गुजरात में AAP का पावर शो, बीजेपी-कांग्रेस के 500 नेता-कार्यकर्ता पार्टी में हुए शामिल
गुजरात की राजनीति में आम आदमी पार्टी ने बड़ा झटका कांग्रेस को दिया है... कांग्रेस के पूर्व विधायक अपने 400 से अधिक समर्थकों...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात की राजनीति में इन दिनों बड़ा हलचल मचा हुआ है.. आम आदमी पार्टी लगातार मजबूत हो रही है.. जबकि कांग्रेस की स्थिति कमजोर पड़ती जा रही है.. हाल ही में धरमपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक ईश्वरभाई पटेल ने अपने 400 से अधिक समर्थकों के साथ AAP का दामन थाम लिया.. वहीं यह घटना न सिर्फ कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है.. बल्कि यह दिखा रही है कि गुजरात के ग्रामीण.. और आदिवासी इलाकों में AAP का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है.. AAP के नेता चैतर वसावा ने इस आयोजन को गुजरात जोड़ो जनसभा का नाम दिया.. जिसमें हजारों लोग जुटे.. इस घटना ने साफ संकेत दिया है कि आने वाले स्थानीय चुनावों.. जैसे तालुका पंचायत, जिला पंचायत और नगर पालिका में AAP सभी सीटों पर जोरदार लड़ाई लड़ेगी..
आपको बता दें कि AAP के पोस्ट किए गए वीडियो.. और फोटोज में पूर्व विधायक ईश्वरभाई पटेल को AAP के झंडे के साथ देखा जा सकता है.. वे कहते हैं कि कांग्रेस में अब कोई दिशा-दिशा नहीं बची.. AAP ही सच्ची सेवा और बदलाव की पार्टी है.. उनके इस बयान ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हड़कंप मचा दिया.. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता ने इसे व्यक्तिगत फैसला बताया.. लेकिन अंदरखाने में चिंता साफ झलक रही है…
ईश्वरभाई पटेल गुजरात के वलसाड जिले के धरमपुर विधानसभा क्षेत्र से आते हैं.. यह इलाका आदिवासी बहुल है.. जहां जनजातीय समुदाय की आबादी करीब 70 प्रतिशत है.. पटेल ने 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर धरमपुर से जीत हासिल की थी.. वे स्थानीय स्तर पर किसानों, आदिवासियों और गरीबों के मुद्दों पर हमेशा मुखर रहे है.. 2017 में वे चुनाव हार गए.. लेकिन कांग्रेस के संगठन में सक्रिय बने रहे.. 2022 के विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार किया..
पटेल का AAP में शामिल होना कोई अचानक फैसला नहीं है.. पिछले कुछ महीनों से वे स्थानीय स्तर पर AAP के कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे थे.. AAP के गुजरात प्रदेश युवा अध्यक्ष बृजराज सोलंकी.. और युवा नेता यश जादेजा ने इस जनसभा में उनकी अगवानी की.. पटेल ने कहा कि मैंने कांग्रेस में 20 साल सेवा की.. लेकिन पार्टी अब सिर्फ सत्ता की भूखी हो गई है.. AAP दिल्ली और पंजाब में जो काम कर रही है.. मुफ्त बिजली, पानी, अच्छी शिक्षा गुजरात के लोगों को चाहिए.. उनके 400 समर्थकों में ज्यादातर आदिवासी युवा, पूर्व सरपंच और पंचायत सदस्य हैं.. यह संख्या छोटी लग सकती है.. लेकिन धरमपुर जैसे इलाके में यह एक बड़ा समूह है.. जो स्थानीय चुनावों में निर्णायक साबित हो सकता है..
गुजरात की राजनीति को समझने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं.. 1980 के दशक से यहां भाजपा का राज चला आ रहा है.. 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 156 सीटें जीतीं.. जबकि कांग्रेस को सिर्फ 17 मिलीं। AAP ने पहली बार 5 सीटें हासिल की.. जो उसके लिए ऐतिहासिक था.. लेकिन उसके बाद AAP के कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए.. भूपेंद्र भायानी ने दिसंबर 2023 में इस्तीफा देकर भाजपा जॉइन कर ली.. इसी तरह, चिराग पटेल ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का रुख किया..
कांग्रेस की हालत सबसे खराब है.. 2022 के बाद से गुजरात कांग्रेस से 45 से अधिक विधायक, सांसद.. और नेता भाजपा या AAP में चले गए.. अगस्त 2025 में तीन पूर्व नेता सूर्यसिंह दाभी, ओमप्रकाश तिवारी और कांति ठाकोर AAP से वापस कांग्रेस लौटे.. लेकिन यह घर वापसी ज्यादा प्रभावी नहीं रही.. कांग्रेस के पास अब विधानसभा में सिर्फ 16 विधायक बचे हैं.. राज्य अध्यक्ष अमित चावड़ा ने हाल ही में संगठन को मजबूत करने के प्रयास किए.. लेकिन नेताओं का पलायन रुक नहीं रहा है..
