धर्मनिरपेक्ष सरकार सभी एक नजर से देखे

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से नवरात्री के मौके पर दुर्गा सप्तशी और राम नवमी के मौके पर अखंड रामायण पाठ कराने का फैसला लिया गया है। जिसको लेकर जहां एक तरफ लोगो मे प्रशंसा का माहौल देखने को मिल रहा है। वहीं, कुछ विपक्षी इसमें भी अपनी राजनीति टटोल रहे है, ऐसे मे सूफ़ी इस्लामिक बोर्ड की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा है की जब से ये खबर सुनी है मुझे तो हार्दिक प्रशंसा हुई है।
दरअसल सांस्कृतिक लोगो के लिए किसी सरकार ने सोचा, सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहेंगे तो देश का माहौल अच्छा रहेगा, ये भजन गायको के लिए अच्छी खबर है। वहीं,कशिश वारसी ने कहा कि क्योंकि सरकार सबका साथ सबका विकास पर काम कर रही है। ऐसे में इसके ऊपर राजनीति नहीं करनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि पीएम आध्यात्म और सुफिजन के ऊपर बहुत बड़ा काम कर रहे है।
वहीं, योगी सरकार नवरात्रि में दुर्गाशप्तशती और भगवान श्रीराम के जन्मदिन रामनवमी पर अखंड रामायण का पाठ कराएगी। जिसको लेकर मुरादाबाद में राष्ट्रीय सचिव मुस्लिम लीग के मौलाना कौसर हयात खान ने कहा कि इस फैसले से देश में अराजकता फैलेगी। सरकार अपने फैसले से हिंदू धर्म के मजहबी मामलों में मधाकलत कर रहे है।
मैं इसकी आलोचना करता हूं और यह बात कहता हूं साफ-साफ सरकार के अधिकार क्षेत्र में यह नहीं है जो धर्म के मामलों में मधाकलत करे। सरकार के अधिकार क्षेत्र में जितना काम है उतना ही करना चाहिए आज आप एक धर्म के अंदर मधाकलत कर रहे हैं कल इस देश के अंदर रहने वाले करोड़ों हिंदुओं को यह एतराज हो सकता है।
इस दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट मसूद उल हसन ने सरकार के इस फैसले के बाद निशाना साधा है। जहां उन्होंने कहा कि सरकारी फंड का दुरुपयोग नजर आ रहा है। मसूद उल हसन ने कहा कि हमारा देश संविधान के हिसाब से चलता है।ऐसे में सरकार अगर किसी एक धर्म के लिए ऐसा कर रही है तो दूसरे धर्मों के लिए भी ऐसा करें।इससे धार्मिक धुव्रीकरण का मैसेज जा रहा है। इसके लिए सभी धर्म, त्योहार और कल्चर बराबर होने चाहिए।

 

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