शाह ने मोदी की बढ़ा दी परेशानी, एक्शन में आया संघ, सरकार गिरना तय!

देश में इस वक्त बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का मुद्दा गरमाया हुआ है..... केंद्रीय गृह मंत्री शाह के संसद में दिए बयान के बाद इस मुद्दे को विपक्षी दलों ने लपक लिया.....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः देश में इस वक्त बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का मुद्दा गरमाया हुआ है….. केंद्रीय गृह मंत्री शाह के संसद में दिए बयान के बाद इस मुद्दे को विपक्षी दलों ने लपक लिया….. शाह द्वारा बाबासाहेब अंबेडकर के कथित अपमान को लेकर विपक्षी दल सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं…. और संसद में अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया है…. केंद्रीय मंत्री अमित शाह के हाल ही में बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर दिए गए बयान को लेकर सड़क से लेकर संसद बवाल मचा हुआ है…. विपक्ष ने अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है…. आपको बता दें कि विपक्ष हमेशा से बीजेपी पर दलितों- वंचितों के साथ शोषण का आरोप लगाता चला आ रहा था…. जो अमित शाह के बयान से सच साबित हो गया…. बता दें कि संसद में संबोधन के दौरान अमित शाह ने आंबेडकर… आंबेडकर…. आंबेडकर…. आंबेडकर…. का नाम जप करते हैं…. इताना अगर भगवान का नाम लिया होता तो सात जंमों तक स्वर्ग की प्राप्ति होती….

वहीं अमित शाह के द्वारा दिया गया यह बयान पूरे देश में आग की तरह से फैल गया…. और विपक्ष के साथ-साथ दलित बंचित और आंबेडकरवादी लोगों ने शाह और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है…. जिससे मोदी की परेशानी बढ़ गई है…. वहीं बढ़ते दबाव के बीच अब संघ की एंट्री हो गई है,… और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी को खुले शब्दों में चेकावनी देते हुए कहा है कि किसी भी धर्म विशेष को निशाना बनाकर कुछ लोग अपने राजनीति की रोटी सेंक रहें हैं… जो देश की स्वतंत्रता और अखंडता के लिए ठीक नहीं है….

आपको बता दें कि बढ़ते दबाव के बीच संघ की एंट्री नें सियासी पारा और हाई कर दिया है…. वहीं संघ की एंट्री से मोदी- शाह की मुश्किलें और बढ़ गई है… बता दें कि मोदी भी अब शाह का समर्थन करके बुरा फंस गए हैं…. वहीं सत्ता में आने के बाद से मोदी और शाह ने संघ की बातों को किनारे कर दिया था…. और अपनी मनमर्जी के मुताबिक काम करते चले आ रहें हैं….. वहीं अब संघ को अपना रूतबा दिखाने का मौका मिला है…तो संघ किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ना चाह रहा है…. आपको बता दें कि संघ यह बताने का प्रयास कर रहा है कि संघ के बिना बीजेपी और मोदी, शाह का कोई अस्तित्तव नहीं है…. बता दें कि पिछले दस सालों में गुजरात के व्यापारियों ने देश की राजनीति को व्यापार बना दिया है…… और देश में मंदिर मस्जिद के नाम पर नफरत फैलाने का काम किया है…. नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने मिलकर देश की सत्ता में काबिज रहने के लिए जनता के बीच में नफरत फैलाने का काम कर रहें है…. हिंदू- मुस्लिम को बढ़ावा दे रहें है…. देश में व्याप्त महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार समेत तमाम बुनियादी मुद्दों पर बात नहीं करते हैं…. मणिपुर पिछले साल से हिंसा की आग में जल रहा है…. वहां जाने के लिए वहां के लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए मोदी के पास टाइम नहीं है…. और देस में नफरत और हिंसा फैलाने के लिए मोदी और अमित शाह दोनों के पास खूब समय ही समय है….

