महाराष्ट्र में पवार ‘पावर’ की फाइट

मुंबई। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पूरे देश में सियासी हलचल काफी तेज है। राजनीतिक दलों द्वारा अपनी-अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देने का काम किया जा रहा है। तो वहीं सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरह से जनता को लुभाने के लिए भी हर प्रयास कर रहे हैं। नेताओं द्वारा मंचों से बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं तो जनता द्वारा भी नेताओं से नाराजगी साफ तौर पर जारी की जा रही है। चुनावी मौसम है, तो हर कोई अपने तरीके से चुनाव की सरगर्मी में हिस्सा ले रहा है। इस बीच नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। साथ ही सियासी बयानवाजी भी खूब जोर-शोर से चल रही है।

इस बीच देश में दूसरे सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाले राज्य महाराष्ट्र में भी सियासी हलचल काफी तेज हो रखी है। दरअसल, यहां पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही गुटों की ओर से अब तक गठबंधन पर औपचारिक ऐलान नहीं हो पाया है। जबकि दोनों ही तरफ से कहना है कि सबकुछ तय है। लेकिन फिर भी राज्य में आए दिन सियासी घटनाक्रम बदल रहा है। नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाने का खेल भी लगातार जारी है। तो वहीं एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में सियासी उठापटक लगातार जारी है। लेकिन जितना-जितना चुनाव करीब आता जा रहा है, उतना ही प्रदेश की सियासत गरमाती जा रही है।

इस बीच महाराष्ट्र में इस बार पवार परिवार की फाइट भी देखने को मिलेगी। पवार का पावर किसके पास ज्यादा है इसके लिए चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच होड़ हो रही है। दोनों ही अपनी-अपनी ताकत दिखाने में लगे हैं और अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताकर खुद को असली एनसीपी और खुद असली पावरफुल पवार साबित करने के प्रयास में लगे हैं। पवार पावर का असली खेल बारामती लोकसभा सीट पर देखने को मिलेगा। जहां एक ओर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले एक बार फिर बारामती से लोकसभा चुनाव में उतरी हैं। तो वहीं दूसरी ओर उनके मुकाबले में उतरी हैं अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार। ऐसे में बारामती सीट प्रदेश की हॉट सीट बन गई है। पवार का असली पावर यहीं देखने को मिलेगा। यही वजह है कि बारामती में अब ननद-भाभी आमने-सामने आ गई हैं। दोनों के बीच मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। अब दोनों के बीच सियासी हमले भी शुरू हो गए हैं।

इस दौरान बारामती पहुंचीं शरद पवार गुट की उम्मीदवार सुप्रिया सुले ने अपनी भाभी और प्रतिद्वंदी सुनेत्रा पवार व भाई अजित पवार पर जमकर निशाना साधा। बारामती शहर के साठे नगर इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि अगर मैंने 18 साल तक अच्छा काम किया है तो सांसद किसे बनना चाहिए? सुप्रिया सुले भाभी सुनेत्रा पवार पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या कभी किसी ने दिल्ली जाना चाहा है? क्या सांसद के तौर पर मेरे अलावा कोई लड़ना चाहता था? क्या किसी ने कहा कि मैं सांसद बनना चाहता हूं? सभी से पूछा गया, तब कोई दिल्ली नहीं जाना चाहता था, तो अगर मैंने 18 साल तक अच्छा काम किया है तो वह सांसद किसे मिलना चाहिए? बता दें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार बारामती से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।

बीते 30 मार्च को एनसीपी अजित पवार गुट ने ऑफिशियली इसका ऐलान भी कर दिया है। वर्तमान में इस सीट से सुनेत्रा पवार ननद और अजित पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं। सुले साल 2009 से बारामती सीट से लोकसभा सांसद हैं। जग जाहिर है कि सुप्रिया सुले एनसीपी संस्थापक शरद पवार की बेटी हैं। कुछ महीने पहले ही शरद पवार से अलग होकर अजित पवार एनडीए में शामिल हो गए थे। इसके बाद से दोनों परिवार आमने-सामने हैं। बारामती सीट को लेकर दोनों गुटों ने चुनावी प्रचार तेज कर दिया है। अजित पवार और शरद गुट दोनों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है।

बारामती सीट की लड़ाई इसलिए भी काफी दिलचस्प मानी जा रही है। क्योंकि बारामती सीट को पवार परिवार का गढ़ माना जाता है। इस सीट से साल 1967 में शरद पवार ने पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद शरद पवार बारामती से लगातार 1972, 1978, 1980 और 1990 में विधानसभा चुनाव जीते हैं। इतना ही नहीं शरद पवार साल 1992, 1996, 1998, और 2004 लोकसभा चुनाव में जीत चुके हैं। वर्तमान में सुप्रिया यहां से सांसद हैं और वह 2009 से लगातार जीतकर लोकसभा पहुंच रही हैं। ऐसे में इस बार जब पवार परिवार व एनसीपी में विभाजन हो चुका है। तो पवार परिवार बारामती में अब आमने-सामने है। और एक दूसरे के मुकाबले में है। इसलिए बारामती में मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।

