मणिपुर को लेकर बुरा फंसे मोदी, अब पूरी दुनिया से मांगनी पड़ेगी माफी

मणिपुर को लेकर पूरी दुनिया में जमकर मोदी की फजीहत हो रही है... यूरोपीय युनियन से लेकर विश्व की तमाम संस्थाओं ने मोदी की जमकर आलोचना की है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मणिपुर को लेकर पूरी दुनिया में जमकर मोदी की फजीहत हो रही है….. यूरोपीय युनियन से लेकर विश्व की तमाम संस्थाओं ने मोदी की जमकर आलोचना की है…. और अमेरिका समेत तमाम देशों ने मणिपुर को लेकर चिंता जाहिर की है…. मोदी और उनके सभी बड़े नेता बड़ा- बड़ा दावा करते हैं…. लेकिन मणिपुर का नाम आते ही सबको सांप सूंघ जाता है…. और मणिपुर की बात आते ही सबकी बोलती बंद हो जाती है…. आपको बता दें कि मई दो हजार तेइस से मणिपुर में हिंसा शुरू हुई है…. लेकिन बीजेपी का कोई बड़ा नेता और मोदी एक बार भी मणिपुर नहीं गए है…. न ही कभी मणिपुर को लेकर कोई बात की है…. और हमेशा मणिपुर को लेकर खामोश रहें है….. वहीं खामोशी अब मोदी के लिए घातक हो गई है.,…. मोदी को अब पूरी दुनिया से माफी मांगनी पड़ेगी…. आपको बता दें कि मणिपुर वह जख्म है जहां भारतीय विदेश मंत्रालय को नीचे देखना पड़ता है…. वहीं यह बात अलग है कि हमारे देश में मोदी के द्वारा बताया जाता है कि हम सीना तानकर चलते है…. लेकिन मणिपुर का नाम आते ही सत्ता पक्ष के लोगों की बोलती बंद हो जाती है….

लेकिन मणिपुर के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मणिपुर के लोगों से माफी मांगी है…. आपको बता दें कि सीएम बीरेन सिंह के माफी मांगने के कुछ देर बाद ही…. एक बार फिर मणिपुर में हिंसा देखने को मिली…. बता दें कि मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले के गांव पर मंगलवार रात कुछ बंदूकधारियों ने हमला कर दिया…… कडांगबंद इलाके में रात करीब एक बजे बम फेंके गए…. गांव वालों ने भी जवाबी फायरिंग की…. हालांकि इसमें किसी के घायल होने की खबर नहीं है….. न ही किसी हताहत होने की खबर सामने आई है…. वहीं मणिपुर में यह ताजा घटना सीएम बीरेन सिंह के माफी मांगने के बयान के कुछ घंटो बाद हुई….. बीरेन सिंह ने मंगलवार को राज्य में हुई हिंसा…. और उसमें हुई जनहानि को लेकर माफी मांगी थी….. वहीं इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल पूछा कि, पीएम मोदी मणिपुर क्यों नहीं जाते हैं….. इसके जवाब में बीरेन सिंह ने कहा कि, पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के कार्यकाल में भी मणिपुर में अशांति थी….. क्या वो कभी वहां गए थे….

आपको बता दें कि सीएम बीरेन सिंह ने इकतीस दिसंबर को सेक्रेटिएट में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि हिंसा में कई लोगों ने अपने प्रियजन को खो दिया….. कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया…. मुझे वास्तव में खेद है…. मैं माफी मांगना चाहता हूं….. मणिपुर में मई दो हजार तेईस से अक्टूबर दो हजार तेईस तक गोलीबारी की चार सौ आठ घटनाएं दर्ज की गईं…. नवंबर दो हजार तेईस से अप्रैल दो हजार चौबीस तक तीन सौ पैंतालीस घटनाएं हुईं….. मई दो हजार चौबीस से अब तक एक सौ बारह घटनाएं सामने आई हैं…. बता दें कि बीरेन सिंह की इस प्रेस कांफ्रेंस की क्लिप को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर शेयर किया….. और सवाल पूछा- प्रधानमंत्री मणिपुर जाकर वहां ये बात क्यों नहीं कह सकते…. वे जानबूझकर चार मई दो हजार तेईस से राज्य का दौरा नहीं कर रहे हैं…… जबकि वे देश-दुनिया की यात्रा कर रहे हैं….. मणिपुर के लोग इस उपेक्षा को समझ ही नहीं पा रहे हैं…..

