उज्ज्वल निकम को फिर से सरकारी अधिवक्ता नियुक्त कर गलत मिसाल कायम कर रही सरकार: नाना पटोले

शिंदे सरकार पर उठाए सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव में असफल रहे अधिवक्ता उज्जवल निकम को सरकारी वकील के रूप में फिर से नियुक्त करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले ने विवाद पैदा कर दिया है। विपक्षी कांग्रेस का कहना है कि सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला प्रशासन गलत मिसाल कायम कर रहा है।
मुंबई उत्तर-मध्य निर्वाचन क्षेत्र से अपने नामांकन से पहले जिन मामलों को वह संभाल रहे थे, उनमें निकम की नियुक्ति पर आपत्ति जताते हुए, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा, राज्य सरकार ने न्यायिक प्रक्रिया में भाजपा कार्यकर्ता को नियुक्त करने का विकल्प क्यों चुना है? भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने सरकारी वकील के महत्वपूर्ण पद पर एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता को नियुक्त करके एक गलत मिसाल कायम की है। पटोले ने कहा कि शिंदे सरकार को निकम को दोबारा नियुक्त करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। भाजपा ने निवर्तमान सांसद पूनम महाजन को हटाकर निकम को इस सीट से मैदान में उतारा था। हालांकि, कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ ने निकम को 16,514 वोटों के अंतर से हराया। गायकवाड़ को 445,545 वोट मिले, जबकि निकम को 429,031 वोट मिले, जिससे गायकवाड़ मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र से एकमात्र कांग्रेस सांसद बन गए। भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन के बाद, निकम ने 29 मामलों से इस्तीफा दे दिया था, जिसमें मुंबई के आठ मामले भी शामिल थे, जिसमें उन्हें विशेष अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने मई में कानून एवं न्यायपालिका विभाग को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। अपनी हार के बाद, निकम को फिर से नियुक्त करने के शिंदे सरकार के फैसले का मतलब है कि वह अब सभी 29 मामलों में महाराष्टï्र सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।

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