बाराबंकी के अवसानेश्वर मंदिर में मची भगदड़, योगी के अधिकारियों पर उठे सवाल!
उत्तर प्रदेश के बारबंकी में अवसानेश्वर महादेव मंदिर में अचानक करंट फैल गया... जिसके बाद भगदड़ मच गई... इससे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सावन के तीसरे सोमवार को एक दुखद….. और दर्दनाक हादसा हुआ…… हैदरगढ़ क्षेत्र में स्थित प्राचीन अवसानेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए उमड़ी भारी भीड़ के बीच……. रात करीब 2 बजे अचानक भगदड़ मच गई…… इस भयानक हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई…… जबकि करीब 29 से 40 लोग घायल हो गए……. बता दें कि घायलों में महिलाएं और बच्चे भी हैं……. जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है…….
वहीं इस हादसे ने एक बार फिर प्रशासन की तैयारियों……. और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं……. हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ की घटना……. जिसमें 6 से 8 लोगों की मौत हुई थी…… उसके ठीक अगले दिन बाराबंकी में इस हादसे ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया है…… लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर योगी आदित्यनाथ के प्रशासन की इतनी बड़ी चूक कैसे हुई……. क्या यह लापरवाही का नतीजा है……
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि यह हादसा मंदिर परिसर में बिजली का तार टूटने की वजह से हुआ…… जिलाधिकारी के अनुसार कुछ बंदर बिजली के तारों पर उछल-कूद कर रहे थे…….. जिससे तार टूटकर मंदिर के टीन शेड पर गिर गया…….. टीन शेड में करंट फैलने से श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई…….. लोग चीखते-चिल्लाते इधर-उधर भागने लगे…….. और देखते ही देखते भगदड़ की स्थिति बन गई……. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक टीन शेड के साथ-साथ मंदिर के धातु के गेट……. और ग्रिल में भी करंट दौड़ गया…… जिससे हादसा और गंभीर हो गया……
लेकिन सवाल यह है कि क्या यह हादसा सिर्फ बंदरों की उछल-कूद का नतीजा था…….. या फिर प्रशासन की ओर से बुनियादी सुरक्षा मानकों की अनदेखी इसका कारण बनी……. बिजली के तारों की ऐसी स्थिति…… जो बंदरों के कूदने से टूट जाए….. और मंदिर परिसर में टीन शेड जैसी बनावट…… जिसमें करंट आसानी से फैल सकता हो…… यह सब प्रशासन की लापरवाही की ओर इशारा करता है…….. वहीं सावन के महीने में मंदिरों में भारी भीड़ का आना कोई नई बात नहीं है…….. फिर भी बाराबंकी प्रशासन ने ऐसी भीड़ को संभालने के लिए पहले से कोई ठोस इंतजाम क्यों नहीं किए…….
वहीं यह कोई पहला मौका नहीं है जब उत्तर प्रदेश या पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में मंदिरों में भगदड़ की घटनाएं सामने आई हों…….. रविवार को ही हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में करंट फैलने की अफवाह के चलते भगदड़ मच गई थी……. जिसमें 6 से 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई……. और कई घायल हो गए…… इस घटना में बाराबंकी के ही वकील प्रसाद वर्मा की भी मौत हुई थी……. अब ठीक एक दिन बाद बाराबंकी में अवसानेश्वर मंदिर में यह हादसा हुआ है……
वहीं लगातार हो रही इन घटनाओं ने योगी सरकार की तैयारियों……. और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं……. लोग पूछ रहे हैं कि जब सावन का महीना चल रहा है……. और मंदिरों में लाखों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं…… तो प्रशासन इतना लापरवाह कैसे हो सकता है…….. क्या सरकार और जिला प्रशासन को पहले से ऐसी घटनाओं की आशंका नहीं थी……. क्या बिजली के तारों की मरम्मत और मंदिर परिसर की सुरक्षा जांच पहले नहीं की जा सकती थी……..
आपको बका दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे का तत्काल संज्ञान लिया……. और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की….. और उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने…… और घायलों को उचित इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए……. सीएम कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद बाराबंकी स्थित श्री अवसानेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है……. इसके साथ ही योगी ने मृतकों के परिवारों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की…….
लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि क्या ये कदम हादसे को रोकने के लिए पहले नहीं उठाए जा सकते थे…….. मंदिर में पहले से ही पुलिस बल मौजूद था……. लेकिन इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या पर्याप्त इंतजाम थे……. बिजली विभाग को तारों की स्थिति की जांच करने के लिए पहले क्यों नहीं कहा गया……. स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर परिसर में बिजली के तार पुराने और जर्जर हालत में थे…….. जिसकी जानकारी प्रशासन को पहले से थी……. फिर भी कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया…….
आपको बता दें कि यह हादसा कई सवाल छोड़ गया है……… मंदिर परिसर में बिजली के तारों की स्थिति इतनी खराब क्यों थी…….. क्या जिला प्रशासन और बिजली विभाग ने सावन के महीने से पहले मंदिरों की सुरक्षा जांच नहीं की……. वहीं इतनी बड़ी भीड़ को देखते हुए क्या मंदिर में पर्याप्त पुलिस बल और आपातकालीन व्यवस्था थी…… क्या प्रशासन ने हरिद्वार की घटना से कोई सबक लिया था……. या फिर यह लापरवाही का नतीजा है…….
जिसको लेकर स्थानीय लोगों और कुछ विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार पर निशाना साधा है…… समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा कि योगी सरकार धार्मिक आयोजनों को तो बढ़ावा देती है…….. लेकिन सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती…….. यह हादसा प्रशासन की नाकामी का जीता-जागता सबूत है…….. वहीं, कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने मांग की कि इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच हो…….. और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए……..
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ और बाराबंकी के अवसानेश्वर मंदिर में हुए इस हादसे में कई समानताएं हैं…… दोनों ही घटनाएं सावन के सोमवार को हुईं…….. दोनों में करंट फैलने की वजह से भगदड़ मची…….. और दोनों में ही भारी जनहानि हुई……. हरिद्वार में करंट की अफवाह ने 6 से 8 लोगों की जान ले ली…….. जबकि बाराबंकी में करंट ने दो लोगों की जान ले ली……. और कई को घायल कर दिया…….
वहीं इन घटनाओं ने यह सवाल उठाया है कि क्या उत्तर प्रदेश…….. और उत्तराखंड जैसे राज्यों में धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति है…….. सावन जैसे पवित्र महीने में जब लाखों श्रद्धालु मंदिरों में उमड़ते हैं………. तब प्रशासन को पहले से ही सतर्क रहना चाहिए…….. बिजली के तारों की जांच, भीड़ प्रबंधन……. और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं का इंतजाम पहले से क्यों नहीं किया गया……
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर प्रतिक्रिया दी……. और उन्होंने न केवल मृतकों के परिवारों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की……. बल्कि घायलों के मुफ्त इलाज के लिए भी निर्देश दिए…….. प्रशासन ने बिजली विभाग को घटनास्थल का तकनीकी निरीक्षण करने……. और हादसे की मजिस्ट्रियल जांच कराने के आदेश दिए हैं……..
लेकिन हादसे के बाद सरकार द्वारा 5 लाख की सहायता से जिंदगियां वापस आ सकती है….. वही यह हादसा एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि क्या हमारी सरकारें……. और प्रशासन धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं…….. सावन का महीना हर साल आता है…….. और हर साल मंदिरों में लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं…… फिर भी हर साल ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं…….. क्या प्रशासन को पहले से ऐसी घटनाओं की आशंका नहीं होती…….. क्या बिजली के तारों की जांच, भीड़ प्रबंधन…… और आपातकालीन सेवाओं को बेहतर करने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई जा सकती हैं…….
आपको बता दें कि बाराबंकी के अवसानेश्वर महादेव मंदिर में हुआ यह हादसा न केवल दुखद है…….. बल्कि यह प्रशासन की तैयारियों पर एक बड़ा सवालिया निशान है……. दो लोगों की जान चली गई…….. दर्जनों घायल हुए और कई परिवारों का जीवन हमेशा के लिए बदल गया…….. वहीं यह समय है कि योगी सरकार और जिला प्रशासन इस घटना से सबक ले….. और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए…….



