संजय निषाद के तेवरों ने बढ़ाई भाजपा गठबंधन की टेंशन
लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले समीकरण बदल रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जहां संगठन को दुरुस्त करने के साथ ही नए गठबंधन सहयोगियों पर फोकस किए हुए है, वहीं अब उसके गठबंधन सहयोगी ही तेवर दिखाने लगे हैं। बीजेपी की गठबंधन सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष और यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद के बयान ने एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है।
बीजेपी से गठबंधन को लेकर संजय निषाद ने कहा है कि जनता की वजह से हम नेता हैं। जनता ही तय करेगी कि हमारा बीजेपी के साथ गठबंधन होगा या नहीं। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में जनता के बीच जाकर हम क्या जवाब देंगे? आरक्षण का क्या हुआ, इस पर क्या बताएंगे? संजय निषाद ने कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि निषाद सीटें पाने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं लेकिन हम ये सब अपने समाज के लिए कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम भले ही मंत्री हैं लेकिन साथ में समाज के संतरी भी हैं। संजय निषाद ने कहा कि हमारा काम ये देखना भी है कि कोई विभीषण पैदा न हो जाए। कुछ विभीषण हैं जो चीजें खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज मझवारों के आरक्षण के लिए हमें महासंपर्क अभियान की जरूरत पड़ी है।
निषाद पार्टी के प्रमुख ने कहा कि विभीषण उसे कहते हैं जो समाज की लड़ाई को कमजोर करे, अपने घर की बात दूसरे को बताने का काम करे। उन्होंने आरोप लगाया कि बहुत लोग संजय निषाद और बीजेपी में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी में मेरे और मेरे समाज के खिलाफ बातें कर रहे हैं। संजय निषाद ने ये भी कहा कि बीजेपी के कुछ लोग कह रहे हैं कि आरक्षण की जरूरत नहीं।
उन्होंने दावा किया कि चुनाव के समय इस तरह फूट डालकर ये लोग बीजेपी में रहकर बीजेपी का नुकसान करना चाहते हैं। संजय निषाद ने कहा कि हम बीजेपी का नुकसान करना नहीं चाहते, हम तो अपनी समस्या के समाधान के लिए बीजेपी के साथ आए हैं। उन्होंने छह साल के बाद भी आरक्षण लागू नहीं हो पाने को लेकर सवाल पर कहा कि हमें कई साल तक लगातार धोखा मिला है।
संजय निषाद ने साथ ही ये भी जोड़ा कि अगर बच्चा न रोए तो मां भी दूध नहीं पिलाती। उन्होंने बीजेपी के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की बढ़ती नजदीकियों को लेकर कहा कि ओमप्रकाश राजभर अपने उद्देश्य से भटक गए हैं। निषाद पार्टी के प्रमुख ने कहा कि कुछ लोग उनको (ओमप्रकाश राजभर को) बहका देते हैं।
उन्होंने राजभर को नसीहत देते हुए कहा कि एक नेता को भरोसेमंद बनना चाहिए जिससे लोग उस पर भरोसा कर सकें। संजय निषाद ने कहा कि राजभर बीजेपी में हीरो थे फिर उनको सलाहकार मिल गए और वे जीरो हो गए। गौरतलब है कि संजय निषाद की पार्टी यूपी चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी थी। संजय निषाद सामाजिक न्याय और निषाद समाज के लिए आरक्षण की मांग करते रहे हैं। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव करीब हैं, संजय निषाद ने फिर से आरक्षण का राग छेड़ दिया है।