परिसीमन विरोध पर विपक्ष एक

एनडीए सरकार को घेरने की तैयारी

  • तमिलनाडु के सीएम के बुलावे पर नेता पहुंचे चेन्नई
  • कई राज्यों के 14 नेताओं ने लिया भाग
  • जगन मोहन रेड्डी ने पीएम मोदी से की अपील
  • परिसीमन के विरोध में स्टालिन ने की बड़ी बैठक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश में आगामी होने वाले परिसीमन को लेकर सियासत तेज हो गई है। इसके विरोध में शनिवार को चेन्नई में बैठक हुई जिसमें 6 राज्यों के सीएम शामिल हुए। ये बैठक तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने बुलाई थी। इस बैठक में ज्यादातर दक्षिणी राज्यों के सीएम शामिल हुए। इन नेताओं ने परिसीमन का विरोध करते हुए कें द्र की मोदी सरकार पर हमला किया। नेताओं ने कहा परिसीमन राज्यों से चर्चा के बाद हो नहीं तो राज्यों के बीच मतभेद हो जाएगा। विपक्षी नेता ने परिसीमन प्रक्रिया को इस तरह से संचालित करने के महत्व पर प्रकाश डाला कि संसद के दोनों सदनों में राज्यों का मौजूदा आनुपातिक प्रतिनिधित्व बना रहे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसदीय सीटों के आवंटन में कोई भी बदलाव राज्यों के बीच असमानता पैदा कर सकता है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर उनके राजनीतिक प्रभाव पर असर पड़ सकता है। बैठक में कम से कम पांच राज्यों के 14 नेताओं ने भाग लिया – जिनमें पिनाराई विजयन, भगवंत मान और रेवंत रेड्डी शामिल हैं – जो उच्च आर्थिक विकास और साक्षरता वाले राज्यों के लिए लोकसभा सीटों के परिसीमन अभ्यास से उत्पन्न खतरे पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।

ये नेता पहुंचे चेन्नई

बैठक से पहले चेन्नई नगर निगम की कार्यालय इमारत रिपन बिल्डिंग को रंगीन रोशनी से सजाया गया है। संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की बैठक के प्रति समर्थन दिखाने के लिए आकर्षक मरीना बीच पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की रेत की आकृति बनाई गई है। केरल, तेलंगाना और पंजाब के मुख्यमंत्री क्रमश: पिनराई विजयन, रेवंत रेड्डी, भगवंत सिंह मान और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंडर तथा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग केरल के महासचिव पीएमए सलाम उन नेताओं में शामिल हैं, जो स्टालिन की अध्यक्षता में होने वाली द्रमुक की जेएसी बैठक में हिस्सा लेने के लिए चेन्नई पहुंचे। कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के प्रमुख बी महेश कुमार गौड़ और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव भी चेन्नई पहुंच गए हैं। बीआरएस सूत्रों ने बताया कि केटी रामा राव बैठक में पार्टी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए शुक्रवार रात तमिलनाडु की राजधानी पहुंचे।

लोकसभा या राज्यसभा सीटों की संख्या की कमी से बिगड़ेगा देश का माहौल : जगन मोहन रेड््डी

