राजपूत वोटर्स की नाराजागी, राजस्थान में बीजेपी का सफाया तय

चुनावी नतीजों को लेकर तरह-तरह के बयान भी सामने आ रहे हैं... वहीं चुनावी नतीजों से पहले एग्जिट पोल के आ जाने से सियासी पारा हाई चल रहा है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव का लेकर जारी महासंग्राम अब थम गया है… वहीं अब सभी की निगाहें चुनाव परिणाम पर टिकी हुई हैं…. और जारी एग्जिट पोल को लेकर अब देश के सभी राज्यों में अटकलों का बाजार गर्म है… वहीं चुनावी नतीजों को लेकर तरह-तरह के बयान भी सामने आ रहे हैं… वहीं चुनावी नतीजों से पहले एग्जिट पोल के आ जाने से सियासी पारा हाई चल रहा है… बता दें कि कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है… ऐसे में अब एग्जिट पोल के आने से भाजपा को राजस्थान में कम सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है…. दरअसल, एग्जिट पोल के आने से कांग्रेस ने अब उसे नकारना शुरू कर दिया है… कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश की कुल पच्चीस सीटों में उसे ज्यादा सीटें मिल रही हैं…. साथ ही नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है…

आपको बता दें कि एग्जिट पोल के आंकड़ों में पिछड़ती नजर आ रही कांग्रेस ने अब इन आंकड़ों को सिरे से खारिज कर दिया है… और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इन एक्जिट पोल के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि एग्जिट पोल छोड़िए, चार जून के फाइनल आंकड़ा जनता के पोल में आएगा… और भाजपा प्रत्याशियों के मोरिया बोलेंगे… आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस एवं गठबंधन के साथी मिलकर बड़ी जीत हासिल करेंगे… और देश में इंडिया गठबंधन बहुमत से सरकार बनाएगा…. वहीं, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है… और उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि पीएम की धमकाने वाली भाषा का असर एग्जिट पोल में दिख रहा है… वहीं गहलोत ने एग्जिट पोल के आंकड़ों को लेकर मीडिया पर ठीकरा फोड़ दिया… बता दें कि उन्होंने कहा कि न्यूज चैनल डर से बीजेपी को एक तरफा जीतता हुआ दिखा रहा हैं…

बता दें कि गहलोत ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल परसों की पब्लिक रैली में किया था… उसी का असर आज एग्जिट पोल्स में दिख रहा है… और चैनल उसी डर में भाजपा को एकतरफा जीतता हुआ दिखा रहे हैं…. जनहित इसी में है कि एग्जिट पोल्स का हाल 2004 की तरह हो… आपको बता दें कि एग्जिट पोल के आने के बाद से विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमलावर है.. और विपक्ष ने पूरी तरह से एक्जिट पोल को नकार दिया है… और अपने सभी कार्यकर्ताओं से संयम बरतने के लिए कहा है कि कोई भी कार्यकर्ता किसी भी दबाव में न आए और संयम से काम करे… वहीं यह बीजेपी की सोंची समझी साजिस है… जिसके चलते उसने टीवी चैनलों पर इस तरह के एग्जिट पोल का प्रसारण करवाया है… जिससे जनता के बीच में यह संदेश पहुंच जाए की बीजेपी एक बार फिर से सत्ता में आ रही है… वहीं विपक्ष के कार्यकर्ता दबाव में आ जाएं और… मतगणना के दिन उनके अंदर पहले जैसा जोश न रहें… जिससे किसी भी प्रकार की गड़बडी करने में सफल हो जाए…

