बुर्का विवाद के बीच संजय निषाद का यू टर्न, विपक्ष ने लगा की क्लास!
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे-जैसे बुजुर्ग होते जा रहे हैं वैसे-वैसे उनका मानसिक संतुलन खराब होता जा रहा है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे-जैसे बुजुर्ग होते जा रहे हैं वैसे-वैसे उनका मानसिक संतुलन खराब होता जा रहा है।
अक्सर वो ऐसे विवादों में आ जाते हैं जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। ऐसे कई मौके हुए हैं जब नीतीश कुमार ने ऐसी हरकतें की हैं जिसे लेकर उन्हें न सिर्फ भारी विरोध का सामना करना पड़ा है बल्कि उनकी दिमागी हालत पर भी सवाल खड़े हो चुके हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते सोमवार पटना में नियुक्ति पत्र बांटने के एक कार्यक्रम के दौरान एक महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने को लेकर विवादों में घिर गए हैं। वहीं इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में सीएम नीतीश मंच पर खड़े होकर एक मुस्लिम महिला का बुर्का खींचते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान वे महिला से कुछ कहते भी नजर आ रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं विपक्ष आगबबूला नजर आ रहा है।
एक तरफ जहां विपक्ष भाजपा और नीतीश पर हमलावर है तो वहीं दूसरी तरफ सहयोगी दलों के नेता उनकी सफाई में बयान दे रहे है. इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए बेहद विवादास्पद बयान दे दिया, जिससे बाद से उन्हें भी सवालों के घेरे में खड़ा किया जा रहा है. मुस्लिम समुदाय के लिए नीतीश कुमार का पटना में किया गया रवैया कोई मजाक की बात नहीं है.
उन्होंने मुस्लिम महिला डॉक्टर के चेहरे से उसका बुर्का अपने हाथों से नीचे खींच दिया था, जिसकी आलोचना लगातार की जा रही है. इस मसले को संजय निषाद ने मजाक समझकर विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा था- ‘केवल बुर्का खींचा है तो इतना हल्ला हो रहा है, कहीं यहां-वहां उंगली लगा देते तो क्या होता? तो जरा सोचिये NDA नेताओं की मानसिकता किस कदर खराब हो चुकी है। उन्हें किसी मर्यादा का कोई भी ख्याल नहीं है।
वहीं उनके इस बयान पर काफी विवाद बढ़ गया और तमाम नेताओं ने उन पर सवाल खड़े किए। सियासी प्रतिक्रिया तेज़ होने पर संजय निषाद ने माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि उनका यह बयान स्थानीय भोजपुरी बोली में हंसते-हंसते कहा गया था और इसका किसी महिला, समुदाय या धर्म के प्रति दुर्भावना से कोई लेना-देना नहीं था। संजय निषाद ने माफी में यह भी कहा कि कुछ लोग इस घटना को जानबूझकर एजेंडे के तहत फैला रहे हैं, जिससे समाज में तनाव फैल सकता है। उनका कहना है कि उन्होंने जो कहा वह सहज भाव में था और इसे किसी तरह की दुर्भावना से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
वहीं इसे इसे लेकर सपा नेता सुमैया राणा ने कहा कि नितीश कुमार की यह हरकत बेहद शर्मनाक थी. उन्होंने कहा कि वीडियो देखने के बाद यह समझ में नहीं आ रहा था कि ये लोग महिलाओं के प्रति कैसी सोच रखते हैं. खासकर उस देश में जहां नारी को देवी के रूप में पूजते हैं. सुमैया राणा ने कहा कि इससे शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता। उन्होंने सीएम नीतीश और यूपी सरकार के मंत्री संजय निषाद के खिलाफ भी शिकायत की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में संजय निषाद का बयान भी आपत्तिजनक है.
इसके साथ ही संजय निषाद के बयान पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह यह बेशर्मी की बात हंसते हुए यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद कह रहे हैं. जिस अंदाज और जिस काइयां हंसी के साथ वह यह बात कह रहे हैं, यह उनकी घटिया और महिला विरोधी सोच को दर्शाता है.
वहीं इससे पहले आरजेडी ने भी इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री के बर्ताव पर सवाल उठाया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में आरजेडी ने लिखा, “यह क्या हो गया है नीतीश जी को? मानसिक स्थिति बिल्कुल ही अब दयनीय स्थिति में पहुंच चुकी है या नीतीश बाबू अब 100 फीसदी संघी हो चुके हैं?”
यह मामला सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहा। इसे लेकर बिहार और यूपी में राजनीतिक बयानबाजी तेज़ हो गई है और विपक्ष ने इसे सीएम की छवि और सत्ता पर सवाल उठाने के मौके के रूप में लिया है। अभी स्पष्ट नहीं है कि इस विवाद का राजनीतिक नतीजा क्या होगा, लेकिन इससे सियासत और सामाजिक माहौल दोनों में हलचल बढ़ गई है। इस पूरे विवाद ने स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया और राजनीतिक बयानबाजी में छोटी घटनाएं भी बड़े सियासी और सामाजिक बहस का रूप ले सकती हैं। वहीं आपको बता दें कि पूरी घटना के बाद नीतीश के साथ-साथ NDA और बीजेपी पर तीखे सवाल उठ रहे हैं।
https://youtu.be/KhjAgU57aZo?si=9eLlzj5YGjiLVzaQ


