उज्ज्वला योजना का ऐसा हाल होगा मोदी जी ने सोचा भी न होगा!
गैस की महंगाई, फिर चूल्हे के करीब लाई
- उज्ज्वला योजना की क्या हर कस्बे तक पहुंच रही है
हयात अब्बास/4पीएम न्यूज़
लखनऊ। मोदी सरकार के 8 साल पूरे होने पर देश में क्या कुछ बदला? सरकार की नीतियों और सरकारी योजनाओं में वो बदलाव अग्निपथ पर चलने जैसा ही रहा। जिन योजनाओं की चर्चा सबसे ज्यादा हुई, उनमें एक है उज्ज्वला योजना.. गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने की इस योजना को देश की राजनीति में गेम चेंजर के तौर पर देखा जाता है, लेकिन क्या इस योजना से गांव-शहर और कस्बों में गरीबों की रसोई की दशा कितनी बदली?
महिलाओं की जिंदगी, चूल्हे से शुरू और चिता पर खत्म हो जाती है। मोदी सरकार की योजना के तहत उज्वला योजना से गरीब परिववार को मुफ्त गैस सिलेंडर देने की बात कही गयी है लेकिन कितने परिवार ऐसे है जिनको इस योजना का कोई लाभ नहीं मिला और जिनको मिला वो सिलेंडर रिफिल करने में असमर्थ है। लगातार बढ़ते गैस के दामों ने उन्हें एक बार फिर से चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर कर दिया है। आमतौर पर किसी भी सरकारी योजना का लाभ आम जनता तक पहुंचने में वक्त लगता है, उज्जवला योजना शुरू हुए आठ साल हो चुके हैं। लेकिन अभी तक इस योजना के लाभ से कई परिवार वंचित हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
अगर हम बात करे आकड़ों की तो अब तक दो करोड़ से ज्यादा परिवार इस योजना का लाभ उठा रहें हैं जबकि धरातल पर इसकी हकीकत कुछ और है। लखनऊ से सटे केवाड़ी गांव में हालत ये है कि आज भी महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं। और जिनको सिलेंडर मिला है वो परिवार सिलेंडर में गैस भरवाने के लिए इतने पैसे नहीं होते हैं। जब उन महिलाओं से हमने बात की तो पता चला कि सरकार ने जो उज्ज्वला योजना में मुफ्त गैस सिलेंडर देने की बात कही वो उन तक पहुंची ही नहीं है। केवाड़ी गांव में हमें कुछ घर ऐसे भी मिले जहां सिलेंडर तो मिले लेकिन गैस के बढ़ते दामों के चलते वो गैस भराने में असमर्थ हैं। ऐसे में सरकार ने इस योजना के तहत बड़े दावे किए थे के इस योजना से घर घर सिलेंडर पर खाना बनेगा लेकिन गांव में आज भी मिटटी के चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं। इससे ये बात साफ हो जाती है कि कई जिले ऐसे हैं जहां सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। और प्राप्त है वहां उनको महंगाई ने इस कदर तोड़ रखा है कि उनको मिले सिलेंडर धूल गर्दा खा रहें हैं । देश में लगातार रसोई गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा हैं जिसके चलते सभी वर्ग के लोग परेशान हैं। जो गांव में निवास करते हैं उन परिवारों की दिक्कते कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।