जम्मू-कश्मीर में राहुल ने फूंका ऐसा चुनावी बिगुल, शाह दौरे के लिए मजबूर हो गए!

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के चुनाव अभियान की शुरूआत करते हुए... राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किया है....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के चुनाव अभियान की शुरूआत करते हुए… राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किया है…. और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में चुनावी बिगुल फूंक दिया है… वहीं जम्मू में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी सरकार की नाकामी को जनता के सामने रखा… और राहुल गांधी ने दावा करते हुए कहा कि हम देश में जातिगत जनगणना कराएंगे… आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ़्रेंस के अध्यक्ष फ़ारुक़ अब्दुल्लाह के साथ दो जनसभाओं को संबोधित किया था…. वहीं इस बार जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ़्रेंस, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और पैंथर्स पार्टी का गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ रहा है…. बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस इक्यावन सीटों पर जबकि कांग्रेस बत्तीस सीटों पर चुनाव लड़ रही है…. पांच सीटों पर दोनों दलों के बीच “फ़्रेंडली फाइट” होने जा रही है…. सीट शेयरिंग समझौते के तहत मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए कश्मीर में एक और पैंथर पार्टी के लिए जम्मू में एक सीट छोड़ी गई है… जिसको देखते हुए जानकारों का कहना है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस… और नेशनल कॉन्फ़्रेंस का गठबंधन कारगर रहा था…. मुमकिन है कि विधानसभा चुनावों में भी गठबंधन फायदेमंद साबित हो…

लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को गठबंधन के साथ आने से बड़ी कामयाबी मिली… जिसके बाद से कांग्रेस के हौसले बुलंद है… जिसको देखते हुए कांग्रेस पार्टी राज्यों नें हो रहे विधानसभा चुनावों में भी गठबंधन कर रही है… और पार्टी को राज्यस्तर पर मजबूत बनाने की कोशिश करने में जुटी है… उधर बीजेपी की राजनीति से तंग आकर तमाम नेता कांग्रेस के साथ आ रहें हैं… जिससे कांग्रेस की मजबूती और बढ़ रही है… आपको बता दें कि बीजेपी के नेता मोदी की राजनीति को समझ चुके हैं…. बीजेपी के नेताओं की पार्टी के अंदर ही कोई बात सुनने वाला नहीं है… बीजेपी पार्टी में केवल दो लोगों की ही चलती है… और सुनी जाती है…. जिससे परेशान होने के बाद बीजेपी के तमाम नेता पार्टी को छोड़ रहें हैं… राहुल गांधी हमेशा से मोदी की ध्रुवीकरण की राजनीति को उजागर करते रहें हैं… आपको बता दें कि राहुल गांधी ने मोदी पर आक्रामक हमला करते हुए जम्मू-कश्मीर की चुनावी रैली में कहा था कि मोदी और आरएसएस मीडिया, नौकरशाही और अन्य सरकारी संस्थाओं पर कब्जा कर रहें है… वहीं इन सभी सरकारी तंत्रों पर कब़्जा करने के बाद अपने मन मर्जी के मुताबिक उनका इस्तेमाल कर रहें है…

आपको बता दें कि साल दो हजार चौदह में कांग्रेस पार्टी को जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में कुल बारह सीटें मिली थीं…. दो हजार चौबीस के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर में एक भी सीट नहीं मिली थी…. लेकिन पार्टी का वोट प्रतिशत जम्मू क्षेत्र में बढ़ गया है…. कांग्रेस का असल मुक़ाबला और चुनौती जम्मू क्षेत्र में है जहां बीजेपी ने दो हजार चौबीस के विधानसभा चुनाव में पच्चीस सीटें जीती थीं…… वहीं दूसरी ओर कश्मीर घाटी में कांग्रेस के लिए कोई बड़ी उम्मीद नहीं दिखती…. फिर भी पार्टी कुछ सीटों पर जीत पा सकती है…. बता दें कि साल दो हजार नौ तक जम्मू -कश्मीर में कांग्रेस पार्टी की अच्छी ख़ासी मौजूदगी रही है…. उसके बाद से क्षेत्र में कांग्रेस का असर आहिस्ता -आहिस्ता कम होता गया….. आज भी कश्मीर घाटी में कांग्रेस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है…. बीते दो दशकों से जम्मू-कश्मीर के सियासी नक़्शे पर कई दूसरे राजनीतिक दल उभर आये….. जिससे कांग्रेस को कश्मीर में मुश्किलों का सामना करना पड़ा…. इन नए सियासी दलों में खासकर पीडीपी यानी पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का उभरना था…. पीडीपी के उभार और बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति के कारण जम्मू में कांग्रेस कमज़ोर होती गई…. वहीं पार्टी को अब नए सिरे से जम्मू-कश्मीर में अपनी सियासी वापसी का प्रयास कर रही है….

