पीएम मोदी के दौरे से मचा बंगाल में बवाल
- टीमएसी ने बीजेपी पर बोला हमला राज्य को बदनाम करने की साजिश
- तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार करना चाहती है भाजपा
- सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को करारा झटका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को निर्धारित कोलकाता यात्रा से पहले पश्चिम बंगाल की सियासत गरमा गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा की आलोचना की और कहा कि पार्टी राज्य को बदनाम करने और उनकी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी संदेशखाली में अशांति और आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आई है। उधर सुप्रीम कोर्ट से भी बंगाल सरकार को करारा झटका लगा है। ममता सरकार टॉप कोर्ट के पास संदेशखाली मामले की जल्द सुनवाई के लिए पहुंची थी पर सुप्रीम कोर्ट ने उसे उल्टे पांव लौटा दिया। बुधवार (6 मार्च, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने केस में तुरंत सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया। बंगाल की सीएम ने आगे कहा भाजपा की चालाकी भरी बातों और हिंसा भड़काने की कोशिशों ने बंगाल की महिलाओं का अपमान किया है, इससे बंगाल की माताएं-बहनें खुश नहीं हैं।
नारीशक्ति को विकसित भारत की शक्ति बना रहे : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला रैली को संबोधित करने पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के बारासात पहुंचे। इस दौरान उनका अभिनंदन किया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत भारत माता की जय, जय मां काली और जय मां दुर्गा के जयकारे के साथ की। उन्होंने कहा कि आज का ये विशाल कार्यक्रम इस बात का साक्षी है कि भाजपा कैसे नारीशक्ति को विकसित भारत की शक्ति बना रही है। 9 जनवरी को भाजपा ने देश में नारीशक्ति वंदन अभियान शुरू किया था, इस दौरान देश भर में लाखों स्वयं सहायता समूहों से संवाद किया गया। आज यहां पश्चिम बंगाल में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी बहनों का इतना विराट सम्मेलन हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने वर्षों तक संगठन में काम किया है। इसलिए मुझे पता है कि इतना बड़ा राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित करना हो, देश भर में 19-20 हजार स्थानों पर महिला समूह एक कार्यक्रम में जुड़े हों, ये हिंदुस्तान के सार्वजनिक जीवन की सबसे बड़ी घटना है।
संदेशखाली मामले में तुरंत सुनवाई से कोर्ट का इनकार
संदेशखाली मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। ममता सरकार टॉप कोर्ट के पास जल्द सुनवाई के लिए पहुंची थी पर सुप्रीम कोर्ट ने उसे उल्टे पांव लौटा दिया। बुधवार (6 मार्च, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने केस में तुरंत सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया। संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हुए हमले से जुड़े मामले को लेकर सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर फिर से जल्द सुनवाई की मांग की थी, जिस पर जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने सुनवाई पर कोई आदेश देने से मना किया। अभिषेक मनु सिंघवी से इस दौरान चीफ जस्टिस के पास जाने को कहा गया।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी थी जांच
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी है, जबकि टीएमसी से जुड़े आरोपी शाहजहां शेख समेत दूसरे आरोपियों की हिरासत भी सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। अब तक राज्य पुलिस ने इसका पालन नहीं किया है, जबकि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के संविधान पीठ में होने के चलते यह मामला उनके सामने नहीं रखा जा सका है।
यूपी से बेहतर है बंगाल : ममता
कोलकाता में ममता बनर्जी ने कहा, बंगाल को बदनाम करने, बंगाल के अधिकारियों की प्रतिष्ठा खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया, हमने सुना है कि एजेंसियों का दावा है कि भाजपा ने उन्हें तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है, एजेंसी के नाम का इस्तेमाल कर जबरन प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को भेजते हैं। सीएम ममता ने कहा, जीतना है तो जनता का विश्वास अर्जित कर आगे बढ़ें। हम निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं, बीजेपी का चुनाव नहीं, बंगाल एक ऐसी जगह है जहां निष्पक्ष चुनाव संभव है। ममता बनर्जी ने कहा, बंगाल के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश आइए। पिछले दो दिनों में दो नाबालिगों को बांधकर हत्या कर दी गई, बिलकीस के घर में, हाथरस में। देखिए, बंगाल उससे कहीं बेहतर है।
सुनवाई का समय सीजेआई तय करेंगे
ममता सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई कब हो, ये सीजेआई तय करेंगे। शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपे जाने के हाईकोर्ट खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे पश्चिम बंगाल सरकार ने की जल्द सुनवाई की मांग की थी। दरअसल, ममता सरकार का कहना है कि एसआईटी इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। सीबीआई को मामला सौंपना बिल्कुल गलत है।
हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को दिया निर्देश
सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में लेने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क किया। एजेंसी की एक टीम शेख को हिरासत में लेने के लिए अर्धसैनिक बलों के साथ कोलकाता स्थित सीआईडी कार्यालय भी पहुंची, लेकिन उसे हिरासत नहीं सौंपी गई। सीआईडी ने कहा कि संदेशखालि के नेता को केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौंपा गया, क्योंकि राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की है।
शाहजहां मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंची सीबीआई
निलंबित टीएमसी नेता शेख शाहजहां को हिरासत में नहीं सौंपने पर पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ सीबीआई ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया। जांच एजेंसी ने तत्काल सुनवाई की मांग की है। यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब सीबीआई ने दावा किया कि बंगाल सीआईडी ने शेख शाहजहां को मंगलवार शाम साढ़े चार बजे तक जांच एजेंसी को सौंपने के उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल पुलिस को पूरी तरह से पक्षपाती कहा और आदेश दिया कि जनवरी में संदेशखली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी जाए।