जल जमाव होने पर अधिकारी होंगे जिम्मेदार

केजरीवाल ने जल बोर्ड, नगर निगम और बाढ़ प्रशासन के अधिकारियों के साथ की बैठक

  • वर्षा के बाद सियासत हुई तेज
  • नालों की सफाई पर 10 करोड़ खर्च

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली में बाढ़ के बाद सियासत भी तेज हो गई है। भाजपा व कांग्रेस के निशाने पर आप सरकार आ गई है। उधर दिल्ली में जलजमाव की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली नगर निगम और बाढ़ प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में सभी अधिकारियों को बाढ़ वाले इलाकों में उपस्थित रहने को कहा गया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि जल जमाव होने पर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
जलजमाव वाली एरिया में ज्यादा पंप लगाकर जल्द से जल्द पानी निकासी की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। दिल्ली नगर निगम ने इस साल नालों की सफाई और जलजमाव को रोकने के नाम पर 10 करोड़ से ज्यादा धनराशि खर्च करने का दावा किया है। दिल्ली सरकार अकेले नजफगढ़ नाले की साफ-सफाई पर प्रति वर्ष 11 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करती है। पिछले सप्ताह ही सौरभ भारद्वाज ने नजफगढ़ नाले का दौरा कर इसकी साफ-सफाई के काम का निरीक्षण किया था। दिल्ली नगर निगम के अंदर छोटे-बड़े कुल मिलाकर 20,159 नाले हैं। इसमें चार फीट की गहराई वाले 721 नाले भी शामिल हैं। दावा किया गया है कि अकेले इस सीजन में लगभग 10 करोड़ रूपये खर्च कर इनकी सफाई का काम पूरा हो गया है। दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा पटल पर रखी गई जानकारी के अनुसार 2017 से 2021 के बीच 6856 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। यह धनराशि नए एसटीपी बनाने और गंदे जल को यमुना में गिरने से रोकने के लिए आवश्यक ढांचा विकसित करना था। इसी साल मार्च में अरविंद केजरीवाल ने छह सूत्रीय एजेंडा लागू कर यमुना की सफाई का दावा किया है।

नालों की सफाई में भारी भ्रष्टाचार : भाजपा

दिल्ली भाजपा ने जलभराव को लेकर सोमवार को अरविंद केजरीवाल सरकार के विरुद्ध बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार नालों की सफाई में 3000 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी नालों की सफाई नहीं करा पाई। इससे यह साफ होता है कि नालों की सफाई के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक केजरीवाल आरोप लगाते थे कि यदि दिल्ली की समस्या नहीं सुधर रही तो नगर निगम उन्हें मिल जाना चाहिए। लेकिन अब जब कि नगर निगम पर भी उनका कब्जा है, नालों की साफ-सफाई नहीं हो पा रही है। दिल्ली सरकार ने चांदनी चौक और मथुरा रोड को सबसे अच्छे तरह से विकसित करने का दावा किया था। लेकिन चांदनी चौक में घुटने से ऊपर तक जमा पानी बता रहा है कि साफ-सफाई के नाम पर केवल भ्रष्टाचार किया गया है। भाजपा ने इस मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब दिल्ली पानी में डूब रही थी, केजरीवाल अपना प्रचार करने के लिए हरियाणा घूम रहे थे।

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