यूपी सरकार के नौकरी के ऑफर से दुखी ओलिंपियन ललित
- काशी के लाल ने कहा- प्रदेश और देश का मान बढ़ाया तो क्यों बनूं ओएसडी
लखनऊ। टोक्यो ओलिंपिंक में कांस्य पदक जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य और अर्जुन अवार्डी ललित कुमार उपाध्याय उत्तर प्रदेश सरकार के नौकरी से ऑफर दुखी हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है कि उत्तर प्रदेश में अलग-अलग विभागों में ओएसडी के पद पर नौकरी सरकार मृतक आश्रितों को या फिर अन्य लोगों को अनुकंपा के आधार पर देती है। वाराणसी के शिवपुर क्षेत्र के भगतपुर गांव निवासी ललित ने कहा कि मैं कोई मृतक आश्रित नहीं हूं। हमने तो प्रदेश और देश का मान बढ़ाया है। पुलिस में ही नौकरी देनी है तो राजपत्रित अधिकारी बनाएं या फिर किसी अन्य विभाग में सम्मानजनक नौकरी दें।
ललित ने कहा कि नौकरी मैं पैसे के लिए नहीं करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश में हॉकी खेलने वाले नए लड़के प्रभावित हों। इस खेल का और प्रदेश व देश का मान बढ़े। इसलिए हमने पुलिस विभाग में अस्थायी ओएसडी की नौकरी स्वीकार नहीं की है। बाकी उत्तर प्रदेश सरकार जाने कि उसे अपने राज्य के ओलिंपियन के साथ कैसा बरताव करना है। ललित ने बताया कि टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के हमारे जितने भी साथी हैं उन सभी को उनके राज्यों की सरकार ने स्थायी राजपत्रित अधिकारी की नौकरी दी है। इकलौता उत्तर प्रदेश से मैं ऐसा खिलाड़ी हूं जिसे कहा जा रहा है कि अभी आप ओएसडी की नौकरी ज्वाइन कर लें। बाद में फिर देखा जाएगा और कुछ अच्छा होगा।