महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्ïदों पर ध्यान भटकाना मकसद

4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कर्नाटक हिजाब विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना अंतिम फैसला नहीं सुना पाया। दोनों जजों की राय इस मामले पर अलग-अलग थी, जिसके बाद मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है। अब हिजाब मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी। बड़ा सवाल उठता हैं कि हिजाब मामले का अंजाम क्या होगा। इस मुद्दे पर वरिष्ठï पत्रकार डॉ. अनिल जयहिंद, नावेद शिकोह, सैयद कासिम और अभिषेक कुमार ने एक लंबी परिचर्चा की।
सैयद कासिम ने कहा कि जिसका जो अधिकार है, वो उसे मिलना चाहिए। यह संवैधानिक मामला है। विवाद इस कदर बढ़ चुका है कि अदालत की शरण लेनी पड़ रही है। राजनीति क्यूं हो रही है। चुनावी विवाद है अदालत इस पर जल्द फैसला देगी। डॉ. अनिल जयहिंद ने कहा कि ये सेक्युलरिज्म का मामला है। ये यूरोप से आया है। भारत का सेक्युलरिज्म महात्मा बुद्व, गांधीजी आदि का है। धर्म की अपनी अलग कहानी है। ये जो देश हैं। सूफी का देश है। कबीर आए, सूर आए, बहुत से लोग आए। अब महंगाई, रोजगार जैसे कई मुद्ïदों से ध्यान भटकाना है तो यहीं सब मुद्ïदों को राजनीति में लाएंगे। नावेद शिकोह ने कहा कि जजमेंट, हिजाब, डिबेट, चर्चा और तमाशा, ये कुछ सालों से चल रहा है। इसके पीछे बड़ी लंबी राजनीति है। यहां न तो धर्म है न ही कोई मुद्ïदा। कुछ ऐसे चीजें पैदा कर दी गई है, बना दी गई है। राजनीति में बैठे लोग इस पर खेल रहे हैं क्योंकि असली मुद्ïदों से ध्यान भटकाना है। बड़े व गंभीर मुद्ïदों को छिपाने व बात न करने के लिए यह सब लाते हैं। हिजाब कुछ है ही नहीं। समाज में नफरत फैलाने वाले कुछ जाहिलों ने इसे बदनाम कर रखा है।

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