आपको बता दें कि राजस्थान में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं…. जिनपर 2 चरणों में मतदान हुआ था…. एबीपी-सीवोटर के एग्जिट पोल में राजस्थान में बीजेपी को नुकसान हो रहा है…. कांग्रेस को इस बार कुछ सीटों पर फायदा मिल रहा है….. मगर, वहीं अगर कांग्रेस की स्थिति देखें तो यहां कुछ और सीटों पर फायदा मिल सकता था….. लेकिन इनके अंतर्कलह ने भारी नुकसान पहुंचा दिया है…. जिसका असर अब एग्जिट पोल में भी दिख रहा है… एग्जिट पोल के हिसाब से राजस्थान में एनडीए को 54.5 प्रतिशत मत मिले…. और इंडिया गठबंधन को 38.6 प्रतिशत मत मिले हैं…. दोनों के बीच 16 प्रतिशत का अंतर है…. लेकिन सीट को रिजल्ट में देखे तो बीजेपी को नुकसान है तो कांग्रेस को फायदा है…. कांग्रेस में इस बार जोरदार आंतरिक कलह देखी गई…. वहीं बीजेपी के लिए कई सीटों पर राजपूतों की नाराजगी भारी पड़ी है….

वहीं राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ठीक सीटें मिली…. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा… और टीकाराम जूली ने यहां पर कमान संभाल ली थी…. इसलिए यहां पर माली और गुर्जर वोटर्स ने कांग्रेस से दूरी बना ली थी…. सचिन पायलट को बड़ी भूमिका न मिलने से गुर्जर बेहद नाराज दिखे और अशोक गहलोत सिर्फ जालोर सीट पर सिमटे रहे….शेखावटी में डोटासरा ने खूब मेहनत की… लेकिन अन्य सीटों पर डोटासरा ने वो मेहनत नहीं दिखाई…. टीकाराम जुली ने अलवर, भरतपुर और करौली-धौलपुर में खूब मेहनत की है…. इस हिसाब से देखें तो कांग्रेस यहां पर बिखरी हुई थी… और इसका असर अब एग्जिट पोल में दिख रहा है….

वहीं राजस्थान में कई लोकसभा सीटों पर राजपूत वोटर्स नाराज दिखे… और इसका खामियाजा बीजेपी को नुकसान के रूप में उठाना पड़ा है…. करौली, झुंझुनं, जोधपुर, बाड़मेर-जैसलमेर में राजपूत वोटर्स ने बीजेपी को वोट नहीं दिया… वहां पर बीजेपी उन्हें मना भी नहीं पाई है…. इसलिए एग्जिट पोल में बीजेपी को दो से तीन सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है…. राजस्थान में एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी को झटका मिलता हुआ दिखाई दे रहा है…. जहां बीजेपी को 51 फीसदी वोट मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं…. वहीं इंडिया ब्लॉक को 41 फीसदी वोट मिलने के अनुमान है…. अगर सीटों की बात करें तो एनडीए को 16 से 19 सीटें मिल सकती हैं… और इंडिया ब्लॉक को पांच से सात सीटें मिलती दिख रही हैं…. आखिर ऐसा क्या हुआ कि 2019 में एनडीए ने राज्य में क्लीन स्वीप किया था…. वहां इस बार 5-7 सीटों का नुकसान होने की संभावना है…. रुझान तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं…. वहीँ, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी अपने बेटे की सीट से आगे कहीं भी कोई चुनावी प्रचार नहीं किया है…. इसका भी असर पड़ता दिख रहा है….

दरअसल, इस बार लोकसभा चुनाव में जाट वोट बैंक बीजेपी से खिसका नजर आया…. जिसका असर शेखावटी समेत बाड़मेर और नागौर में भी देखने को मिला…. राहुल कस्वां का टिकट चुरू से कटने की वजह बीजेपी के राजपूत नेता राजेंद्र राठौड़ को माना…. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना भी इसकी वजह रही…. सचिन पायलट फैक्टर- विधानसभा चुनाव में पायलट समर्थकों ने गहलोत के खिलाफ वोट दिए थे… मगर इस बार ये कांग्रेस के साथ खड़े रहे…. सचिन पायलट का जमकर प्रचार करना भी बड़ा फैक्टर रहा… विधानसभा चुनाव में साथ देने के बावजूद गुर्जरों को भजनलाल सरकार में हिस्सेदारी नहीं मिली….