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि आगामी परिसीमन की प्रक्रिया के कारण किसी भी राज्य का संसद में प्रतिनिधित्व खत्म न हो। शनिवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में रेड्डी ने इस मुद्दे की गंभीरता को रेखांकित करते हुए चेतावनी दी कि किसी राज्य के लिए लोकसभा या राज्यसभा सीटों की संख्या में कोई भी कमी देश के सामाजिक और राजनीतिक सौहार्द को बिगाड़ सकती है। रेड्डी ने अपने पत्र में कहा, परिसीमन की प्रक्रिया इस तरह से संचालित की जानी चाहिए कि किसी भी राज्य को सदन की कुल सीटों की संख्या के संदर्भ में लोकसभा या राज्यसभा में अपने प्रतिनिधित्व में कोई कमी न झेलनी पड़े। रेड्डी ने केंद्र से संविधान में संशोधन पर विचार करने का आग्रह किया ताकि किसी भी राज्य को अपने संसदीय प्रतिनिधित्व में कमी से बचाया जा सके। सीटों के मौजूदा वितरण की सुरक्षा से शासन के प्रति निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा, क्षेत्रीय असमानताओं को रोका जा सकेगा और संघीय एकता बनी रहेगी। पूर्व मुख्यमंत्री की यह अपील परिसीमन प्रक्रिया पर चर्चा के बीच आई है, जो 2026 की जनगणना के बाद होने की उम्मीद है। इस अभ्यास का उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि पैटर्न के आधार पर संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को फिर से परिभाषित करना है।

डीएमके सरकार परिसीमन प्रक्रिया के निष्पक्ष होने तक लड़ाई जारी रखेगी : स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को चेन्नई में इस मुद्दे पर पहली संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी डीएमके सरकार परिसीमन प्रक्रिया के निष्पक्ष होने तक लड़ाई जारी रखेगी। स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके ने लंबे समय से चिंता व्यक्त की है कि प्रस्तावित परिसीमन से लोकसभा की संख्यात्मक ताकत उत्तर भारतीय राज्यों के पक्ष में झुक जाएगी और परिवार नियोजन उपायों के लिए दक्षिण भारत को दंडित किया जाएगा, हालांकि भाजपा ने इससे इनकार किया है। वर्तमान जनसंख्या के अनुसार निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन नहीं होना चाहिए। हम सभी को इसका डटकर विरोध करना चाहिए। संसद में जनप्रतिनिधियों की संख्या कम होने से हमारी अपनी बात कहने की ताकत कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर प्रतिनिधित्व कम हो जाता है, तो राज्यों के लिए धन प्राप्त करने के लिए संघर्ष शुरू हो जाएगा।

रेखा सरकार के खिलाफ ‘आप’ का हल्ला बोल

  • पूर्व सीएम आतिशी ने पूछा कबसे मिलेंगे 2500 रुपये

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने महिला सम्मान योजना के क्रियान्वयन न होने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले पीएम मोदी ने दिल्ली की महिलाओं से वादा किया था कि 8 मार्च को हर महिला को 2500 रुपए मिलेंगे। लेकिन एक भी पैसा जमा नहीं हुआ।
इसका मतलब है कि यह एक जुमला था। 2500 रुपए तो दूर, अभी तक इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू नहीं हुआ है। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि क्या भाजपा सरकार राजधानी में 18 वर्ष से अधिक आयु की लगभग 48 लाख महिलाओं को 2,500 रुपये देगी? या कई तरह की शर्तें लगाकर इसकी एक प्रतिशत से भी कम संख्या को लाभ देगी। आतिशी ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने 12 दिन पहले एक समिति बनाई थी, जिसने अभी तक कुछ नहीं किया है। उन्होंने सवाल किया कि इस योजना के लिए पंजीकरण कब शुरू होंगे और लाभार्थी महिलाओं के खातों में पैसे कब आएंगे? भाजपा सरकार ने दिल्ली में गरीब परिवारों की महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक सहायता प्रदान करने के लिए 5,100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

पीएम ने जुमलों के बैंक का चेक दिया है जिस पर 2500 रुपए लिखा है : भारद्वाज

आम आदमी पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि 8 मार्च को दिल्ली की हर महिला को 2500 रुपए मिलेंगे। हमने जुमलों के बैंक का चेक दिया है, जिस पर 2500 रुपए लिखा है। शायद अब भाजपा को शर्म आएगी और वो अपना वादा पूरा करेगी। इससे पहले आतिशी ने प्रश्न किया था कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किए गए वादे के अनुरूप राजधानी में महिलाओं को ‘महिला समृद्धि योजना’ के तहत 2,500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता कब मिलेगी?

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