आपतो बता दें कि अमित शाह के द्वारा आंबेडकर को लेकर दिए गए बयान से देश में आक्रोश बढ़ता देख मोदी और शाह ने मिलकर जनता को मुद्दों से भटकाने के लिए…. संसद में नया दांव चला और सदन में हंगामें के बीच राहुल गांधी को फंसाने के लिए औऱ विपक्ष की आवाज दबाने के लिए बीजेपी ने अपने सांसदों के द्वारा खुद के सांसद को धक्का दिलला दिया…. वहीं धक्का लगने से सांसद घायल हो गए…. जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया…. और इस हमसे का सारा आरोप राहुल गांधी पर लगाया…. लेकिन राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेस कर सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया…. और सीसीटीवी फुटेज जारी करने का दावा कर दिया… जिससे बीजेपी की सांस फूलने लगी और राहुल पर लगाए गए सभी आरोप निराधार साबित होते हुए दिखाई दे रहें है…. आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मंशा है कि भारतीय राजनीति में गुजरात लॉबी की दबाव बना रहें विपक्ष शांत होकर बीजेपी की बातों को सुनता रहें और समाजिक तथा जनता के मुद्दों की बात न करे….

वहीं राहुल पर लगें आरोपों को कांग्रेस ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है…. और सीसीटीवी फुटेज जारी करने की मोदी को चुनौती दे दी है…. राहुल गांधी ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज जारी करो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा…. लेकिन मोदी औऱ शाह अपने झूठ को छुपाने के लिए सीसीटीवी फुटेज जारी करवाने में आनाकानी कर रहें हैं…. क्योंकि उनको पता है कि फुटेज जारी होते ही बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश हो जाएगा…. वहीं अपने सच को छुपाने के लिए बीजेपी ने झूठ का सहारा लिया और संसद में धक्का-मुक्की कांड पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सीसीटीवी फुटेज जारी करने की मांग की….. भाजपा सांसद से धक्का-मुक्की मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे…. और राहुल गांधी ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि आडानी के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी ने यह सब रचा है….. वहीं एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि बिल्कुल….. हम चाहते हैं वो फौरन सीसीटीवी फुटेज जारी कर दें…. सारा सच सामने आ जायेगा, सबको सच का पता चल जाएगा…..

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने कहा कि वे आंबेडकर जी की यादों और योगदान को मिटाना चाहते हैं….. हमने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए… वहीं फिर उन्होंने एक नया भटकाव शुरू किया है…. राहुल गांधी ने कहा किहम शांतिपूर्वक आंबेडकर की प्रतिमा से संसद भवन जा रहे थे….. भाजपा सांसदों ने हमें अंदर नहीं जाने दिया… वास्तविकता यह है कि उन्होंने डॉ बीआर आंबेडकर का अपमान किया है…. उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा जो वे मिटाना चाहते हैं वह यह है कि नरेंद्र मोदी के मित्र अडानी के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका में एक मामला है…. और नरेंद्र मोदी भारत को अडानी को बेच रहे हैं….. यह मुख्य मुद्दा है और ये लोग इस पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं….. राहुल गांधी ने कहा कि संसद सत्र से कुछ दिन पहले अमेरिका में अडानी का मामला आया…. और भाजपा ने इस पर चर्चा को रोकने की कोशिश की…. और उन्होंने कहा कि भाजपा की मूल रणनीति थी कि अडानी मामले पर चर्चा ही न हो…. इसे दबा दिया जाए… उसके बाद अमित शाह का बयान आया…. और हम शुरू से कह रहे हैं कि भाजपा और आरएसएस की सोच संविधान विरोधी…. आंबेडकर विरोधी है……

आपको बता दें कि उन्नीस सौ पच्चीस में आरएसएस की स्थापना के कई दशकों बाद दो बड़ी घटनाएं हिंदुओं को ‘एकजुट’ करने की संगठन की मूलभूत प्रतिबद्धता के लिए झटका बन गईं….. पहला था अंबेडकर के नेतृत्व में दलितों का बड़े पैमाने पर धर्मांतरण….. वहीं उन्नीस सौ छप्पन में विजयादशमी के दिन जब आरएसएस सरसंघचालक नागपुर के रेशमबाग में स्वयंसेवकों को अपना पारंपरिक वार्षिक संबोधन दे रहे थे….. शहर के दूसरे हिस्से में स्थित दीक्षाभूमि में अंबेडकर ने अपने करीब पांच लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया…. लेकिन पच्चीस साल बाद, उन्नीस सौ इक्यासी में मीनाक्षीपुरम की घटना के बाद, जब तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में सैकड़ों निचली जाति के हिंदुओं ने इस्लाम धर्म अपना लिया….. तब जाकर आरएसएस ने अंबेडकर और दलितों का जिक्र करना शुरू किया….

