संसद में फिर मोदी सरकार पर गरजेंगे राहुल गांधी
- संसद सदस्यता हुई बहाल लोक सभा सचिवालय ने दिया आदेश
- कांग्रेस ने मनाया जश्न, सरकार बोली-कानूनी प्रक्रिया में लगी देर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के तीन दिन बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी गई है। अब फिर से वह सदन जा सकेंगे, और एक बार से मोदी सरकार को जनहित के मुद्दों पर घेर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक के बाद लोकसभा सचिवालय ने इस बारे में फैसला लिया है। ज्ञात हो राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही थी। गौरतलब हो कि 2019 में एक चुनावी सभा में मोदी सरनेम के बारे में दिए गए एक बयान को लेकर गुजरात की कोर्ट ने मार्च 2023 में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन लोस सचिवालय ने संसद सदस्यता रद्द किए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था। राहुल गांधी ने 2019 के चुनाव में केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की थी। राहुल गांधी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (4 अगस्त) को निचली अदालत के सजा के आदेश पर रोक लगा दी थी। ये रोक सूरत सेशन कोर्ट से दोषसिद्धि पर फैसला आने तक जारी रहेगी, जहां राहुल गांधी ने कनविक्शन के खिलाफ अपील दायर कर रखी ह।
हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया : प्रह्लाद जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा,स्पीकर ने आज फैसला लिया है। हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के तुरंत बाद हमने इसे बहाल कर दिया।
विपक्षी नेताओं ने राहुल गांधी के समर्थन में लगाए नारे
विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेताओं ने संसद भवन परिसर में लगाए राहुल गांधी के समर्थन और विपक्षी एकता के नारे। बता दें कि लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी है।
अब लोकसभा की कार्यवाही में लेंगे हिस्सा : चिदंबरम
राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने की सूचना आने के बाद ही कांग्रेस नेताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिय। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और दूसरे पार्टी नेताओं ने एक दूसरे को मिठाईयां खिलाईं। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने लोकसभा सचिवालय के कदम का स्वागत किया और इसे देश की जनता को राहत पहुंचाने वाला बताया। कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, हमें खुशी है कि स्पीकर ने आज फैसला लिया। वे (राहुल गांधी) अब लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं।
अखिलेश यादव ने दी बधाई
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा,राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने पर मैं उन्हें बधाई देता हूं। मैं सुप्रीम कोर्ट को भी बधाई देता हूं, इस फैसले के बाद, लोकतंत्र और अदालत में विश्वास बढ़ा है। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, मैं राहुल गांधी को बधाई देती हूं और जल्द सदस्यता बहाल करने के लिए स्पीकर को धन्यवाद देती हूं।
मणिपुर में ङ्क्षहसा जारी, केंद्रीय बलों की 10 और कंपनियां पहुंची
- अमित शाह से मिल सकता है आदिवासी संगठन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भडक़ गई है। ऐसे में केंद्रीय बलों की 10 और कंपनियां राज्य में पहुंच गई हैं। वहीं, दूसरी तरफ नई दिल्ली में आज एक प्रमुख आदिवासी संगठन के सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिल सकते हैं। गौरतलब है, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। बता दें, शनिवार को मणिपुर के क्वाक्टा इलाके में मैतेई समुदाय के तीन लोगों की उनके घरों के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुछ घंटों बाद, चुराचांदपुर जिले में आदिवासी कुकी समुदाय के दो लोगों की हत्या कर दी गई।
नूंह में बुलडोजर की कार्रवाई पर हाई कोर्ट की रोक
- कम्युनिटी विशेष पर टारगेट करने पर हरियाणा सरकार को लगाई फटकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। हाई कोर्ट ने मेवात में अतिक्रमण हटाने व निर्माण गिराने पर संज्ञान लेकर हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया। हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले में कम्युनिटी विशेष को टारगेट किया जा रहा है, किसी भी निर्माण को गिराने से पहले क्या नोटिस जारी करने की प्रक्रिया का सरकार ने पालन किया है। हाईकोर्ट का आदेश आते ही डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खडग़टा ने तुरंत अधिकारियों को कार्रवाई से रोक दिया। सरकार की डिमोलिशन ड्राइव का हाईकोर्ट ने सुओ-मोटो लिया था। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया ने रोक के आदेश दिए। एडवोकेट जनरल के अनुसार, इसपर अभी लिखित निर्देश आना बाकी है। हरियाणा सरकार अगर नियमों के मुताबिक यह कार्रवाई कर रही है तो तोडफ़ोड़ जारी रह सकती है, लेकिन अगर इसे लेकर किसी भी नियम की अनदेखी हुई है तो कार्रवाई रोकनी होगी। हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालना करते हुए जिले में तोडफ़ोड़ अभियान रोका गया। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को अवैध निर्माण रोकने के आदेश दिए हैं। आगे के विवरण की प्रतीक्षा की जा रही है।