बता दें कि राज्यों के चुनावों में राहुल गांधी ने जिस तरह से दिलचस्पी ली है… उससे जनता के बीच में एक नई उम्मीद जगी है… बीजेपी की सत्ता से परेशान जनता को अब राहुल गांधी से उम्मीद जगी है… राहुल गांधी की बातों को सुनकर जनता के मन में राहुल के प्रति स्नेह बढ़ा है… जिसको देखते हुए भाजपा बेचैन हो गई है… वहीं जम्मू की जनता और अपने पार्टी के नेताओं को साधने के लिए अमित शाह जम्मू के दौरे पर है… अपने दौरे दो दिनी दौरे में अमित शाह नाराज नेताओं को मनाने की करेंगे… और टिकट बंटवारे को लेकर चर्चा करेंगे… आपको बता दे कि जम्मू-कश्मीर में पूरे दस साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं….. जिसके चलते सभी पार्टियां तैयारी में जुट गई है…. और जीत सुनिश्चित करने करने के लिए जद्दोजहद में लगी है…. इसी बीच बीजेपी पार्टी के राष्ट्रीय महा महासचिव राम माधव ने इस बात का खुलासा किया है कि उनकी पार्टी कितनी सीटें दर्ज करेगी…. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान होंगे…. बता दें कि नब्बे सीटों के लिए अट्ठारह सितंबर, पच्चीस सितंबर, और एक अक्टूबर को मतदान होगा…. जबकि आठ अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किए जाएंगे….

जम्मू कश्मीर में चुनाव हैं और अनुच्छेद तीन सौ सत्तर पर सियासत गरम है…. कांग्रेस को अपना स्टैंड साफ करने की चुनौती मिल रही है…. इस बीच, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी बुधवार को जम्मू कश्मीर में चुनावी प्रचार का आगाज करने पहुंचे… और उन्होंने वहां रामबन और अनंतनाग जिले में दो मेगा रैलियां कीं…. राहुल ने जम्मू कश्मीर के लोगों से खुद को जोड़ने की कोशिश की… और वहां की समस्याएं गिनाईं… कांग्रेस की सरकार बनने पर स्टेटहुड लौटाने की बात भी कही…. लेकिन एक बार फिर अनुच्छेद तीन सौ सत्तर के मसले पर कोई बयान नहीं दिया…. एक हफ्ते पहले भी जब राहुल गांधी जम्मू कश्मीर के दौर पर पार्टी नेताओं का फीडबैक लेने पहुंचे थे…. तब भी वे अनुच्छेद तीन सौ सत्तर के मुद्दे पर साइलेंट मोड में देखे गए थे…. जबकि कांग्रेस की सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणा पत्र में साफ कर दिया है कि अगर हमारी सरकार बनती है तो अनुच्छेद तीन सौ सत्तर और पैंतीस ए की बहाली की जाएगी….

आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अनुच्छेद तीन सौ सत्तर पर सीधे तौर पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं….. क्योंकि यह मुद्दा जम्मू-कश्मीर की राजनीति और राष्ट्रीय स्तर पर एक अत्यधिक संवेदनशील और विवादास्पद विषय है…. अनुच्छेद तीन सौ सत्तर को हटाने का फैसला मोदी सरकार द्वारा दो हजार उन्नीस में लिया गया था…. और यह बीजेपी का प्रमुख एजेंडा रहा है…. इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर भी मतभेद देखने को मिलते रहे हैं…. इसकी कई वजहें हो सकती हैं….. यही वजह है कि जम्मू कश्मीर चुनाव में अनुच्छेद तीन सौ सत्तर पर चुप रहना कांग्रेस की एक सोची-समझी राजनीतिक रणनीति हो सकती है…. जो पार्टी के आंतरिक संतुलन और बाहरी राजनीतिक रणनीति को ध्यान में रखते हुए अपनाई जा रही है… वहीं अनुच्छेद तीन सौ सत्तर पर टिप्पणी करने से राहुल को बीजेपी के हमलों का सामना भी करना पड़ सकता है…. बीजेपी ने इस मुद्दे को हमेशा से अपने राष्ट्रवाद के एजेंडे से जोड़ा है… और कांग्रेस को ‘राष्ट्रविरोधी’ करार देने की कोशिश की है… राहुल के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वो इस मामले पर चुप रहकर पार्टी के हितों की रक्षा करें….

बता दें कि राहुल गांधी चुनाव के समय में अगर ऐसी कोई भी टिप्पणी करते हैं तो बीजेपी उनपर हमलावर हो सकती है… वहीं एक फैक्ट यह भी है कि पार्टी अनुच्छेद तीन सौ सत्तर की बहाली के सवाल पर असमंजस में रही है…. लेकिन वो जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव कराने और राज्य का दर्जा बहाल करने पर जोर देती रही है…. दिसंबर दो हजार तेइस में जब अनुच्छेद तीन सौ सत्तर पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगी तो कांग्रेस ने आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अनुच्छेद तीन सौ सत्तर के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को हटाने पर अब बहस समाप्त हो गई है… क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब कानून है…. हालांकि, पार्टी ने राज्य का दर्जा तत्काल बहाल करने की मांग उठाई थी… इससे पहले दो हजार उन्नीस में जब अनुच्छेद तीन सौ सत्तर हटाया गया तो कांग्रेस का रुख अलग था… और पार्टी ने इस फैसले का कड़ा विरोध जताया था….

दरअसल, कांग्रेस में अनुच्छेद तीन सौ सत्तर पर एकमत नहीं है….. कई नेता इसे फिर से बहाल करने की बात करते हैं…. जबकि कुछ नेता इसे लेकर चुप हैं…. राहुल गांधी और पार्टी हाईकमान इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाकर पार्टी के भीतर किसी भी विवाद से बचना चाहते हैं…. इसके अलावा, अनुच्छेद तीन सौ सत्तर का मुद्दा सिर्फ संवैधानिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है…. इस मुद्दे पर कोई भी बयान एक राजनीतिक विवाद पैदा कर सकता है… और कांग्रेस इसे लेकर सतर्क रहना चाहती है… और कोई नुकसान उठाने के मूड में नहीं है…. चूंकि, जम्मू कश्मीर में दस साल बाद चुनाव हैं…. और पार्टी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है….. ऐसे में संगठन समग्र रणनीति के तहत आगे बढ़ रहा है…. राहुल और कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लोगों की अन्य समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहते है…. जैसे बेरोजगारी, विकास, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवा…. उनके भाषण में यह बातें स्पष्ट भी हो गई हैं….

बता दें कि राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है…. राहुल का कहना था कि जम्मू-कश्मीर से स्टेटहुड छीना गया है…. लेकिन हम इसे वापस दिलाएंगे…. राहुल ने कहा कि उन्नीस सौ सैंतालीस के बाद से पहली बार एक स्टेट से उनका अधिकार छीना गया है…. सिर्फ कांग्रेस पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड दिया जाए…. बीजेपी-संघ कुछ भी कह ले…. हम जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनका स्टेटहुड वापस देने जा रहे हैं…. राहुल ने आगे कहा कि आपका सिर्फ स्टेट नहीं छीना गया… आपके अधिकार, आपका धन आपसे छीना जा रहा है… उन्नीस सौ सैंतालीस में हमने राजाओं को हटाकर लोकतांत्रिक सरकार बनाई…. आज जम्मू कश्मीर में राजा बैठा है…. उसका नाम एलजी है… यहां एलजी 21वीं सदी के राजा हैं…. वे जो चाहते हैं, करते हैं… यहां के लोगों को न तो रोजगार मिलता है और न ही कोई अन्य लाभ… सरकार यह सब बाहरी लोगों को देती है…

 

 

 

 

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