मोदी सरकार का जनता को झटका, 35% GST में होगा इजाफा
पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता के ऊपर एक बार फिर से डबल महंगाई की मार पड़ने जा रही है...
4पीएम न्यूज नेटवर्कः बहुत हुई महंगाई की मार… अबकी बार भाजपा की सरकार सहित कई चुनावी जुमलों के साथ…. बीजेपी ने सत्ता में आने के लिए और कई जुमलों का सहारा लिया था…. और जनता से तमाम वादे करके मोदी सत्ता में आ गए…. वहीं सत्ता में आते ही जनता से किए सभी वादे भूल गए… मोदी जी दो हजार चौदह मे सत्ता में आते ही… दो हजार सोलह में नोटबंदी…. और एक जुलाई दो हजार सत्रह में जीएसटी जनता के ऊपर थोप दिया गया… और सरकार द्वारा जनता को बताया गया कि जीएसटी से आपको बहुत राहत मिलेगी और महंगाई की मार से निजात मिलेगी…. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और जीएसटी लगने से किचन का बजट बिगड़ गया…. और सभी सामान महंगे हो गए…. घरेलू प्रयोग के सामान किचन के सामान से लेकर सभी युजफुल सामानों के दामों में इजाफा हो गया…. और नमक के दामों में भारी बढ़ोत्तरी हो गई… इससे पहले नमक पर किसी भी प्रकार का कोई टेक्स नहीं लिया जाता था…
आपतो बता दें कि अंग्रेजों के द्वारा एक बार नमक पर टैक्स लगा दिया गया था जिसको लेकर महात्मा गांधी ने आंदोलन शुरू कर दिय़ा था…. महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के नमक कानून को तोड़ने के लिए इस दांडी मार्च का आयोजन किया था…. और साल उन्नीस सौ तीस में बारह मार्च को महात्मा गांधी के नेतृत्व में नमक कानून के खिलाफ दांडी यात्रा की शुरुआत हुई थी…. आपको बता दें कि बारह मार्च उन्नीस सौ तीस को महात्मा गांधी ने नमक पर टैक्स लगाने के अंग्रेजों के फैसले के खिलाफ अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से नमक सत्याग्रह की शुरुआत की….. इसके तहत समुद्र के किनारे बसे एक गांव दांडी तक चौबीस दिन की लंबी यात्रा की गई…. यहां पहुंचकर गांधीजी के नेतृत्व में हजारों लोगों ने अंग्रेजों ने नमक कानून को तोड़ा…. बता दें कि दांडी यात्रा यानि नमक सत्याग्रह की शुरुआत बारह मार्च उन्नीस सौ तीस को हुई थी…. महात्मा गांधी के नेतृत्व में चौबीस दिन का यह अहिंसा मार्च छह अप्रैल को दांडी पहुंचा और अंग्रेजों का बनाया नमक कानून तोड़ा… उस वक्त देश पर अंग्रेजों का राज था… और किसी भी भारतीय के नमक इकट्ठा करने या बेचने पर रोक थी…. यही नहीं भारतीयों को नमक अंग्रेजों से ही खरीदना पड़ता था…. नमक बनाने के मामले में अंग्रेजों की मोनोपॉली चलती थी… और वह नमक पर भारी टैक्स भी वसूलते थे…. नमक सत्याग्रह अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ एक बड़ी रैली थी….
वहीं नमक पर भी मोदी सरकार जीएसटी ले रही है… वहीं नमक पर अंग्रेजों के द्वारा लगाए गए कर के खिलाफ आंदोलन किया गया था… इसी तरह से जनता को गुमराह कर करके मोदी सरकार जबसे सत्ता में आई है…. एक के बाद एक नियम जनता के ऊपर थोपती जा रही है…. और महंगाई लगातार बढ़ती ही जा रही है…. आपको बता दें कि देश में जिस तरह से बेरोजगारी बढ़ती जा रही है… उसके हिसाब से बढ़ रही महंगाई से जनता भारी बोझ के चले दबती चली जाएगी… और एक समय ऐसा आएगा की देश में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है… लेकिन सरकार पर कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा है…. और मोदी सरकार अपनी जेब भरने में मस्त है…. इसी कड़ी में महंगाई की मार झेल रही जनता एक बार फिर से जीएसटी की जबल मार खाने जा रही है… अब सरकार जीएसटी में भारी बढ़ोत्तरी करने जा रही है…. और जीएसटी को अट्ठारह फीसदी से बढ़ाकर पैंतीस फीसदी करने जा रही है…. जिससे एक सौ अड़तालीस सामानों के दाम बढ़ जाएंगे…. और जनका के किचन से लेकर लाइफस्टाइल तक का बजट बिगड़ जाएगा….
आपको बता दें कि आने वाले दिनों में कई सामान महंगे और सस्ते हो सकते हैं….. क्योंकि सरकार इन वस्तुओं पर जीएसटी की दरों को बदलने जा रही है…. दरअसल, जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने दो दिसंबर को कई सामानों पर दरों को घटाने-बढ़ाने की सिफारिश की है…. हालांकि, इन पर अंतिम फैसला ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की रिपोर्ट पर इक्कीस दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक लिया जाएगा….. जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर जीएसटी मंत्रियों के समूह ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है… जिसमें एक सौ अड़तीस वस्तुओं पर कर दरों में व्यापक बदलाव की सिफारिश की गई है…. इसमें कपड़ा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव भी शामिल है…. मनीकंट्रोल की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के अनुसार…. तीन सूत्रों ने कहा कि दरों में बदलाव राजस्व-सकारात्मक होगा…. और इक्कीस दिसंबर को आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर चर्चा होने की संभावना है….