आपको बता दें कि जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मुद्दा यह है कि मुख्यमंत्री मणिपुर जाने से क्यों मना कर रहे हैं….. वह मणिपुर के लोगों से मिलने के लिए राजनीतिक पार्टी से क्यों मना कर रहे हैं…. यह पीएम की विफलता है…. और यह उस व्यक्ति की विफलता है…. जिसे उन्होंने मणिपुर का काम केंद्रीय गृहमंत्री को सौंप दिया है…. जो बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करते हैं…. और मणिपुर के लोगों का अपमान करते रहते हैं…. मणिपुर के सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले तीन से चार महीनों में राज्य में अपेक्षाकृत शांति रही है….. जिससे उन्हें उम्मीद है कि नए साल में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी….. राज्य में जो भी कुछ हुआ है…. उसके लिए मैं खेद व्यक्त करना चाहता हूं…. कई लोगों ने अपने परिवार और प्रियजन को खो दिया है…. कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा….. इसके लिए मुझे खेद है और मैं माफी मांगना चाहता हूं…. उम्मीद है कि आने वाले साल में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी…..

वहीं जयराम के इस पोस्ट पर बीरेन सिंह ने जवाब दिया….. और उन्होंने लिखा कि मणिपुर में नगा-कुकी के बीच हिंसा कई सालों तक जारी रही…. उन्नीस सौ बान्नबे से उन्नीस सौ सत्तानबे के बीच हिंसा काफी बढ़ गई थी….. क्या पीवी नरसिम्हा राव, जो उन्नीस सौ इक्यानबे से उन्नीस सौ छियानबे तक भारत के प्रधानमंत्री रहे….. और इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे…. क्या वे माफी मांगने मणिपुर आए थे….. यह वो समय था जब पूर्वोत्तर भारत में सबसे ज्यादा खूनी जातीय संघर्ष हो रहा था….. मैंने जो माफी मांगी है…. वह उन लोगों के लिए अपना दुख प्रकट करना है…. जो विस्थापित हो गए हैं… और बेघर हो गए हैं… एक मुख्यमंत्री के रूप में, यह एक अपील थी कि जो हुआ उसे माफ कर दें और भूल जाएं….. हालाँकि, आपने इसमें राजनीति ला दी….

आपको बता दें कि पिछले दो महीने में मणिपुर में जो घटनाएं हुई है…. उनकी जानकारी मैं आप सभी दर्शकों के सामने साझा कर रही हूं…. दोस्तों अट्ठाईस दिसंबर को थामनपोकपी और सानासबी में गोलबारी में एक महिला…. और वीडियो जर्नलिस्ट घायल हो गए…. सत्ताईस दिसंबर को सनसाबी इलाके में उग्रवादियों से मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी…. और एक स्थानीय युवक घायल हो गए…. वहीं पंद्रस दिसंबर को बिहार के दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या…. थौबल एनकाउंटर में एक उग्रवादी ढेर और छह को गिरफ्तार कर लिया गया…. सत्रह नवंबर को जिरिबाम जिले में पुलिस की गोली से मैतेई प्रदर्शनकारी की मौत…. जिसके बाद हालात और बिगड़ गए…. ग्यारह नवंबर को सुरक्षाबलों ने जिरीबाम में दस कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था…. और इन्होंने छह मैतेई को किडनैप किया था….

 

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