बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बीच शेख हसीना ने दिया इस्तीफा, मचा हड़कंप, PM हाउस में घुस गए प्रदर्शनकारी
बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है। इस हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। हजारों लोग सड़कों पर उतरकर सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया है...
4PM न्यूज नेटवर्क: बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है। इस हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। हजारों लोग सड़कों पर उतरकर सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया है। इस दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसा को बढ़ता हुआ देखकर प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर विदेश भाग गई हैं। उनके इस्तीफे के बाद बांग्लदेश की सेना ने मोर्चा संभाल लिया है और प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दिया इस्तीफा, मचा हड़कंप
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में 19 पुलिसकर्मियों समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। वहीं सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश के हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया है। सेना अब पूरे देश में तैनात हो गई है।
दरअसल, बांग्लादेश के छात्र शेख हसीना सरकार के लागू किए गए विवादास्पद आरक्षण का विरोध कर रहे थे। उस दौरान इन झड़पों में अब तक कुल 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जिसमें से 100 से ज्यादा लोग पिछले 24 घंटों में लोग मर गए हैं। बताया जा रहा है कि शेख हसीना के पीएम पद और बांग्लादेश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी छात्र संगठन टस से मस नहीं हो रहे। उन्होंने साफ कर दिया कि उनको अंतरिम सरकार नहीं चाहिए। सत्ता को ‘क्रांतिकारी छात्रों और नागरिकों’ के हाथ में दिया जाना चाहिए। वो कोई और विकल्प नहीं मंजूर करेंगे।
आपको बता दें कि सोमवार को स्टूडेंट्स अगेन्स्ट डिस्क्रिमिनेशन प्रोटेस्ट ग्रुप के कॉर्डिनेटर्स मोहम्मद नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद की ओर से फेसबुक पर संयुक्त बयान जारी करते हुए बताया गया कि फासीवादियों और हत्यारों को बंगाल की धरती पर ही न्याय का सामना करना पड़ेगा। कोई भी भाग नहीं पाएगा। शाम तक बेगुनाहों को रिहा कर दिया जाना चाहिए। वहीं इसके अलावा बयान में आगे यह भी कहा गया कि बांग्लादेश में फासीवादी तंत्र भी जाएगा और नए बांग्लादेश के निर्माण के साथ पॉलिटिकल ऑर्डर बनेगा। जब तक हम अंतिम जीत हासिल नहीं कर लेते हैं तब तक कोई भी सड़कों से नहीं हटेगा।
महत्वपूर्ण बिंदु
- बांग्लादेश के ताजा हालात पर फिलहाल भारत सरकार की पैनी नजर है।
- ऐहतियाती तौर पर इंडिया की ओर से बॉर्डर पर सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है।