आपको बता दें कि निम्न जाति के हिंदुओं द्वारा अपना धर्म छोड़कर मुसलमान बनने से घबराकर आरएसएस (जिसका नेतृत्व ब्राह्मणों के हाथों में था) ने विभिन्न स्थानों पर हिंदू समागम या सभाएं आयोजित करना शुरू कर दिया….. ऐसा ही एक आयोजन उन्नीस सौ बयासी में बैंगलोर में हुआ था….. जहां हजारों गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने घोषणा की थी….. “हिंदवः सहोदरः सर्वे (सभी हिंदू भाई हैं)…. वहीं अगले वर्ष, चौदह अप्रैल को महाराष्ट्र में एक समारोह में आरएसएस ने अंबेडकर और आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार दोनों के जन्मदिन मनाए…. वहीं उन्नीस सौ तिरासी में, रोमन कैलेंडर के अनुसार अंबेडकर की जयंती हिंदू कैलेंडर के अनुसार हेडगेवार की जयंती से मेल खाती थी….. इसके बाद आरएसएस ने पैंतालीस दिनों तक पूरे महाराष्ट्र में फुले-अम्बेडकर यात्रा निकालकर उस प्रतीकात्मकता को आगे बढ़ाने का प्रयास किया….

वहीं उन्नीस सौ नवासी में हेडगेवार के जन्म शताब्दी वर्ष पर सरसंघचालक बालासाहेब देवरस और सरकार्यवाह एचवी शेषाद्रि के नेतृत्व में आरएसएस की हर शाखा को अपने क्षेत्र में दलित बस्तियों में कम से कम एक शिक्षा केंद्र चलाने के लिए कहा गया….. इसके बाद ऐसी गतिविधियों की देखभाल के लिए आरएसएस में सेवा विभागों की स्थापना की गई…. फिर उन्नीस सौ नब्बे में, आरएसएस ने अंबेडकर और दलित सुधारक ज्योतिबा फुले की शताब्दी मनाई….. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, जो आरएसएस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है….. उसने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि इन दो महान नेताओं ने हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों…. और रूढ़ियों पर घातक प्रहार किया, और… हिंदू समाज को अपने ही सदस्यों पर किए गए सभी अन्यायों को दूर करने के लिए सफलतापूर्वक राजी किया….

आरएसएस द्वारा दलितों को लुभाने से भाजपा को ज्यादा राजनीतिक लाभ नहीं मिल सका….. जो आज भी भाजपा का वोट बैंक है….. जिसे जीतने के लिए उसे संघर्ष करना पड़ रहा है….. उत्तर प्रदेश में कांशीराम और मायावती तथा बिहार में रामविलास पासवान…. जैसे दलित नेताओं के उभरने का मतलब यह हुआ कि भाजपा एक उच्च जाति की पार्टी की अपनी छवि में फंसी रही….. हालांकि, जैसे-जैसे भाजपा ने अपना सामाजिक आधार बढ़ाने का काम किया….. उसने दलितों तक पहुंचने के प्रयास जारी रखे…. वहीं अब सत्ता में आने के बाद से मोदी और अमित शाह ने दलितों का शोषण करना शुरू कर दिया और दलितों और आंबेडकर को लेकर उनके मन में जो जहर था… उसको उगल दिया…. वहीं अब देखना होगा की इतने बवाल के बाद अमिक शाह अपने पद से इस्तीफा देतें है और देश की जनता से माफी मांगते हैं…. यह तो आने वाला वक्त तय करेगा…. इस खबर में फिलहाल इतना ही…. ऐसी ही तमाम राजनीतिक खबरों के लिए बने रहिए और देखते रहिए 4पीएम न्यूज नेटवर्क…. धन्यवाद….

 

 

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