एक ओर जहां बारामती में मुकाबला दिलचस्प है और लड़ाई कांटे की हो रही है। तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के अन्य इलाकों में भी पवार पावर को लेकर चाचा-भतीजे के बीच जंग जारी है। इस दौरान शरद पवार लगातार भतीजे अजित पवार और भाजपा व पीएम मोदी पर हमलावर हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता शरद पवार का कहना है कि जनता का मिजाज बदल गया है और अब यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ है। शरद पवार ने कहा कि मोदी ने एक छोटे द्वीप (कच्चातिवु) पर दावा छोड़ने और इसे श्रीलंका को देने के लिए तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार पर हमला बोला।लेकिन वह चीन द्वारा भारतीय जमीन के बड़े हिस्से का अतिक्रमण करने पर चुप्पी साधे हुए हैं। चीन द्वारा मनमाने तरीके से अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के सवाल पर पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राष्ट्रीय हितों को गंभीरता से नहीं ले रही।

वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया में प्रधानमंत्री चेहरे व विपक्ष का चेहरा होने के सवाल पर शरद पवार ने आगे कहा कि इस बारे में अब तक विचार नहीं किया गया है। पवार ने कहा कि मैं साफ-साफ देख सकता हूं कि जनता का मिजाज बदल गया है। अब यह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ है। इस सरकार में संस्थानों पर हमले हो रहे हैं। वहीं यह पूछे जाने पर कि लोकसभा चुनाव के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के सीटों की साझेदारी का अंत में क्या स्वरूप होगा? इस पर पवार ने कहा कि मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं। शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले का मुकाबला लोकसभा चुनाव में अपने भतीजे अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से होने और सुप्रिया की जीत की संभावना के संबंध में कहा कि मतदान होना अभी बाकी है। चार जून को चुनाव नतीजे घोषित होने पर आपको परिणाम पता चल जाएगा।

क्या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन से एमवीए की संभावनाओं पर कोई असर पड़ेगा? इस सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि लोग बीजेपी को हराने में सक्षम उम्मीदवारों को वोट देंगे। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी के साथ उनके दोस्ताना संबंधों की वजह से ही उनकी पार्टी केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही, इस पर शरद पवार ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को जमानत दिए जाने पर पवार ने कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ था। अब असली तस्वीर सामने आएगी। प्रकाश आंबेडकर की अगुवाई वाली वंचित बहुजन आघाड़ी द्वारा कुछ सीट पर उम्मीदवार उतारे जाने के बारे में एक सवाल पर पवार ने कहा कि हम महाविकास आघाड़ी (एमवीए) में उन्हें चाहते हैं।

वहीं शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर जोरदार हमला बोला। जयंत पाटिल ने अजित पवार निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता के लिए असहाय हो जाना अच्छा नहीं है। पाटिल ने कहा कि आज कुछ लोग कहते हैं कि वह लोगों के लिए काम करने के लिए सत्ता में शामिल हो रहे हैं। लेकिन सत्ता के लिए ऐसी लाचारी स्वीकार करना अच्छा नहीं है। लोग शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे (महा विकास अघाड़ी के सदस्य) के साथ मजबूती से खड़े हैं। जयंत पाटिल ने कहा कि लोगों को भरोसा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी मौजूदा स्थिति को बदल सकते हैं।

उन्होंने चुनावी बॉन्ड योजना को भ्रष्टाचार की एक नई व्यवस्था बताया। उन्होंने कहा कि सरकार विज्ञापनों के जरिए सवाल उठा रही है कि कांग्रेस ने पिछले 70 साल में क्या किया? लेकिन देश 70 सालों में किए गए कार्यों के आधार पर इस मुकाम तक पहुंचा है। जयंत पाटिल ने सरकार को पिछले 10 सालों में अपनी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए विज्ञापन जारी करने की चुनौती दी। उन्होंने आगे कहा कि नीलेश लंके ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। वह लोगों के बीच लोकप्रिय हैं, क्योंकि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में जबरदस्त काम किया है। मुझे यकीन है कि वह आम लोगों की आवाज को दिल्ली तक ले जाएंगे।

नतीजे जो भी हों लेकिन इतना तो साफ है कि शरद पवार, सुप्रिया सुले और पूरा शरद पवार का खेमा इस चुनाव में पूरी ताकत से उतर रहा है। और पवार पावर को लेकर चाचा भतीजे में जंग जारी है। हालांकि, शरद पवार का पलड़ा अभी भारी दिखाई पड़ता है.,. शरद पवार उम्र का तकाजा और अजित के धोखे से जनता की सिम्पैथी भी ले सकते हैं। फिलहाल क्या होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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