संसदीय चर्चा में कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं सदस्य सदन की गरिमा का रखें ख्याल : ओम बिरला

  • सरकार के दबाव की बात गलत, संसद और विधान सभा स्वतंत्र संस्थाएं

नई दिल्ली। असंसदीय शब्दों के संकलन या शब्दकोष को लेकर उठे विवाद के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने साफ किया है कि कोई भी शब्द प्रतिबंधित नहीं है। यानी सूची में दिए गए शब्द भी सदस्य बोल सकते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल गलत संदर्भों में नहीं किया जाना चाहिए। अगर संदर्भ गलत होगा तभी उसे संसदीय कार्यवाही से हटाया जाएगा। वैसे यह अपेक्षित है कि सदस्य संसद की मर्यादा का पालन करें और आमजन में संसद की छवि ठीक करें। ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी संकलन में संदर्भों के आधार पर शब्दों को जगह दी गई है। किसी शब्द का अगर संदर्भ गलत होगा तभी उसे संसदीय कार्यवाही से हटाया जाएगा। शब्दों को असंसदीय शब्दकोष में शामिल करने की व्यवस्था नई नहीं, यह 1954 से अमल में। बिरला ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी शब्द को असंसदीय शब्दकोष में शामिल करने की व्यवस्था नई नहीं है। यह 1954 से अमल में है। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि असंसदीय शब्दकोष में किसी भी शब्द को शामिल करने की एक लंबी प्रक्रिया है। इनमें वही शब्द जोड़े जाते हैं जो पूर्व में संसद के दोनों सदनों या फिर राज्यों की विधानसभा और विधान परिषद में कार्यवाही से हटाए गए होते हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कुछ लोग इन शब्दों को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही यह प्रसारित कर रहे हैं कि सरकार के दबाव में इन शब्दों को शामिल किया गया है, जो पूरी तरह से गलत है। संसद और राज्यों की विधानसभाएं स्वतंत्र संस्थाएं हैं। सरकारों का इन पर किसी तरह का कोई नियंत्रण नहीं होता है। ओम बिरला ने उदाहरण देते हुए आदिवासी और कोयला चोर जैसे शब्दों का जिक्र किया और बताया कि इनमें से आदिवासी शब्द को छत्तीसगढ़ विधानसभा ने हटाया था क्योंकि कभी वह गलत संदर्भ में प्रयुक्त हुआ था।

समय-समय पर जोड़े जाते हैं नए शब्द
ओम बिरला ने कहा कि असंसदीय शब्दकोष मौजूदा समय में करीब 1,100 पृष्ठों का है। इसे 1954 से लगातार तैयार किया जा रहा है। समय-समय पर इसमें नए-नए शब्द जोड़े जाते हैं। ये सारे शब्द वही होते हैं, जो संसद के दोनों सदनों में या फिर विधानसभाओं में हटाए गए होते हैं। इसे 1986, 1992, 1999, 2004 और 2009 में अपडेट किया गया था, जबकि वर्ष 2010 से इसका नियमित रूप से प्रकाशन किया जाता है। उन्होंने कहा, संसदीय कार्यवाही से किसी शब्द या वाक्य को हटाने के सख्त नियम हैं, जो सदन की ओर से ही सर्वसम्मति से तैयार किए गए हैं। इसके तहत कोई सदस्य सदन की कार्यवाही में कुछ ऐसे शब्द बोल देता है, जिससे कोई दूसरा सदस्य सहमत नहीं होता या फिर उसे बुरा लगता है तो वह पीठासीन अधिकारी से उस शब्द या वाक्य को हटाने की मांग करता है।

एआईएडीएमके ने 18 को पार्टी से निकाला

चेन्नई। तमिलनाडु के अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के अंतरिम महासचिव इदापद्ïदी के पलानीस्वामी ने पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के बेटों सहित पार्टी के 18 सदस्यों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस निष्कासन पर पनीरसेल्वम ने कहा थेनी से लोकसभा सदस्य रवींद्रनाथ को हटाना तानाशाही है। एआईएडीएमके ने पार्टी के 18 सदस्यों को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। यह सभी 18 सदस्य पनीरसेल्वम के समर्थक हैं। ओपीएस के दो बेटे ओपी रविंद्रनाथ और वीपी जयप्रदीप लोकसभा सांसद हैं। पार्टी से बर्खास्त किए गए अन्य दिग्गज नेताओं में पूर्व मंत्री नटराजन, कोलाथुर कृष्णमूर्ति और मरुधु अलगराज शामिल हैं। इससे पहले बुधवार को अन्नाद्रमुक ने केपी मुनुसामी और नाथम विश्वनाथन को उप महासचिव नियुक्त किया था। पार्टी ने पोन्नईयन को इंटरनेशनल एमजीआर फोरम का सचिव नियुक्त किया।

