सीबीआई के बहाने होती सियासत
सरकारें करती हैं इस्तेमाल
- विपक्षी नेताओं को घेरने का बनी हथियार
- एक अप्रैल 1963 को हुई सीबीआई की स्थापना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश में सीबीआई आजकल सुर्खियों में बनी हुई है। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक उसके कसीदे पढ़ रहे हैं। जहां सत्ता पक्ष उसके साथ खड़ा है तो विपक्ष उसपर हमलावर है। दरअसल आजकल देश भर में विपक्ष के नेताओं के यहां सीबीआई किसी न किसी पूछताछ के बहाने पहुंच रही है। कांग्रेस समेत कई अन्य दल उस पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस की सरकार के समय बनी सीबीआई बड़े अपराधों क ी छानबीन के लिए बनी थी। पर समय के साथ-साथ उसका प्रयोग राजनैतिक दुराग्रहों में भी होने लगा। संप्रग सरकार के समय व इतना बदनाम हुई कि सुप्रीम कोर्ट ने उसे तोता नाम दे दिया था।
राजग सरकार में वह प्रतिद्वंद्व पाटिंयों के उपर इतनी तेजी से काम कर रही है कि उसकी सबसे ज्यादा आलोचना हो रही है। हांलाकि सीबीआई व ईडी को लेकर विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की थी कि पर उसे खारिज कर दिया। उधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई के डायमंड जुबली कार्यक्रम के दौरान सीबीआई अधिकारियों से कहा कि कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए और हमारी कोशिशों में कोई भी ढील नहीं आनी चाहिए।
सरकार ने भ्रष्टाचार के उन्मूलन और सत्यनिष्ठा को स्थापित करने के लिए लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के संकल्प से दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1946 पारित हुआ। सन 1962 में लाल बहादुर शास्त्री ने प्रशासन में भ्रष्टाचार की बढ़ती घटनाओं से निपटने और सुझाव देने के लिए संथानम कमेटी नियुक्ति की। कमेटी की संस्तुतियों पर अमल करते हुए भारत सरकार ने एक अप्रैल 1963 को प्रस्ताव द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरी यानी सीबीआई की स्थापना की। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भारत की प्राथमिक जांच एजेंसी है, जिसे 1 अप्रैल 1963 को गृह मंत्रालय, भारत सरकार के एक संकल्प द्वारा स्थापित किया गया था। सीबीआई के पहले डायरेक्टर डी.पी.कोहली थे। उन्होंने सीबीआई अधिकारियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा- सत्य निष्ठा दोनों में उच्चतम स्तर की अपेक्षा करती है। शुरुआत से ही सीबीआई ने अपने आदर्शवाद के उद्यमिता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा के पथ पर चलते हुए अत्यंत जटिल और संवेदनशील मामलों की जांच में सत्य को उजागर कर देश की विभिन्न संस्थाओं और जनता का विश्वास अर्जित किया है। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, केंद्र व राज्य सरकार, लोकपाल और केंद्रीय सतर्कता आयोग ने निरंतर राष्ट्रीय और अंतरर्र्राष्टï्रीय महत्व की संगीन आपराधिक मामलों की जांच सौंपकर सीबीआई की जांच प्रणाली में अपना विश्वास व्यक्त किया है।
सीबीआई की जिम्मेदारी
सीबीआई पर गंभीर मामलों की जांच, अनुसंधान और उनके सफल अभियोजन का दायित्व है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अंतर्गत इंटरपोल की नोडल एजेंसी के रूप में काम करने वाली सीबीआई आज देश के विभिन्न पुलिस बल के साथ परस्पर समन्वय, प्रशिक्षण और रिसर्च के माध्यम से राष्ट्र को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। सीबीआई की वास्तविक शक्ति उसके अनुसंधान और अभियोजन अधिकारियों की पेशेवर दक्षता, कर्तव्य के प्रति समर्पण और ईमानदारी से ही है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में सीबीआई अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
आर्थिक प्रणाली पर बढ़ाया लोगों का विश्वास
देश की आर्थिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई बैंक धोखाधड़ी और आर्थिक अपराधों की गहन जांच कर अपना महत्वपूर्ण योगदान देती रही है। सीबीआई ने देश की आर्थिक प्रणाली पर लोगों का भरोसा बढ़ाया है।
सीबीआई के द्वारा जांच किए गए प्रमुख मामले
एल एन मिश्रा मर्डर केस 1975, राजीव गांधी हत्याकांड 1991, मुंबई बम ब्लास्ट केस 1993, पुरुलिया आम्र्स ड्राप केस 1995, शारदा चिट फंड घोटाला 2013, चुनाव बाद हिंसा मामला 2021, कोयला घोटाला 2012, आईसी-813 हाइजैकिंग केस 1999, सृजन घोटाला, बिहार प्रियदर्शनी मट्टू मर्डर केस, चारा घोटाला 1996, कामनवेल्थ गेम्स घोटाला 2010, टेलीकाम घोटाला 1996, हर्षद मेहता केस 1992, स्टांप पेपर स्कैम केस 2004, सत्यम स्कैम केस 2009, कैट स्कैम केस, को-आपरेटिव ग्रुप हाउसिंग स्कैम, शोपियां दुष्कर्म और हत्या मामला, बेंगलुरु हत्याकांड, असम सीरियल ब्लास्ट मामला, कोठखाई दुष्कर्म हत्या मामला, यश बैंक-डीएचएफएल लोन धोखाधड़ी मामला, एनएसई को-लोकेशन स्कैम।
सीबीआई के प्रमुख आपरेशन
सीबीआई ने वांछित भगोड़ों की भारत वापसी के लिए आपरेशन त्रिशूल , ड्रग्स संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए आपरेशन गरुड़ , साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए आपरेशन चक्र , बाल यौन शोषण को रोकने के लिए आपरेशन मेघ चक्र लॉन्च किया है। देश के 36 शहरों में फैला सीबीआई का नेटवर्क 1963 से लेकर अब तक 60 साल से सीबीआई लोगों की सेवा में लगी हुई है।