कर्ज को लेकर महाराष्ट्र में सियासी रार

लोन में डूब रही फडणवीस सरकार, विपक्ष ने उठाए सवाल

  • डिप्टी सीएम अजित पवार ने किया खुलासा
  • कर्ज का पैसा अखिर कहां जा रहा है: पटोले

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र में निकाय चुनाव आने को है और विपक्ष का आरोप है कि सरकार करोड़ों के कर्ज तले दबी हुई है। इस मामले पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी बयान दिया है। उन्होंने नागपुर में कहा कि महाराष्ट्र में महायुति सरकार के सत्ता में आने के बाद विपक्ष लगातार विभिन्न टिप्पणियां करता रहा है। विपक्ष कहता है कि महाराष्ट्र का कर्ज बढ़ गया है।
उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य का कुल कर्ज 9.32 लाख करोड़ है. 2016 में सकल राजस्व 22 लाख करोड़ था और नियम के अनुसार कर्ज सकल राजस्व का 25प्रतिशत तक ही होना चाहिए। वित्त वर्ष 2025-26 में यह अनुपात केवल 18.87प्रतिशत है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि कर्ज नियंत्रण में है और राज्य वित्तीय दृष्टि से स्थिर है। वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विधायक नाना पटोले ने कहा कि सरकार लगातार कर्ज उठाती जा रही है, लेकिन यह पैसा कहां जा रहा है, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि सडक़ बनाने वाले ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जा पा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि खर्च पर नियंत्रण नहीं है।

जनता का धैर्य अब टूट रहा है : संजय राउत

वहीं, विपक्ष ने सरकार पर कर्ज में डूबने का आरोप लगाया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जनता का धैर्य अब टूट रहा है। दस लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने के बावजूद इसे प्रगतिशील राज्य कहा जा रहा है। योजनाओं का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ है, आम लोगों को इसका कोई वास्तविक फायदा नहीं मिलता। उनका यह भी कहना था कि सरकार की वित्तीय नीतियां आम जनता के हित में नहीं दिखाई देतीं और जनता में असंतोष बढ़ रहा है।

नौ लाख करोड़ तक पहुंच गया कर्ज पर कोई नई परियोजना शुरू नहीं की : उद्धव ठाकरे

पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कर्ज नौ लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि सरकार ने कोई नई परियोजना शुरू नहीं की। सवाल यह है कि यह पैसा कहां जा रहा है. यदि ठेकेदारों के फायदे के लिए कर्ज लिया जा रहा है और बांध, पुल तथा सडक़ें बनाई जा रही हैं, तो इसे विकास नहीं कहा जा सकता।

 

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