असली समाजवादी लोग हमारी पार्टी के साथ: शिवपाल
मुलायम सिंह के निधन के बाद प्रसपा मुखिया एक बार फिर हुए अखिलेश पर हमलावर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा हो गई है। मुलायम के परिवार में उनके निधन के समय जिस तरह का प्यार और एका दिखाई दे रहा था, उसमें फिर से दरार दिखाई देने लगी है। एक बार फिर चाचा शिवपाल यादव ने भतीजे अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए बड़ा हमला बोला है।
शिवपाल ने अखिलेश को चापलूसों से घिरा बताते हुए कहा कि असली समजावादी लोग उनके साथ हैं। मुलायम के निधन के बाद पहली बार शिवपाल ने अखिलेश पर निशाना साधा है। शिवपाल के हमले को कई नजरिये से देखा जा रहा है। मैनपुरी सीट पर शिवपाल को कोई भाव नहीं देने की टीस भी माना जा रहा है। अखिलेश ने एक दिन पहले ही प्रत्याशी को लेकर मंथन किया था। तेज प्रताप का नाम फाइनल होने की बातें भी कहीं जा रही हैं। मुलायम सिंह यादव के निधन पर पूरा परिवार एक नजर आया था। खासकर शिवपाल और अखिलेश यादव बेहद करीब दिखाई दिए थे। अंत्येष्टि से लेकर अस्थि कलश विसर्जन और शांति पाठ तक शिवपाल हमेश अखिलेश के साथ साथ रहे। अब मुलायम के निधन से रिक्त मैनपुरी सीट पर उपचुनाव की घोषणा होते ही शिवपाल का रुख बदला-बदला नजर आने लगा है। शिवपाल ने अखिलेश पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि वह चापलूसों से घिरे हुए हैं। गलत राय देने वाले लोग उनके साथ हैं। शिवपाल ने कहा कि यह लोग परिवार को साथ नहीं देख सकते। पार्टी के लोगों को साथ नहीं रख सकते। शिवपाल ने यहां तक कहा कि असली समाजवादी लोग हमारी पार्टी के साथ हैं। शिवपाल ने कहा कि अखिलेश लगातार चुनाव हार रहे हैं। 14, 17 और 19 का चुनाव हार गए। 22 में जीत सकते थे लेकिन नहीं जीत सके।
मैनपुरी सीट को लेकर बगावत!
मैनपुरी में सपा तेज प्रताप यादव को उतारने का मन बना रही है। कहा जा रहा है कि परिवार में एका बनी रहे, इसके लिए शिवपाल यादव को भी मनाने की कोशिशें परिवार की ओर से अंदरखाने चल रही हैं। लेकिन शिवपाल का आज का हमला बताता है कि वह अपना रुख तय कर चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि शिवपाल अगर मैनपुरी से खुद उतरते हैं तो भाजपा का भी उन्हें साथ मिलने की उम्मीद है। शिवपाल यादव ने मैनपुरी से खुद प्रसपा के टिकट पर चुनाव लडऩे से इंकार नहीं किया है। सपा चाहती है कि परिवार की एका के लिए शिवपाल भी तेज प्रताप यादव के समर्थन में पीछे हट जाएं।