प्रदोष व्रत से मिलता है शिव-पार्वती का आशीर्वाद, जानिए विस्तार से

मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत और पूजन करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के सारे दुख और संकट दूर होते हैं. जीवन में खुशहाली आती है. घर धन-धान्य से भरा रहाता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत और पूजन करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के सारे दुख और संकट दूर होते हैं. जीवन में खुशहाली आती है. घर धन-धान्य से भरा रहाता है.

सनातन धर्म में त्रयोदशी तिथि बहुत पावन मानी जाती है, क्योंकि हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी
तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत जिस दिन पड़ता है, उस दिन के वार के नाम से प्रदोष व्रत जाना जाता है. प्रदोष व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित किया गया है. इस दिन विधि-विधान से भगवान शिवॊ व माता पार्वती की पूजा और व्रत किया जाता है.

मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत और पूजन करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के सारे दुख और संकट दूर होते हैं. जीवन में खुशहाली आती है. घर धन-धान्य से भरा रहाता है. साल 2025 का आखिरी महीना शुरू होने वाला है. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि दिसंबर माह में प्रदोषव्रत कब-कब रखा जाएगा?

प्रदोष व्रत 2025 दिसंबर लिस्ट
वैदिक पंचांग के अनुसार, दिसंबर का पहला प्रदोष व्रत दो दिसंबर और दूसरा 17 तारीख को रखा जाएगा.
दो दिसंबर को पड़ने वाला प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत रहेगा. दो
दिसंबर को मंगलवार का दिन है. धर्म शास्त्रों में मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा गया है.

प्रदोष व्रत 2025 शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 02 दिसंबर को दोपहर 03 बजकर 57
मिनट पर शुरू हो जाएगी. हीं, इस तिथि का समापन 03 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर होगा.
इसलिए दो दिसंबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ये भौम प्रदोष व्रत रहेगा. इस दिन प्रदोष काल समय का शाम 05
बजकर 33 मिनट से 08 बजकर 15 मिनट तक रहने वाला है. प्रदोष व्रत पर प्रदोष काल में ही भगवान शिव का
पूजन किया जाता है.

दिसंबर माह का दूसरा प्रदोष व्रत 17 तारीख को रखा जाएगा. ये प्रदोष व्रत पौष मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी
तिथि पर पड़ेगा. वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 16 दिसंबर को
रात 11 बजकर 57 मिनट पर हो जाएगी. वहीं इस तिथि का समापन 18 दिसंबर को रात 02 बजकर 32 मिनट
पर होगा. ऐसे में प्रदोष व्रत 17 दिसंबर को रखा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल शाम को 05 बजकर 38 मिनट से
08 बजकर 18 मिनट रहने वाला है.

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