एनसीईआरटी ने किया 10वीं की किताबों में बदलाव, केरल सरकार ने की आलोचना

तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने एनसीईआरटी द्वारा कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तकों से आवर्त सारणी, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान, लोकतंत्र और विविधता और लोकतंत्र की चुनौतियों से संबंधित अध्यायों को हटाए जाने की आलोचना की है। सरकार ने कहा कि यह हमारे देश के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को चुनौती देने वाला है।
दरअसल, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा विज्ञान और इतिहास की पुस्तकों का पाठ्यक्रम संशोधित किया गया है। इसमें डार्विन के विकासवाद का सिद्धांत, आवर्त सारणी, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान, लोकतंत्र की चुनौतियों से संबंधित कई अध्याय हटाए गए हैं।
केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने कहा कि तर्कसंगतता की आड़ में विषयों को हटाने के लिए एनसीईआरटी की एकतरफा कार्रवाई हमारे देश के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि यह देश में मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुनौती देता है।
उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी ने हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मौलाना आजाद और देश के सामान्य इतिहास, विकास के सिद्धांत, आवर्त सारणी, लोकतांत्रिक मूल्यों और वर्तमान चुनौतियों से संबंधित अन्य विषयों को हटाकर गलत किया है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की रक्षा करने और वास्तविक ऐतिहासिक तथ्यों को पढ़ाने और वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए केरल सार्वजनिक शिक्षा की रक्षा करेगा और इसे मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा कि केरल सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी है कि हम मूल इतिहास को कायम रखेंगे और छोड़े गए पाठ वर्गों को शामिल करते हुए पूरक पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करेंगे। उन्होंने कहा कि भले ही कक्षा 10 की रसायन विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में छात्रों को आवर्त सारणी से परिचित कराने वाले पूरे अध्याय को हटा दिया गया है, लेकिन यह कक्षा 11 के पाठ्यक्रम का हिस्सा बना हुआ है।

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