ईडी के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर तत्काल सुनवाई से न्यायालय का इनकार
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष एवं बाण’ आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ दायर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। वकील अमित आनंद तिवारी ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष इस मामले का जिक्र किया। इस पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर पर संविधान पीठ के फैसले का इंतजार करें और हम तारीख देंगे।’’
याचिका में दावा किया गया है कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला सुनाकर गलती की कि दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता और चुनाव चिह्न आदेश के तहत कार्यवाही अलग-अलग क्षेत्रों में काम करती है और विधायकों की अयोग्यता किसी राजनीतिक दल की सदस्यता की समाप्ति पर आधारित नहीं है। इसमें कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने यह मानकर गलती की कि शिवसेना विभाजित हो गई है। निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे-गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष और बाण’ उसे आवंटित किए जाने का आदेश दिया था।