभी उनके साथ किसी ने बदतमीजी की हो तो चुपचाप वहां से चली जाती है। वो सोचती है कि वह बुरा आदमी है तो अपने घर जाए, मैं अपने काम पर चली जाती हूं। वह कभी झूठ बोलने का तो सोचती भी नहीं है। अगर महिलाएं पुलिस थाने में जाकर के खुद पर हुए अत्याचार की रिपोर्ट लिखवाती है तो कुछ तो सच होगा कि नहीं। अरे मुख्यमंत्री ये कहे कि हम जांच करवाएंगे, लेकिन भई ये मुख्यमंत्री सर्टिफिकेट देते हैं कि महिलाएं आजकल फर्जी चीजें लिखवा देती हैं। क्या महिलाओं का अपमान है कि नहीं है। ये अपमान करने वाली सरकार जानी चाहिए कि नहीं जानी चाहिए।

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