मुसलमानों के मुद्दे पर विपक्ष खामोश!

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। देश में मुस्लिम समुदाय के मुद्ïदों को लेकर विपक्ष खामोश नजर आ रहा है। मुस्लिम संगठनों के वोट पर राजनीति करने वाली पार्टियां भी उनकी बात नहीं रख रही हैं। आखिर अब विपक्ष भी मुस्लिमों के मुद्ïदे उठाने से क्यों डरने लगा है, खामोश क्यों है? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार राजेश बादल, शीतल पी सिंह, डॉ. सीपी राय, सैय्यद कासिम, प्रो. रविकांत, प्रो. लक्ष्मण यादव और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
शीतल पी सिंह ने कहा 84 के बाद ये दो सीटों पर थे। 2014 के बाद से दो बार 300 से ज्यादा सीटों पर जीतकर आए लोकसभा में। भाजपा का ग्राफ अचानक तेजी से बढ़ा है बीते सात-आठ सालों में क्योंकि इनको तर्क मिल गया है इस मुद्ïदे को लेकर। एक किस्म की कट्ïटरता दूसरे किस्म की कट्टïरता को हवा देती है। कांग्रेस के जो अपने राजनीतिक समीकरण है वो उनको हमेशा फसल देते रहेंगे जबकि नीचे से उनकी जमीन निकल गई है। प्रो. रविकांत ने कहा बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा है कि सम्मान और स्वाभिमान सर्वोपरि है। आज की तारीख में दबंग जाति के लोग एक बच्चे से अपना पैर चटवा रहे है। उन पर कोई भी ऐसी धारा नहीं लगी है कि सात साल से ज्यादा की सजा होती। अब धर्म निरपेक्षता की बात होती ही नहीं है।
सैय्यद कासिम ने कहा बंगाल में ममता बनर्जी को चिढ़ाने के लिए जय श्रीराम के नारे लगाए जाते थे। फिर भी ममता सत्ता में आती है। स्टालिन ने ईडब्ल्यूएस का दस फीसदी आरक्षण का कोटा नहीं लिया, बावजूद बहुमत में आते हैं। इस चुनाव में तमाम मुद्ïदों को छोड़ते चले गए विपक्ष के नेता और भाजपा ने उसका फायदा उठाया। राजेश बादल ने कहा हिंदु-मुस्लिम को लेकर जो सुझाव कभी पहले दिए गए थे, वे आज भी प्रासंगिक है। सवाल यह है कि संविधान जिसकी इजाजत नहीं देता उसे ही भाजपा कर रही है क्योंकि उसको मालूम है कि बहुसंख्यक वोट कितना है। भाजपा संविधान का अपमान कर रही है मगर जो दूसरे दल हैं, बात नहीं कर रहे हैं, वे भी कहीं न कहीं इसके अपराधी हंै। डॉ. सीपी राय ने कहा लड़ाई अल्पसंख्यकों की नहीं है। सारे सवालों पर विपक्ष के नेता मौन है और सत्ता पक्ष इसका भरपूर फायदा उठा रही है। प्रो. लक्ष्मण यादव भी परिचर्चा में शामिल हुए।

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