अवारा कुत्तों के मामले में SC का कड़ा रूख, मुख्य सचिवों को इतने नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश
कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः सुप्रीम कोर्ट सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की वर्चुअल उपस्थिति की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश दिया है कि वे 3 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हों. कोर्ट का कहना है कि सरकारें नियम तो बनाती हैं लेकिन उसपर अमल नहीं करती हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आवारा कुत्तों से संबंधित सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की उस मांग को खारिज कर
दिया, जिसमें उन्होंने राज्यों के मुख्य सचिवों को वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने कड़ा रूख
अपनाते हुए कहा कि मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा.
सॉलिसिटर जनरल की इस याचिका को जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने खारिज किया.
पीठ ने कहा कि कोर्ट के आदेशों का कोई सम्मान नहीं किया जा रहा है, इसलिए राज्य के मुख्य सचिवों को प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में उपस्थित होना होगा. यह मामला आवारा कुत्तों के हमलों और रेबीज के बढ़ते मामलों की रिपोर्ट के बाद स्वत: सज्ञान (suo motu) के रूप में शुरू किया गया था.
कोर्ट का यह निर्देश कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बार-बार आदेशों का पालन न करने के बीच आया है.
कोर्ट के 22 अगस्त के आदेश के बावजूद, राज्य पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियमों के तहत उठाए गए कदमों की जानकारी वाली हलफनामा पेश करने में विफल रहे. जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, “सरकारें नियम तो बनाती हैं लेकिन अमल नहीं करतीं और कोर्ट के आदेशों पर सो रही हैं.”
इससे पहले, बिहार सरकार ने 6 और 11 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए अपने मुख्य सचिव को कोर्ट में पेश होने से छूट देने की मांग की थी. कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी, “देखभाल के लिए चुनाव आयोग है. चिंता मत करो. मुख्य सचिव को आने दो.”
कोर्ट ने 27 अक्टूबर को आवारा कुत्तों के मुद्दे पर राज्यों की आलोचना करते हुए कहा था कि ऐसी घटनाएं विदेशों में भारत की छवि खराब कर रही हैं. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि राज्यों के मुख्य सचिव 3 नवंबर को कोर्ट में उपस्थित हों और हलफनामा दाखिल करने में हुई देरी के कारण बताएं.



