इतिहास को दोबारा लिखना चाहते हैं शाह: राहुल
जवाहरलाल नेहरू ने देश के लिए खपायी जिंदगी
कहा, बीजेपी को कोई जानकारी नहीं, पूर्व पीएम का ऐतिहासिक व्यक्तित्व
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु पर भाजपा द्वारा समय-समय पर किए जा रहे हमले के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पलटवार किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने देश के पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू की तारीफ की। उन्होंने अमित शाह के बयान पर हमला करते हुए कहा कि वह इतिहास से अनजान हैं। पंडित नेहरू ने भारत के लिए अपनी पूरी जिंदगी दी है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत के लिए अपनी जिंदगी दे दी, सालों जेल में रहें। गृह मंत्री अमित शाह को शायद इतिहास नहीं मालूम। ये बात केवल भ्रमित करने के लिए की गई है। मैं उनसे इतिहास जानने की उम्मीद नहीं कर सकता, उन्हें इसे दोबारा लिखने की आदत है।
इसके साथ ही राहुल गांधी ने जातीय जनगणना पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मूल मुद्दा जातीय जनगणना, भागीदारी और देश का धन किसके हाथों में जा रहा है, ये है। इस मुद्दे पर वह चर्चा नहीं करना चाहते हैं। ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा था। दरअसल, संसद में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पेश किए जाने के बाद इस पर चर्चा हुई। इस दौरान अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की समस्या के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने कहा, हमारी सेना जीत रही थी और दुश्मन देश की सेना पीछे हट रही थी। उस वक्त अगर नेहरू जी दो दिन और रुक जाते और सीजफायर नहीं करते तो पूरा कश्मीर आज हमारा होता। देश में 550 रियासतों का विलय हुआ कहीं भी धारा 370 नहीं लगी। जम्मू-कश्मीर जवाहर लाल नेहरू देख रहे थे तो वहीं क्यों लगी? तीन परिवारों ने अपने फायदे के लिए जम्मू-कश्मीर के एसटी समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित रखा।
जवाहर लाल नेहरू ने की थीं गलतियां : शाह
शाह आगे कहा, सभी जानते हैं कि कश्मीर के विलय में देरी इसलिए हुई क्योंकि शेख अब्दुल्ला को विशेष स्थान देने का आग्रह था। देरी की वजह से पाकिस्तान को आक्रमण करने का मौका मिला। जवाहर लाल नेहरू ने सिर्फ एक जम्मू-कश्मीर का काम देखा और वो भी आधा छोडक़र चले आए थे,कश्मीर का मामला यूएन में लेकर चले गए, लेकर ही नहीं जाना था, अगर लेकर भी चले गए तो अनुच्छेद 51 के तहत क्यों लेकर गए, देश की जनता अब समझ चुकी है कि कश्मीर के सवाल के मूल में जवाहर लाल नेहरू जी की गलतियां थीं।