निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर उठे सवाल, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने की संसद में चर्चा की मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई का कहना है कि लोगों के मन में निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता को लेकर सवालिया निशान है इसलिए हम संसद में चर्चा चाहते हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई का कहना है कि लोगों के मन में निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता को लेकर सवालिया निशान है इसलिए हम संसद में चर्चा चाहते हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता संदिग्ध है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह क्या है?. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह पिछले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में उनकी (सरकार) हेराफेरी है?.

कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल पिछले काफी समय से निर्वाचन आयोग पर सवाल खड़े करते आ रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर लगातार चुनाव आयोग पर हमला पर हैं. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता संदिग्ध है, यही वजह है कि विपक्षी दल संसद में मतदाता सूची के संशोधन पर चर्चा चाहते हैं.

रविवार (3 अगस्त) को कांग्रेस की असम इकाई की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक शुरू होने से पहले पत्रकारों पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि आज लोगों के मन में निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता को लेकर सवालिया निशान है इसलिए हम संसद में चर्चा चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता संदिग्ध है.

वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह क्या है ये नहीं पता. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह पिछले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में उनकी (सरकार) हेराफेरी है?. कांग्रेस नेता ने साफ कहा कि विपक्ष बिहार में जारी संशोधित मतदाता सूची के मुद्दे पर संसद में खुली चर्चा चाहता है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि आम लोगों को अपने मताधिकार की स्थिति और मतदान केंद्रों के विवरण के बारे में पता होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इस पर चर्चा चाहते हैं, लेकिन सरकार कह रही है कि इस मामले पर चर्चा नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि आखिर सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है.

विपक्ष का SIR पर विशेष चर्चा आयोजित करने का आग्रह
इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण पर बिना किसी देरी के एक विशेष चर्चा आयोजित करने का आग्रह किया था. बिरला को लिखे अपने पत्र में विपक्षी सांसदों ने बिहार में, खासकर राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर गहरी चिंता व्यक्त की थी.

पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में लोकसभा में विपक्ष की नेता गांधी, सदन में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, डीएमके के टीआर बालू, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, एसपी के लालजी वर्मा, टीएमसी की काकोली घोष दस्तीदार, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत और आरजेडी के अभय कुमार शामिल थे.

विपक्ष ने पत्र लिखकर की ये मांग
विपक्षी सांसदों ने अपने पत्र में कहा था ‘हम विभिन्न विपक्षी दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद, बिहार में चल रहे मतदाता सूची संशोधन पर खासकर राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चिंता व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा यह अभूतपूर्व है. भारत निर्वाचन आयोग ने संकेत दिया है कि जल्द ही पूरे देश में इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इस प्रक्रिया की पारदर्शिता, समय और उद्देश्य को लेकर व्यापक आशंकाओं को देखते हुए इस मामले पर सदन को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है’.

सांसदों ने कहा कि विपक्ष मौजूदा सत्र की शुरुआत से ही लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है. पत्र में कहा गया है, रविवार, 20 जुलाई को हुई सर्वदलीय बैठक समेत सरकार के साथ कई बातचीत में इस मुद्दे को दोहराया गया. हालांकि सरकार ने इस मुद्दे सहित सभी मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा जताई है, लेकिन अभी तक इस तरह की चर्चा के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है. विपक्षी सांसदों ने कहा कि मतदाता सूची के संशोधन का मतदान के अधिकार और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने पर सीधा असर पड़ता है.

SIR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
विपक्ष ने बिरला को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘लोकसभा में एक विशेष चर्चा से सदस्यों को स्पष्टता प्राप्त करने और पारदर्शिताएवं जवाबदेही सुनिश्चित करने का अवसर मिलेगा. इसलिए हम आपसे बिना किसी और देरी के चल रहे मतदाता सूची संशोधन पर एक विशेष चर्चा निर्धारित करने का आग्रह करते हैं’. विपक्ष संसद के दोनों सदनों में सर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है और आरोप लगा रहा है कि चुनाव आयोग की इस कवायद का उद्देश्य विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है. वे दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं.

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