मनरेगा को कमजोर कर रही मोदी सरकार: राहुल गांधी

  • नेता प्रतिपक्ष ने कहा- यह योजना सामाजिक न्याय के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र की एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस नेता व रायबरेली के सांसद ने मोदी सरकार पर मनरेगा को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार द्वारा इस योजना की क्षमता का समर्थन करने में विफलता के बावजूद, यह सामाजिक न्याय के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने याद किया कि 2005 में इसी दिन, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने महात्मा गांधी राष्टï्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लागू किया था और भारत के विकास के लिए एक समान और समावेशी दृष्टिकोण की कल्पना की थी। गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा,हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट, सरल और एकतरफा था हमारे समाज के सबसे गरीब वर्गों का उत्थान करना और उन्हें सम्मान का जीवन प्रदान करना। उन्होंने कहा, हमने माना कि गरीबी और बेरोजगारी विकास में महत्वपूर्ण बाधाएं हैं और इन मुद्दों को सीधे संबोधित करने के लिए मनरेगा की अवधारणा बनाई गई थी। यह लोगों को सम्मानजनक बुनियादी न्यूनतम आय की गारंटी देकर उन्हें सशक्त बनाने का एक क्रांतिकारी कदम था। गांधी ने कहा कि उसके बाद के वर्षों में, मनरेगा भारत की ताकत का एक शानदार उदाहरण बन गया है, जिसने 2005-06 और 2015-16 के बीच 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला, लाखों लोगों को रोजगार दिया और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बदल दिया।

बजटीय आवंटन को 10 साल के निचले स्तर पर घटा

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कार्र्यक्रम की लगातार आलोचना के बावजूद, वे अब इस पर भरोसा करते हैं जबकि साथ ही इसे कमजोर भी कर रहे हैं। बजटीय आवंटन को 10 साल के निचले स्तर पर घटा दिया गया है, आधार और तकनीक की आड़ में 7 करोड़ से अधिक श्रमिकों के जॉब कार्ड हटा दिए गए हैं, राज्यों को भुगतान में देरी हुई है और मजदूरी को बेहद कम स्तर पर रखा गया है, कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया। उन्होंने कहा,इस दूरदर्शी योजना की क्षमता को समझने या उसका समर्थन करने में सरकार की विफलता के बावजूद, मनरेगा सामाजिक न्याय और हाशिए पर पड़े लोगों के सशक्तिकरण के लिए हमारी निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। गांधी ने कहा, मनरेगा जैसे जन-केंद्रित कार्यक्रमों के माध्यम से हम वास्तव में एक ऐसे भारत के सपने को पूरा कर सकते हैं जो मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर हो और दुनिया के देशों में सबसे आगे हो।

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