बीजेपी राज में गंदा धंधा, सूरत में पकड़ा गया पोर्न कॉल सेंटर
गुजरात में सूरत के अडाजण इलाके में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ होने के बाद रोजाना नए खुले हो रहे हैं... जो परफ्यूम बेचने की आड़ में

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के सूरत शहर के अडाजण इलाके में हाल ही में एक फर्जी कॉल सेंटर के भंडाफोड़ ने न केवल स्थानीय प्रशासन की नाकामी को उजागर किया है…….. बल्कि बीजेपी शासित राज्य में बढ़ते अपराधों और अवैध धंधों की गंभीर तस्वीर भी सामने लाया है……. यह रैकेट जो ‘जस्ट विजनरी एंटरटेनमेंट’ नाम की कंपनी के तहत संचालित हो रहा था…….. परफ्यूम बेचने की आड़ में अश्लील कंटेंट के सब्सक्रिप्शन पैकेज बेचने का गोरखधंधा चला रहा था…….. इस घृणित कारोबार में 40 महिलाओं को कमीशन के लालच में फंसाकर उनके जरिए व्हाट्सएप……. और कॉल्स के माध्यम से अश्लील पैकेज बिकवाए जा रहे थे…….. इस मामले ने न केवल गुजरात की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं…….. बल्कि बीजेपी सरकार की अपराध नियंत्रण नीतियों की पोल भी खोल दी है…….
आपको बता दें कि ‘जस्ट विजनरी एंटरटेनमेंट’ के नाम से चल रहे इस फर्जी कॉल सेंटर का संचालन दो भाइयों, जैमिन डाबरिया…… और श्वेतुल डाबरिया, द्वारा किया जा रहा था…….. ये दोनों भाई, जो महज 12वीं पास हैं…… अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस रैकेट को अंजाम दे रहे थे…….. शुरुआत में ग्राहकों को ‘टीएम परफ्यूम हाउस’ के नाम से परफ्यूम का लालच दिया जाता था……. लेकिन वेबसाइट पर ‘अंडर वर्क’ का संदेश दिखाकर उन्हें व्हाट्सएप पर संपर्क करने को कहा जाता था…….. जहां अश्लील कंटेंट के पैकेज बेचे जाते थे…….. चौंकाने वाली बात यह है कि इस धंधे में शाहरुख खान जैसे मशहूर अभिनेता की तस्वीरों……. और नाम का दुरुपयोग कर परफ्यूम की बोतलों की ब्रांडिंग की जा रही थी……. यह सवाल उठता है कि क्या बीजेपी शासित गुजरात में इस तरह के अवैध कारोबार इतनी आसानी से फल-फूल सकते हैं……… और क्या स्थानीय प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे यह सब बिना किसी संरक्षण के संभव है…….
वहीं इस रैकेट में शामिल 40 महिलाओं को हर 1000 रुपये के सब्सक्रिप्शन पर 50 रुपये का कमीशन दिया जाता था…….. जिसके जरिए वे महीने में 15 से 25 हजार रुपये तक कमा लेती थीं…….. लेकिन इन महिलाओं को न तो कोई तय वेतन मिलता था……… न ही कोई समय सीमा और न ही कोई सुरक्षा……… यह ‘जितना बेचो-उतना कमाओ’ का मॉडल न केवल शोषणकारी था………. बल्कि यह भी दर्शाता है कि गुजरात में बेरोजगारी…….. और आर्थिक तंगी का फायदा उठाकर इस तरह के अवैध धंधे कैसे महिलाओं……. और युवाओं को अपने जाल में फंसा रहे हैं……. बीजेपी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारों के साथ सत्ता में आई थी……… क्या इस तरह के शोषण को रोकने में पूरी तरह विफल नहीं हो गई है…….
इस रैकेट की सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि परफ्यूम की बोतलों पर शाहरुख खान की तस्वीरों……. और नाम का इस्तेमाल कर भोले-भाले ग्राहकों को ठगा जा रहा था……. यह न केवल कॉपीराइट उल्लंघन और ब्रांड की छवि को नुकसान पहुंचाने का मामला है…….. बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि गुजरात में इस तरह की धोखाधड़ी कैसे इतने बड़े पैमाने पर चल रही थी…….. क्या स्थानीय प्रशासन और बीजेपी सरकार इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने में असमर्थ है……. या फिर यह लापरवाही जानबूझकर की गई है…….. ताकि कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके……
आपको बता दें कि बीजेपी सरकार हमेशा से गुजरात को ‘विकास का मॉडल’ और ‘अपराध मुक्त राज्य’ बताती रही है……. लेकिन सूरत जैसे औद्योगिक शहर में इस तरह के फर्जी कॉल सेंटर का खुलेआम संचालन इस दावे की हवा निकाल देता है…….. यह पहली बार नहीं है जब गुजरात में इस तरह के अवैध धंधों का पर्दाफाश हुआ है…… वहीं हाल ही में सूरत, अहमदाबाद और अन्य शहरों में कई फर्जी कॉल सेंटरों……. और साइबर स्कैम का भंडाफोड़ हुआ है……. जो विदेशी नागरिकों को ठगने से लेकर डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराधों में लिप्त पाए गए हैं…….. फिर भी बीजेपी सरकार की ओर से इन अपराधों को रोकने के लिए कोई ठोस नीति या कार्रवाई नजर नहीं आती……..
