पंजाब सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी विरोधी कड़े कानून का ड्राफ्ट मंजूर किया
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “बेअदबी को लेकर हम इसका ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं.

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: पंजाब सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर कड़ा कानून बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने इस कानून के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है, जिसका नाम
The Punjab Prevention of Offences Against Holy Scripture(s) Act, 2025 रखा गया है।
इस कानून के तहत धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। किसी भी धर्म या धार्मिक ग्रंथ के अपमान या बेअदबी का दोषी पाए जाने पर कम से कम 10 साल की जेल या उम्रकैद की सजा दी जाएगी। इसके अलावा, बेअदबी की साजिश रचने वालों, धार्मिक पूजा या समारोहों में बाधा डालने वालों तथा उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा जो धार्मिक आयोजनों को परेशान करते हैं।
ड्राफ्ट में यह भी प्रावधान है कि यदि आरोपी नाबालिग होगा तो उसके माता-पिता को भी कानूनी दायित्वों के तहत जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके साथ ही, सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए भी कड़े प्रावधान शामिल किए गए हैं। यह ड्राफ्ट विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान तैयार किया गया था। पंजाब सरकार का यह कदम धार्मिक सद्भाव और शांति बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
बेअदबी विरोधी कानून का मकसद माता-पिता या अभिभावकों, जो ‘जानबूझकर या अन्यथा आरोपी बालक या मानसिक रूप से विक्षिप्त या विकलांग व्यक्ति” को नियंत्रित करने या प्रबंधित करने के अपने कर्तव्य को निभाने में चूक जाते हैं या नाकाम हो जाते है उन्हें आरोपी माने जाने का प्रावधान भी ड्राफ्ट में किया गया हैं.
ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि यदि ऐसा अपराध सांप्रदायिक दंगों को भड़काता है, जिससे इंसानी जिंदगी की हानि होती है या सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है, तो सजा 20 साल से लेकर शेष प्राकृतिक जीवन तक हो सकती है, साथ ही 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
जुर्माना नहीं भरा तो पैरोल या फरलो नहीं
साथ ही इसके तहत अधिकतम सजा पाने वाले या जुर्माना ना भरने वालों के लिए पैरोल या फरलो का कोई प्रावधान नहीं है. यदि ग्रंथी, पाठी सिंह, सेवादार, रागी, ढाडी, प्रबंधक, पंडित, पुरोहित, मौलवी या पादरी- जिन्हें अपने-अपने पवित्र धर्मग्रंथों से संबंधित धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने के लिए नियुक्त किया जाता है- इस कानून के तहत किसी अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उन्हें उस श्रेणी के अपराध के लिए निर्धारित की गई अधिकतम सजा मिलेगी.
इस कानून के तहत बेअदबी की साजिश रचने वालों या इसे भड़काने वालों पर भी केस चलाया जाएगा, साथ ही उन लोगों पर भी केस चलाया जाएगा जो धार्मिक पूजा या धार्मिक समारोह के आयोजन में बाधा डालते हैं, या उन्हें परेशान करते हैं. प्रस्तावित कानून का ड्राफ्ट इस विधानसभा के जारी विशेष सत्र की दौरान ही तैयार किया गया है.
इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “बेअदबी को लेकर हम इसका ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं. इसके खिलाफ एक कानून बनाया जाएगा, लेकिन इसके लिए हम हितधारकों, धार्मिक संस्थाओं से भी बातचीत करेंगे.” उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम मसौदे के लिए हमें समय चाहिए. सीएम मान ने पिछले महीने 28 जून को भी कहा था कि उनकी सरकार बेअदबी के कृत्यों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान वाला एक कानून लेकर आएगी.