बता दें कि राजस्थान में इस चुनाव में पहली बार कांग्रेस के मजबूत वोट बैंक रहे मीणा डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा की वजह से बीजेपी के साथ आए थे…. मगर मीणा को मंत्रिमंडल में विभाग अच्छे नहीं मिले.. और सरकार में पूछ भी नहीं रही…. बता दें कि राजस्थान के एक दर्जन सीटों पर वसुंधरा गुट ने पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया… या फिर पार्टी के लिए कोई काम नहीं किया…. खुद वसुंधरा राजे ने उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं किया…. वहीं पहली बार मुख्यमंत्री बने भजनलाल शर्मा के लिए मुख्यमंत्री बनते ही चुनाव में उतरना भारी पड़ गया…. सभी बड़े नेता चुनाव लड़ रहे थे…. वसुंधरा ने अपने बेटे दुष्यंत के लोकसभा चुनाव तक सीमित कर लिया था…. और प्रचार बिखरा हुआ था….

आपको बता दें कि राजस्थान के चुनाव प्रचार में अशोक गहलोत का एक्टिव नहीं होने या किसी पद पर नहीं होने से जनता में पांच साल के गहलोत सरकार के शासन की नाराजगी नहीं दिखी…. गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत के लोकसभा क्षेत्र जालौर सिरोही तक खुद को क़ैद कर लिए थे…. केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला के बयान पर विवाद का असर राजस्थान में भी दिखा…. इसके अलावा बाड़मेर से रविन्द्र सिंह भाटी के टिकट कटने से भी बीजेपी से राजपूत नाराज हुए…. वहीं सोशल मीडिया पर मोदी के सत्ता में आने पर आरक्षण ख़त्म करने के अफ़वाह से भी एससी एसटी में कुछ नुक़सान हुआ…. बता दें कि पार्टी में कमाई करने की ताक में बैठे विधायक भ्रष्टाचार और अवैध खनन पर लगाम लगने से नाराज थे…. भजनलाल ने ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैसे की कमाई भी बंद कर दी है…. वहीं राजस्थान में सबसे पहले चुनाव था तब समझ रहे थे…. मोदी तो आ ही रहे हैं…. वोटिंग कम हुई…. बीजेपी भी उतना एक्टिव नहीं थी…. पहले फेज के बाद ही एक्टिव हुई थी…

जिसका असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिला… वही पहले चरण के मतदान के बाद ही राजस्थान में रैली करने पहुंचे पीएम मोदी हिंदू मुस्लिम पर आ गए थे… और विवादित बयान दिया था… जिसका असर सीधा-सीधा जनता पर पड़ा और जनता बीजेपी को पूरी तरह से नकार दिया… और दूसरे चरण के बाद से ही बीजेपी के बुरे दिन शुरू हो गए… और राजस्थान समेत पूरे देश की जनता के मन में बीजेपी के प्रति खासा नाराजगी व्याप्त हो गई जिसका परिणाम बीजेपी के सभी चरणों में देखने को मिला…वहीं दूसरे चरण के बाद से नरेंद्र मोदी के बिगड़े बोल आखिर तक नहीं बदले और एक के बाद एक विवादित बयान देने लगे… जिसके चलते पीएम मोदी पूरे देश समेत विदोशों में भी होने लगी… बावजूद इसके गोदी मीडिया ने बीजेपी सच्चाई जनता के सामने लाने के बजाय उनका गुणगान करने में जुटी रही… वहीं मोदी के बयान और जनता से किए एक भी वादे धरातल पर पूरे नहीं किए गए… जिसका परिणाम आज साफ हो जाएगा… और जनता पीएम मोदी को उनके बयानों का कैसा जवाब दिया है… सब साफ हो जाएगा…

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