मिली जानकारी के अनुसार जीओएम ने कपड़ा, साइकिल, व्यायाम पुस्तकों की वस्तुओं की दरें कम करने का ध्यान रखा है…. जो आम आदमी के उपयोग में हैं….. जबकि कई लक्जरी सामानों पर दर को अट्ठाइस प्रतिशत तक जीएसटी बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है…. वहीं एक अन्य सूत्र ने बताया कि जीओएम ने एक रिवाइज्ड स्लैब स्ट्रक्चर का सुझाव दिया है…. जो पंद्रह सौ रुपये तक के कपड़ा वस्तुओं के लिए पांच प्रतिशत की दर रखता है….. लेकिन पंद्रह सौ रुपये से दस हजार रुपये के बीच की कीमत वाले उत्पादों के लिए अट्ठारह प्रतिशत कर का प्रस्ताव करता है…. दस हजार रुपये से अधिक कीमत वाले कपड़ों के लिए, रिपोर्ट में अट्ठाइस प्रतिशत तक बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है…. उन्हें लक्जरी सामानों के साथ रखा गया है….
आपको बता दें कि वर्तमान में, कपड़ों के लिए जीएसटी रेट स्ट्रक्चर में एक हजार रुपये तक की कीमत वाली वस्तुओं पर पांच प्रतिशत टैक्स और एक हजार रुपये से अधिक कीमत वाली वस्तुओं पर बारह प्रतिशत टैक्स लागू होता है…. जीओएम ने महंगी रिस्ट वॉच और जूतों समेत कई लक्जरी वस्तुओं पर जीएसटी दरें बढ़ाने का सुझाव दिया है….. इस बीच, आवश्यक उत्पादों को और अधिक किफायती बनाने के लिए, समूह ने साइकिल, व्यायाम से जुड़ी किताबें…. और पैकेज्ड पीने के पानी के बड़े पैक जैसी वस्तुओं पर जीएसटी कम करने का प्रस्ताव दिया है…. जीओएम ने पच्चीस हजार रुपये से अधिक कीमत वाली हाथ घड़ियों पर जीएसटी दर अट्ठारह प्रतिशत से बढ़ाकर अट्ठाइस प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है….. इसी तरह, पंद्रह हजार रुपये से अधिक कीमत वाले जूतों पर भी टैक्स बढ़ोतरी होगी…. जिसकी दर अट्ठारह प्रतिशत से बढ़कर अट्ठाईस प्रतिशत हो जाएगी….
दूसरी ओर, रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर राहत देने के लिए जीओएम ने दस हजार रुपये से कम कीमत वाली साइकिल पर जीएसटी को बारह प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है….. व्यायाम पुस्तकों और बीस लीटर से अधिक के पैकेज्ड पेयजल पर भी जीएसटी क्रमशः बारह प्रतिशत और अट्ठारह प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया जाएगा…. बता दें कि सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने वालों की जेब का खर्च बढ़ने वाला है….. दरअसल, इस पर लगने वाले जीएसटी की दरों में इजाफा किया जा सकता है…. जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले रेट्स को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित किए गए मंत्रियों के समूह ने तंबाकू प्रोडक्ट्स पर जीएसटी अट्ठाइस फीसदी से बढ़ाकर अब पैंतीस फीसदी किए जाने की सिफारिश की है…. हालांकि, इसपर अंतिम फैसला इसी महीने इक्सीस दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा….
जानकारी के मुताबिक, GST रेट्स को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह ने सोमवार को सिगरेट एवं तंबाकू जैसे हानिकारक प्रोडक्ट्स के साथ ही कोल्ड ड्रिंक पर भी जीएसटी की दर को मौजूदा अट्ठाइस फीसदी से बढ़ाकर पैंतीस फीसदी किए जाने की सिफारिश की…. अगर सरकार की ओर से ये फैसला लिया जाता है…. तो इन प्रोडक्ट्स के दाम में तगड़ा उछाल देखने को मिल सकता है….. वहीं एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में जानकारी देते हुए कहा गया है कि बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में GoM ने ये फैसला किया है….. यहां बता दें कि पैंतीस फीसदी की ये जीएसटी दर मौजूदा चारों स्लैब पांच फीसदी, बारह फीसदी, अट्ठारह फीसदी, और अट्ठाइस फीसदी के अतिरिक्त होगी…. जीओएम ने रेडीमेड और महंगे कपड़ों पर टैक्स रेट्स को भी तर्कसंगत बनाने के साथ ही समेत…. एक सौ अड़तालीस सामानों की दरों में बदलाव की सिफारिश की है….
आपको बता दें कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने जीएसटी रेट्स में बदलाव की जो सिफारिश की है….. उसकी रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को सौंपी जाएगी…. और इस पर आखिरी फैसला इक्कीस दिसंबर की प्रस्तावित बैठक में लिया जाएगा….. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की पचपनवीं बैठक राजस्थान के जैसलमेर में होने वाली है….. बता दें कि पुरानी अप्रत्य्क्ष कर व्यवस्था की जगह दो हजार सत्रह में देश भर में वस्तु एवं सेवा कर लागू किया गया था…. इसे देश में आजादी के बाद से सबसे बड़ा टैक्स सुधार माना जाता है…. सरकार ने जीएसटी को उनतीस मार्च दो हजार सत्रह को पास कराया था… और इसके बाद एक जुलाई दो हजार सत्रह को इस नई टैक्स व्यवस्था को लागू किया था…. इससे वैट, एक्साइज ड्यूटी (कई चीजों पर) और सर्विस टैक्स जैसे सत्रह टैक्स खत्म हो गए….. केंद्र सरकार के मुताबिक, आज से सात साल पहले लागू जीएसटी ने देश के लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने में मदद की है…. लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला है…