इस रैकेट में शामिल महिलाओं की स्थिति बीजेपी सरकार की आर्थिक नीतियों पर गंभीर सवाल उठाती है…….. ये महिलाएं, जो आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के कारण इस अवैध धंधे में शामिल हुईं…….. क्या गुजरात के तथाकथित ‘विकास मॉडल’ की सच्चाई नहीं दर्शातीं…… बीजेपी सरकार ने पिछले कई वर्षों में गुजरात को औद्योगिक हब के रूप में पेश किया है……. लेकिन क्या यह विकास आम लोगों तक पहुंचा है? अगर ऐसा होता…….. तो क्या इन महिलाओं को इस तरह के शोषणकारी…… और अवैध धंधों में शामिल होने की जरूरत पड़ती……
गुजरात में बेरोजगारी की दर और आर्थिक असमानता बढ़ रही है……… जिसका फायदा इस तरह के अवैध रैकेट उठा रहे हैं……. ‘जस्ट विजनरी एंटरटेनमेंट’ जैसे संगठन महिलाओं को कमाई का लालच देकर उनका शोषण कर रहे हैं……. और बीजेपी सरकार की नीतियां इस तरह के शोषण को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही हैं…….. क्या यह सरकार की प्राथमिकता में आम लोगों की सुरक्षा और सम्मान शामिल नहीं है……
वहीं पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है…….. और जांच अभी जारी है……. लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि क्या यह कार्रवाई केवल दिखावे के लिए है…….. या वास्तव में इस रैकेट के पीछे के असली मास्टरमाइंड तक पहुंचा जाएगा……. गुजरात में बीजेपी की सरकार पिछले कई दशकों से सत्ता में है…….. और इस दौरान कई ऐसे मामले सामने आए हैं…….. जहां शुरुआती कार्रवाई के बाद जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया……. क्या यह मामला भी उसी तरह दबा दिया जाएगा…….
बीजेपी हमेशा से अपने शासन को ‘कानून और व्यवस्था’ के लिए जाना जाता है…….. लेकिन इस तरह के अपराधों का बढ़ना इस दावे को खोखला साबित करता है……. सूरत जैसे शहर, जो गुजरात का आर्थिक केंद्र है……. जहां इस तरह के फर्जी कॉल सेंटरों का खुलेआम चलना यह दर्शाता है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस की निगरानी कितनी कमजोर है……
वहीं इस रैकेट का सामाजिक प्रभाव भी कम गंभीर नहीं है……. अश्लील कंटेंट के अवैध व्यापार ने न केवल समाज में नैतिक पतन को बढ़ावा दिया है…….. बल्कि यह भी दर्शाता है कि बीजेपी शासित गुजरात में सामाजिक मूल्यों की कितनी अनदेखी हो रही है…… शाहरुख खान जैसे लोकप्रिय हस्ती के नाम का दुरुपयोग न केवल उनके प्रशंसकों के लिए अपमानजनक है……. बल्कि यह भी दिखाता है कि अपराधी कितनी बेशर्मी से समाज के हर स्तर को प्रभावित कर रहे हैं……
इसके अलावा इस रैकेट में शामिल महिलाओं का शोषण एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है…… इन महिलाओं को न तो कोई निश्चित आय मिलती थी…… न ही कोई सुरक्षा….. वे केवल कमीशन के भरोसे काम कर रही थीं……. जो उनके आर्थिक और मानसिक शोषण को और बढ़ाता है……. बीजेपी सरकार ‘नारी शक्ति’ और ‘महिला सशक्तिकरण’ की बात करती है……. इस तरह के शोषण को रोकने में क्यों विफल हो रही है…….
बता दें कि यह मामला बीजेपी सरकार के लिए एक बड़ा झटका है……. गुजरात जिसे बीजेपी अपना गढ़ मानती है….. में इस तरह के अपराधों का बढ़ना न केवल सरकार की नाकामी को दर्शाता है……… बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि क्या बीजेपी की प्राथमिकताएं वास्तव में आम लोगों की सुरक्षा…… और विकास की ओर हैं……. इस तरह के रैकेट न केवल आर्थिक अपराध हैं……. बल्कि सामाजिक और नैतिक पतन का भी प्रतीक हैं……
बीजेपी को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी होगी……. केवल आठ आरोपियों की गिरफ्तारी पर्याप्त नहीं है……. इस रैकेट के पीछे के असली मास्टरमाइंड और इसके संरक्षकों तक पहुंचना जरूरी है……. साथ ही सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह के अवैध धंधे न पनप सकें……. बेरोजगारी और आर्थिक तंगी को कम करने के लिए ठोस नीतियां बनानी होंगी…….. ताकि लोग इस तरह के शोषणकारी रैकेट का शिकार न बनें……..