AAP का स्थानीय मुद्दों पर फोकस है.. पार्टी ने गुजरात जोड़ो अभियान शुरू किया है.. जिसमें जनसभाओं के जरिए ग्रामीण इलाकों में पहुंच बनाई जा रही है.. अक्टूबर 2025 में चूथ गाम क्षेत्र में 7,000 से अधिक भाजपा.. और कांग्रेस कार्यकर्ता AAP में शामिल हुए.. इनमें पूर्व सरपंच, तालुका पंचायत सदस्य.. और युवा नेता शामिल थे.. AAP के गुजरात संयोजक गोपाल इटालिया ने कहा कि हमारी सरकार दिल्ली मॉडल पर चलेगी.. शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा.. जून 2025 के विसावदार उपचुनाव में इटालिया ने 17,581 वोटों से जीत हासिल की.. जो AAP की बढ़ती पकड़ का प्रमाण है..
आपको बता दें कि AAP की प्रगति को आंकड़ों से देखें तो साफ है कि पार्टी ग्रामीण.. और आदिवासी वोट बैंक पर नजरें गड़ाए हुए है.. 2022 चुनावों में AAP को 12.79 प्रतिशत वोट मिले.. जो कांग्रेस के 21.58 प्रतिशत से कम थे.. लेकिन 2024 लोकसभा चुनावों में AAP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और दो सीटें लड़ीं.. हालांकि, भाजपा ने सभी 26 सीटें जीतीं.. लेकिन AAP का वोट शेयर बढ़ा..
2025 के उपचुनावों में AAP ने विसावदार में शानदार जीत दर्ज की.. गोपाल इटालिया को 75,906 वोट मिले.. जबकि भाजपा के किरीट पटेल को 58,325 वोट मिले.. कांग्रेस के नितिन रणपरिया तीसरे नंबर पर रहे.. कड़ी सीट पर भाजपा जीती.. लेकिन AAP का प्रदर्शन मजबूत रहा.. स्थानीय स्तर पर AAP ने 20,000 से अधिक सदस्यता अभियान चलाया.. अक्टूबर 2025 में एक ही जनसभा में 7,000 कार्यकर्ता शामिल हुए.. ये आंकड़े बताते हैं कि AAP अब सिर्फ शहरी नहीं.. बल्कि ग्रामीण गुजरात में भी पैठ बना रही है..
बता दें AAP के पास वर्तमान समय में 3 विधायक हैं.. चैतर वसावा (देदियापाड़ा), उमेश मकवाना (बोटाद) और गोपाल इटालिया (विसावदार) से विधायक हैं.. पार्टी का दावा है कि 2027 के विधानसभा चुनावों तक वे 50 से अधिक सीटें जीत लेंगे.. अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में गुजरात दौरे पर कहा कि गुजरात में क्रांति आएगी.. BJP को AAP ही हराएगी..
आपको बता दें कि गुजरात में कांग्रेस की दुर्दशा के पीछे कई कारण हैं.. जिसमें पहला आंतरिक कलह है.. जानकारी के लिए बता दें कि 2023 में पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाड़िया ने इस्तीफा दे दिया… और उन्होंने कहा कि पार्टी में गुटबाजी बढ़ गई है.. कई कांग्रेस नेता खुले तौर पर कहते हैं कि BJP की विकास योजनाएं PMAY, उज्ज्वला और जल जीवन मिशन लोगों को आकर्षित कर रही हैं… 2022 में AAP ने कांग्रेस के गुजरात में वोट काटे…
वहीं 2022 में राजकोट पूर्व से पूर्व MLA इंद्रनील राजगुरु AAP में शामिल हुए.. जो कांग्रेस को बड़ा झटका था.. लेकिन नवंबर 2022 में वे वापस कांग्रेस लौट आए.. इसी तरह काइलाश गढ़वी ने 2022 में AAP जॉइन की.. उसके बाद BJP में शामिल हो गए.. वहीं अब कांग्रेस के पास कोई मजबूत चेहरा नहीं बचा… जिग्नेश मेवानी जैसे युवा नेता हैं… लेकिन वे भी विवादों में घिरे रहते हैं…
गुजरात कांग्रेस ने घर वापसी अभियान चलाया.. लेकिन उसकी सफलता सीमित रही.. अगस्त 2025 में तीन नेता लौटे.. लेकिन ईश्वरभाई पटेल जैसे स्थानीय नेता के जाने से फिर सवाल उठे.. राज्य अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि हम मजबूत होंगे.. 2027 में वापसी करेंगे.. लेकिन आंकड़े उलट कहानी बयां करते हैं.. कांग्रेस का वोट शेयर 2022 में घटकर 21.58% रह गया..



