विधानसभा में सरकार पर विपक्ष का हमला
प्रदेश में बाढ़ की स्थिति और महंगाई के मुद्दे को लेकर हंगामा
परिषद में नारेबाजी करते हुए वेल में आए सपाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ । लखनऊ। यूपी विधानमंडल सत्र का आज दूसरा दिन है। विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। सवाल-जवाब का दौर जारी है। वहीं, विधान परिषद में हंगामा हो रहा है। सपा सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी और फिर बर्हिगमन कर लिया। समाजवादी पार्टी ने विधानसभा में मंगलवार को प्रदेश में बाढ़ की स्थिति और महंगाई के मुद्दे को लेकर हंगामा कर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई। सपा की ओर से उत्तर प्रदेश नागर स्थानीय स्वायत्त शासन विधि संशोधन अध्यादेश 2023 और उत्तर प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2023 का भी विरोध किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक सपा उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अध्यादेश-2023 (द्वितीय एवं तृतीय संशोधन) पर भी सवाल खड़े कर सकती है। इससे पहले यूपी विधानसभा सत्र का पहला दिन एक-दूसरे पर किए गए निजी हमलों के नाम भी रहा। सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने एक-दूजे पर जवाबी हमले किए। सदन में अतीक और अशरफ सहित 12 पूर्व विधायकों को दी गई श्रद्धांजलि दी गई। वहीं चार विधायकों का जन्मदिन भी मनाया गया।
बेरोजगारी के मुद्दे पर अखिलेश ने योगी को घेरा
यूपी में विधानमंडल का मानसून सत्र चल रहा है। आज सदन की कार्यवाही का दूसरा दिन है। सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाए और बेरोगारी के मुद्दे पर घेरा। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी प्रदेश में बेरोजगारी की दर तो बताते हैं पर रोजगार कितने दिए इस पर कभी बात नहीं करते हैं। जिस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में रोजगार का सृजन हो रहा है। भर्ती प्रक्रिया साफ-सुथरे तरीके से सम्पन्न हो रही है। आज प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से घटकर तीन से चार फीसदी हो गई है। एक अन्य सवाल में अखिलेश यादव ने पूछा कि मुख्यमंत्री योगी बताएं कि प्रदेश में 2017 से 2022 तक 15 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों की संख्या में कितनी बढ़त हुई है और सरकार आने वाले समय में इन बच्चों के रोजगार के लिए क्या कर रही है? इस पर मुख्यमंत्री योगी ने जवाब दिया कि मुझे खुशी है कि समाजवादियों की सोच में इतना तो बदलाव हुआ कि अब वो जनसंख्या की बात कर रहे हैं। जिसे नियंत्रित करने के लिए ही समान कानून लाने की बात की जा रही है। इसी बहाने योगी ने इशारों-इशारों में समान नागरिक संहिता का जिक्र कर दिया। वहीं, सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विधान परिषद में हंगामा हो गया। सपा सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी और फिर बर्हिगमन कर लिया। इससे पहले यूपी विधानसभा सत्र का पहला दिन एक-दूसरे पर किए गए निजी हमलों के नाम भी रहा। सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने एक-दूजे पर जवाबी हमले किए।
कई विधेयक व अध्यादेश हुए पेश
विधानमंडल सत्र के पहले दिन सदन में कई अध्यादेश पेश हुए इनमें उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों को उपशमन (संशोधन) अध्यादेश 2023,उत्तर प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश – 2023, उत्तर प्रदेश नागर स्थानीय स्वायत्त शासन विधि (संशोधन) अध्यादेश – 2023,कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) अध्यादेश – 2023,उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश- 2023 (अध्यादेश संख्या -6 से 11), उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास संशोधन अध्यादेश – 2023,उत्तर प्रदेश जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय अध्यादेश – 2023, उत्तर प्रदेश माल एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश-2023 शामिल है। वहीं कई विधेयक भी आए जिनमें उत्तर प्रदेश माल एवं सेवाकर संशोधन विधेयक 2023, उत्तर प्रदेश दंड विधि संशोधन विधेयक – 2023,उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास संशोधन विधेयक – 2023, उत्तर प्रदेश नागर स्थनीय स्वायत्त शासन विधि संशोधन विधेयक – 2023, उत्तर प्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक – 2023,उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) विधेयक 2023।,उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक -2023, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक (द्वितीय संशोधन) – 2023, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक – 20,उत्तर प्रदेश कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक -2023, उत्तर प्रदेश जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्विद्यालय विधेयक – 2023 शामिल ह्रïे।
ज्ञानवापी मामले में कोर्ट का करारा झटका
गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की याचिका खारिज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट में यह याचिका राखी सिंह व अन्य की तरफ से दाखिल की गई थी। इस पर मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई की।
इस जनहित याचिका में मांग की गई थी कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी जिला अदालत का फैसला नहीं आ जाता तब तक परिसर में गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए और ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए। जनहित याचिका में कहा गया था कि वाराणसी में आदि विश्वेश्वर मंदिर (वर्तमान ज्ञानवापी परिसर) के सदियों पुराने अवशेषों को बचाना है। दावा किया गया था कि विवादित स्थल (सेटलमेंट प्लॉट नंबर 9130 वार्ड और दशाश्वमेघ वाराणसी) पर एक भव्य मंदिर हुआ करता था, जहां भगवान शिव ने स्वयं ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी। सन् 1669 में मुस्लिम शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। कहा गया है कि उक्त मंदिर को नष्ट करने के बाद मुसलमानों ने अनधिकृत रूप से मंदिर परिसर में अतिक्रमण किया और एक संरचना बनाई जो कि कथित ज्ञानवापी मस्जिद है।
एएसआई की टीम का सर्वे जारी, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे चल रहा है। एएसएई की टीम सुबह करीब आठ बजे परिसर में पहुंची। सर्वे के मद्देनजर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। ज्ञानवापी से सटे गेट नंबर चार के पास एटीएस कमांडो की तैनाती रही। इसी तरह पुलिस, आरएएफ व पीएसी के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात दिखे। गोदौलिया से मैदागिन तक बैरिकेडिंग करके आवागमन को आसान बनाने का प्रयास किया गया। सातवें दिन यानी बुधवार से ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से सर्वे शुरू हो सकता है। आईआईटी कानपुर की विशेषज्ञों की टीम बुधवार की रात तक वाराणसी पहुंच सकती है। एएसआई ने आईआईटी कानपुर से ज्ञानवापी सर्वे में मदद मांगी है। आईआईटी के पास आधुनिक रडार है। रडार सर्वे में ज्ञानवापी परिसर का नए सिरे से अध्ययन किया जाएगा। जीपीआर की मदद से खोदाई के बगैर जमीन के नीचे का सच जाना जा सकता है