वेस्ट यूपी में टिकट-बंटवारे के बाद भाजपा में बगावत
- अधिकतर सीटों पर विरोध, जेपी नड्डा के घर तक पहुंचा मामला
लखनऊ। वेस्ट यूपी में पहले चरण के चुनाव से पहले भाजपा में विरोध के सुर मुखर हो उठे हैं। पार्टी में टिकट को लेकर बगावत की जो चिंगारी प्रत्याशियों की सूची जारी होने से पहले भड़की थी, वह विरोध अब खुलकर सामने आ गया है। पार्टी कार्यकर्ता प्रत्याशी से नाखुश हैं, तो कहीं खुद या अपने चहेते को टिकट न मिलने से नाराजगी है। अपनों का यह विरोध चुनाव में अंदरखाने में पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है। टिकटों के विरोध का मामला जेपी नड्ïडा के घर तक पहुंच गया है, उन्होंने विरोध कर रहे नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया है। मेरठ की सिवालखास सीट पर भाजपा ने जाट चेहरे के रूप में मनिंदर पाल सिंह को उतारा है। उनको लेकर पार्टी में खेमेबाजी शुरू हो चुकी है और कार्यकर्ता विरोध में हैं। कार्यकर्ताओं ने भाजपा के मेरठ में बने पश्चिम क्षेत्रीय कार्यालय पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मेरठ में भाजपा की पुरानी शहर सीट पर इस बार पार्टी ने कमलदत्त शर्मा को टिकट दिया है।
कमलदत्त शर्मा के विरोध में राज्यमंत्री सुनील भराला के समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं। इस सीट पर पंडित भराला की भी दावेदारी थी। बरेली में पूर्व मंत्री राजेश अग्रवाल के बेटे मनीष अग्रवाल को टिकट न मिलने से नाराजगी है। मंत्री के बेटे ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की है। सीट से संजीव अग्रवाल को टिकट मिला है, जो आरएसएस के खास हैं। बरेली के बिथरीचयनपुर सीट से राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल को टिकट न मिलने से खासा विरोध है। चर्चा है कि पार्टी ने इस सीट से आरएसएस के नजदीकी होने के कारण डॉ. राघवेंद्र शर्मा को टिकट दिया है। गाजियाबाद में पूर्व एमएलए और मंत्री अतुल गर्ग को दोबारा टिकट मिलने के बाद क्षेत्र में विरोध शुरू हो गया है। मंत्री के खिलाफ लोगों ने पर्चे बांटे।
लोगों का कहना है जो विधायक कोरोना काल में घर में बंद रहा, समाज के लिए कुछ काम नहीं कर सका, उसे टिकट देकर गलत किया है। बागपत से विरोध के वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं। इसमें ग्रामीण बीजेपी विधायक योगेश धामा पर गंभीर आरोप लगाकर विरोध कर रहे हैं। दिल्ली में धर्मेंद्र प्रधान के घर के बाहर ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर विधायक योगेश धामा का विरोध किया है। अमरोहा से पूर्व मंत्री चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान टिकट की दावेदार थीं। संगीता मंडल की इकलौती भाजपा विधायक हैं, जिसका पार्टी ने टिकट काटा है। इसकी वजह से यहां ठाकुरों और समर्थकों में नाराजगी हैं। लोगों का कहना है कि जिस चेतन चौहान ने पूरा जीवन संगठन को समर्पित कर दिया, केवल उसी की पत्नी का टिकट क्यों काटा गया।