कांवड़ियों पर होगी पुष्प वर्षा, डीजे बजाने की भी अनुमति: अवस्थी

लखनऊ। कांवड़ यात्रा की तैयारियों को परखने के लिए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और डीजीपी डीएस चौहान मेरठ पहुंचे। उन्होंने औघड़नाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद कहा कि इस बार कावड़ यात्रा को अभूतपूर्व बनाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कावड़ लेने जाने वाले शिव भक्तों पर पुष्प वर्षा होगी। इसके साथ मार्ग में उनके खाने-पीने, ठहरने और चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की जाएगी। डीजे बजाने की भी अनुमति होगी। लेकिन सभी की सुविधा का ध्यान रखते हुए इसे निर्धरित डेसिबल (आवाज की तीव्रता) पर बजाना होगा। हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में ऐसा करना जरूरी भी है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कांवड़ यात्रा में शिविर लगाने वाले लोगों से भी वार्ता हुई है, उन्हें भी व्यवस्था में सहयोग देने और सभी की गरिमा का ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। डीजीपी ने कहा डीजे पर भक्ति गीत बजाएं, फूहड़ गीत बजाने से बचना होगा। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने बाबा औघड़नाथ के दर पर माथा टेका और पूजा अर्चना की।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कावड़ यात्रा के साथ दिल्ली रोड की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। बताया गया कि बेगमपुर कावड़ यात्रा का मुख्य प्वाइंट होता है। इसलिए बेगमपुर की व्यवस्था को भी परखा गया। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी डीएस चौहान ने दिल्ली रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर के पास आरआरटीएस के कार्य के बारे में जानकारी की। कावड़ यात्रा के समय उनका कार्य किस प्रकार संचालित होगा। उसके बाद अमले के साथ मंदिर पहुंचे। मंदिर परिसर का निरीक्षण करने के बाद पूजा अर्चना की और साफ-सफाई की सराहना भी की। अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर पूरी तरह से निगरानी हो रही है। इसलिए अपील की जाती है कि कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड ना करें। उसके बाद अभी अफसर बेगम पुल पर पहुंच गए। यहां पर एडीजी, आईजी, डीएम और एसएसपी से प्रमुखता से कावड़ यात्रा के बारे में जानकारी ली गई। यातायात व्यवस्था के बारे में प्रमुखता से पूछा गया। बताया गया कि कावड़ संचालित होने के साथ-साथ आमजन को ही कोई परेशानी नहीं हो।

अधूरे ओवरब्रिजों का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो: जितिन

लखनऊ। योगी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने बरेली में कहा सुभाषनगर ओवरब्रिज को लेकर आ रही धन की कमी अब दूर हो जाएगी। मंत्री ने जल्द ही बचे हुए धनराशि को अवमुक्त करने का भरोसा दिया है। पीडब्ल्यूडी मंत्री के आश्वासन के बाद फिर से सुभाषनगर ओवरब्रिज निर्माण की उम्मीद बढ़ गई है। सांसद संतोष गंगवार व कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने सुभाषनगर ओवरब्रिज में आ रही धन की कमी को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री से लखनऊ में मुलाकात की। मंत्री से ओवरब्रिज निर्माण के लिए बजट मांगा था, कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना से 40 करोड़ रुपये मंजूर हो गए हैं लेकिन पीडब्ल्यूडी की ओर से अब तक बजट नहीं उपलब्ध हो सका है, जबकि इस पुलिया से हर दिन हजारों लोग गुजरते हैं। इसके बनने से एक लाख से अधिक लोगों को इसका फायदा होगा। मंत्री से ओवरब्रिज निर्माण में आने वाली लागत का 50 प्रतिशत धन की मांग की।

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