शपथ लेते ही ट्रंप के ऐलान से प्रधानमंत्री मोदी परेशान!

  • ब्रिक्स देशों को दी खुलेआम टैरिफ लगाने की धमकी
  • पड़ोसी देशों को भी दिखाई आंख
  • बाइडन के फैसलों को पलटा, दुनिया के कई देशों में कोहराम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति की शपथ ले ली। इसके बाद उन्होंने कई बड़ी घोषणाएं की। उनके कुछ बड़े ऐलानों से सिर्फ अमेरिका के पड़ोसी ही नहीं परेशान होंगे बल्कि उनके सबसे प्रिय दोस्त नरेन्द्र मोदी का देश भारत भी प्रभावित होगा। उन्होंने ब्रिक्स देशों पर सौ प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रंप ने इबार जो फैसले किए हैं उससे भारत के व्यापार को जहां करारा झटका लगने वाला है वहीं यहा मानव संसाधन को बड़ा नुकसान होने वाला है।
बता दें भारत व अमेकिरा के बीच अरबों डालर का व्यापार होता है पर अब इसपर तुषरापात होने वाला है ट्रंप ने कहा है वह अब अपने देश के लोगों पर टैक्स नही लगाएंगे बल्कि उन देशों पर टैक्स लगाएंगे जो यहां निर्यात या निमार्ण करते हैं। इसी के साथ ट्रंप ने भारत से अमेरिका में नौकरी करने आने वालों पर भी रोक लगाने का निणर्य किया है इससे भारत में तो बेरोजगारी बढ़ेगी ही अमेरिका में भी भारतीयों की नौकरी जा सकती है जिसका देश पर बुरा असर होगा। इन सब अंदेशाओं को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। दरअसल, ट्रंप ने एलान किया है कि अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से बाहर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मैक्सिको और कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा। वहीं, बाइडन सरकार के 78 फैसलों को रद कर दिया। ट्रंप ने कहा कि मैं सबसे पहले बाइडन प्रशासन में लागू हुए उन 80 फैसलों को रद करूंगा जो अमेरिका के विकास के लिए बाधा बन रही है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना रद्द

राष्ट्रपति ट्रंप ने छह जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर हुए हमले के दोषी 1500 लोगों को माफी देने के आदेश पर साइन किए। ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को बाहर करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। ड्रग तस्कर आतंकी घोषित होंगे। मैक्सिको सीमा पर दीवार बनेगी। मेक्सिको और कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि नियम अगले महीने (फरवरी) से लागू हो सकती है। थर्ड जेंडर खत्म करने का किया एलान। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना रद होगी। डोनाल्ड ट्रंप ने थर्ड जेंडर को समाप्त कर दिया है। अमेरिका में अब केवल दो जेंडर होंगे।

ट्रंप ने पेरिस एग्रीमेंट को धोखा करार दिया

जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचने के लिए वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए दुनिया के देशों ने यह समझौता किया है। ट्रंप ने इस समझौते को धोखा करार दिया है। ट्रंप राष्ट्रति पद संभालने के बाद ताबड़तोड़ फैसले लेने वाले हैं। ट्रंप के सहयोगियों ने बताया कि अमेरिका की आव्रजन नीतियों में बदलाव लाने, जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने के उद्देश्य से शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ट्रंप कई आदेश जारी करने जा रहे हैं।

शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रण पर भी उठे सवाल

उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। भारत सरकार की तरफ से विदेशमंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। इससे पहले भारत में प्रधानमंत्री को आमंत्रित न किए जाने पर विपक्ष समेत आमजन ने अमेरिकी प्रशासन पर निशाना साधा था। लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कहा की मोदी जी से दोस्ती का दावा करने वाले ट्रंप ने मोदी को क्यों नहीं बुलाया क्या सिर्फ दोस्ती का छलावा था। बता दें ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिका के कुछ सबसे प्रभावशाली अरबपतियों और राजनेताओं के साथ-साथ विदेशी नेताओं और मशहूर हस्तियां भी शामिल हुईं।

दूसरे देश के लोगों को नहीं मिलेगी नागरिकता

मौजूदा समय अमेरिका में जन्म लेने वालों को अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है भले ही उनके माता-पिता अमेरिकी न हों। ट्रंप ने दक्षिणी मैक्सिको सीमा पर राष्टीय आपातकाल लगाने की घोषणा की है। वहां सशस्त्र सेना भेजी जाएगी। शरणार्थियों को अमेरिकी मैक्सिको में प्रतीक्षा करने के लिए बाध्य करने वाली नीति को पुन: लागू करेंगे। मृत्युदंड को बहाल करेंगे, जिसे बाइडन ने निलंबित कर दिया था।

भारत समेत ब्रिक्स देशों केव्यापार पर 100 प्रतिशत कर लेने की तैयारी

डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को खुलेआम एक धमकी दे दी है। शपथ लेते ही ट्रंप ने कहा कि भारत समेत ब्रिक्स देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जा सकता है.। उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स में इस वक्त 10 देश शामिल है। जिनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है, स्पेन ब्रिक्स का भाग नहीं है। इसके बावजूद स्पेन डोनाल्ड ट्रंप के रडार में है, डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल दिसंबर महीने में हीं ब्रिक्स देशों पर 100 टैरिफ लगाने का इशारा कर दिया था। हालांकि, उन्होंने इसके लिए एक शर्त भी रखी थी। ट्रंप ने फिर अपनी पुरानी धमकी को दोहराया है, उन्होंने ब्रिक्स देशों को धमकी देते हुए कहा कि अगर ब्रिक्स देश अमेरिका विरोधी नीतियां लेकर आते हैं तो उन्हें इसके लिए अंजाम भुगतने को तैयार रहना होगा। ट्रंप ने दिसंबर 2024 में कहा था, अगर ब्रिक्स देशों ने अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की कोशिश में नई करेंसी बनाते हैं या डॉलर के मुकाबले किसी अन्य करेंसी का समर्थन करते हैं तो अमेरिका उन सब पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगाएगा और उन्हें अमेरिका में अपना सामान बेचने से अलविदा कहना होगा।

कुलीनतंत्र बनने की ओर अग्रसर अमेरिका: बाइडन

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने विदाई संबोधन में चेतावनी दी कि अमेरिका में अत्यधिक धनबल, शक्ति और प्रभाव वाला एक कुलीनतंत्र (ओलिगार्की) आकार ले रहा है जो सचमुच हमारे पूरे लोकतंत्र के लिए खतरा है। इस टिप्पणी से पता चलता है कि राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में सार्वजनिक नीति को आकार देने वाले लोग नहीं बल्कि अरबपति होंगे। ओलिगार्की सामाजिक संगठन का वह स्वरूप है जिसमें राजनीतिक शक्ति मुख्य रूप से धनवान अभिजात्य वर्ग के हाथों में होती है। निश्चित रूप से कुछ ऐसे साक्ष्य हैं जिनके आधार पर बाइडन की चेतावनी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। दुनिया के सबसे अमीर आदमी और एक्स के मालिक एलन मस्क रिपब्लिकन उम्मीदवार के मुखर समर्थक रहे हैं। वर्ष 2024 के चुनाव में जीत के बाद ट्रंप से मुलाकात करने वाले लोगों में मेटा के मार्क जुकरबर्ग, अमेजन के जेफ बेजोस, एप्पल के टिम कुक और गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई शामिल हैं। इन नए प्रौद्योगिकी दिग्गजों को कुलीन वर्ग माना जाना चाहिए?

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