अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मोरबी पुल हादसा, सुनवाई की तारीख तय

14 नवंबर को जनहित याचिका पर होगी सुनवाई

  • रिटायर जज के नेतृत्व में जांच कराने की मांग
  • गुजरात में हुए हादसे में अब तक 135 लोगों की हो चुकी है मौत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। गुजरात के मोरबी में केबल तारों से बने पुल हादसे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शीर्ष अदालत दायर जनहित याचिका पर सुनवाई को राजी हो गयी है। कोर्ट ने मामले की पहली सुनवाई 14 नवंबर को तय की है। वहीं, हादसे में मरने वालों की संख्या 135 पहुंच गई है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें अधिवक्ता ने राज्य सरकारों को पर्यावरणीय व्यवहार्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुराने और जोखिम भरे स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण और जोखिम मूल्यांकन के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की भी मांग की है। याचिका में राज्यों में स्थायी आपदा जांच दल को इस तरह की त्रासदियों में तुरंत शामिल होने के निर्देश देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख आगामी 14 नवंबर तय की है। याचिका में दुर्घटना की जांच रिटायर जज के नेतृत्व में कराए जाने की मांग की गई है। गौरतलब है कि ब्रिटिश काल में मोरबी के मच्छू नदी पर बना एक सस्पेंशन ब्रिज रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में मरने वालों की संख्या 135 पहुंच गई है जबकि कई लोग घायल हैं और उनका मोरबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। शाम करीब साढ़े छह बजे जब यह पुल दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो लोगों से खचाखच भरा था। व्यापक मरम्मत और नवीनीकरण के बाद पांच दिन पहले सदी पुराने पुल को फिर से खोल दिया गया था।

राजकीय शोक की घोषणा

मोरबी हादसे की वजह से गुजरात समेत पूरे देश में शोक की लहर है। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई समारोह नहीं आयोजित किया जाएगा। पीएम द्वारा की गई बैठक में निर्णय लिया गया है कि दो नवंबर को प्रदेश में राजकीय शोक रखा जाएगा।

नौ किए गए गिरफ्तार

पुलिस ने सोमवार को ओरेवा समूह के चार लोगों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें दो प्रबंधक और पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा समूह के दो टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं। साथ ही रखरखाव और संचालन के लिए काम करने वाली फर्मों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

अटल ब्रिज पर जाने वालों की सीमा तय

मोरबी हादसे के बाद अहमदाबाद नगर निकाय एक्शन में आ गया है। इसके बाद साबरमती नदी पर बने अटल ब्रिज पर जाने वालों की संख्या तय कर दी गई है। अब इस पुल पर एक बार में तीन हजार लोग ही जा सकेंगे। इस ब्रिज का उद्घाटन 27 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

इंडिया वाटर वीक का राष्ट्रपति मुर्मू ने किया शुभारंभ, सीएम बोले : पिछली सरकारों ने नदियों का नहीं किया संरक्षण

  • भाजपा सरकार ने 60 नदियों को किया पुनर्जीवित

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नोएडा। इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित इंडिया वाटर वीक का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज शुभारंभ किया। इंडिया वाटर वीक के 7वें संस्करण में दुनियाभर से दो हजार से अधिक लोग जल संरक्षण, नदियों में कम होता पानी आदि विषयों पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल है तो जीवन है लेकिन पिछली सरकारों ने नदियों का संरक्षण नहीं किया। पहले गंगा में सीवर का गंदा पानी बहाया जाता था। भाजपा सरकार साठ नदियों को पुनर्जीवित कर चुकी है। नमामि गंगे योजना का लाभ दिखायी दे रहा है।

वायर के संपादकों को डराने की कोशिश, पुलिस पहुंची घर पर

  • मोबाइल-लैपटॉप जब्त वरदराजन बोले, यह मीडिया के लिए चेतावनी
  • भाजपा आईटी सेल के प्रमुख की शिकायत पर कार्रवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस सोमवार को द वायर के संपादकों सिद्धार्थ वरदराजन और एमके वेणु के आवासों पर पहुंची। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने द वायर, उसके संस्थापकों और संपादकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। दिल्ली स्थित सिद्धार्थ वरदराजन के घर पर पुलिस की टीम सोमवार शाम करीब 4:10 बजे पहुंची और करीब तीन घंटे बाद 7 बजे वहां से वापस गई। पुलिस ने सिद्धार्थ के दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और एक आईपैड को जब्त कर लिया, साथ ही उनकी निजी और कंपनी ईमेल आईडी का पासवर्ड भी पुलिस ने ले लिया। वरदराजन ने बताया, पत्रकारिता में एक प्रकाशन संस्था से कोई गलती हुई जिसे उसने स्वीकारा है, वापस लिया है और उसके लिए माफी भी मांगी है। उसे अपराध में बदलने की कोशिश पूरे भारतीय मीडिया के लिए एक चेतावनी है। वहीं दिल्ली पुलिस की एक टीम वायर के दूसरे संपादक एमके वेणु के घर से भी दो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जब्त किया है।

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