पूर्वांचल की सियासी पिच पर ओमप्रकाश राजभर का मास्टर स्ट्रोक

  •  बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी से मिले ओमप्रकाश राजभर
  • लौटते समय पुलिस से हुई झड़प, ट्वीट कर जताई नाराजगी

लखनऊ। सुभासपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जेल में बंद पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी से मुलाकात की। इसके बाद लौटते समय तिंदवारी में पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस के चेकिंग के लिए रोकी गई इनोवा को लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट कर अपमानित करने के लिए गाड़ी रोककर अपराधियों की तलाशी लेने की बात कही, जिसमें उन्होंने भाजपा के दो कद्ïदावर मंत्रियों से इस बारे में जवाब भी मांगा है। मुख्तार-राजभर की अचानक इस मुलाकात पर पूर्वांचल की सियासी सरगर्मी बढ़ गई हैं। इस मुलाकात को लेकर कई तरह के सियासी कयास लगाए जा रहे हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष कल दोपहर मुख्तार के पुत्र अब्बास अंसारी के साथ मंडल कारागार आए थे। इस दौरान वह अपनी इनोवा समेत दो वाहन में चार लोग सवार थे। मुख्तार से मुलाकात के बाद करीब ढाई बजे वह यहां से फतेहपुर के लिए रवाना हुए। तिंदवारी थाने के पास वह जैसे ही पहुंचे। एसआई व अन्य पुलिस कर्मियों ने उनकी गाड़ी रोक कर चेक करना शुरू दिया। यह बात उन्हें नागवार गुजरी। वाहन की तलाशी लेने को लेकर उनकी पुलिस कर्मियों से झड़प हो गई। उनका कहना था कि तमाम वाहन निकल रहे हैं, उनकी जांच क्यों नहीं की जा रही है। उन्हीं की गाड़ी को क्यों रोका गया है। हालांकि करीब चार से पांच मिनट में ही वहां से वह आगे के लिए रवाना हो गए। लेकिन इस बात के लिए उन्होंने सीएम को संबोधित कर ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि उन्हें अपमानित करने के उद्ïदेश्य से गाड़ी रोकर अपराधियों की तरह तालशी लेकर बदसलूकी की है। पिछड़ों को बीजीपी सरकार गलत नाम से नवाजते हैं। उन्होंने दो कद्दावर मंत्रियों को आड़े हाथों लेते हुए इसका जवाब मांगा है। इस संबंध में एसपी अभिनंदन ने बताया कि यातायात माह को लेकर चेकिंग चल रही थी, जिसमें पुलिस ने उनकी भी गाड़ी रोकी थी। कोई बदसलूकी करने जैसी बात नहीं की गई है। कोतवाली निरीक्षक योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उस समय वह मौके पर नहीं थे लेकिन यातायात माह की चेकिंग में गाड़ी रोकी गई थी। किसी तरह की बहस आदि नहीं हुई है।

काफी देर तक जेल के रहे अंदर

सूत्रों की मानें तो वह सुबह करीब 11 बजे के बाद जेल के बाहर पहुंच गए थे। इसके बाद जेल की प्रक्रिया पूरी करते हुए काफी देर तक वह अंदर रहे हैं। वहां उनकी मुख्तार से मुलाकात हुई, जिसमें मुख्तार ने जेल में सुरक्षा व्यवस्था सही न होने की बात कहते हुए खुद को खतरा बताया है। इस संबंध में राजभर ने जेलर आदि से बात की है। सुरक्षा चौक चौबंद रखने को कहा है।

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