तो गहलोत को कांग्रेस की कमान सौंपेगी सोनिया!

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है। कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर पार्टी की मौजूदा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला ले लिया है। लंबे समय बाद कांग्रेस का अध्यक्ष गैर गांधी परिवार से हो सकता है। समाचार एजेंसी आईएएनएस के सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को कांग्रेस की कमान सौंपने का फैसला लिया है। सूत्रों का दावा है कि सोनिया ने खुद अशोक गहलोत से कांग्रेस का अध्यक्ष बनने की पेशकश की है। दरअसल, सोनिया गांधी मेडिकल चेक अप के लिए विदेश जा रही हैं। सोनिया चाहती हैं कि उनके विदेश जाने से पहले गहलोत पार्टी की कमान संभाल लें। सूत्रों ने बताया कि सोनिया ने एक बैठक के दौरान अशोक गहलोत से ये पेशकश की है। हालांकि गहलोत कैंप ने अभी इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों ने बताया है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार से बाहर के नाम पर विचार कर रही है।

गहलोत चाहते हैं राहुल बनें अध्यक्ष
सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए पहली पसंद है, लेकिन उन्होंने खुद कहा था कि राहुल गांधी को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष के लिए शीर्ष और सर्वसम्मत पसंद थे। वहीं अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी द्वारा अध्यक्ष पद की पेशकश किए जाने की खबरों पर कहा कि यह मैं मीडिया से सुन रहा हूं। जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई है, मैं उसे पूरा कर रहा हूं।

21 सितंबर तक होना है अध्यक्ष का चुनाव
गौरतलब है कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव 21 सितंबर तक होना है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए विस्तृत कार्यक्रम जल्द ही जारी किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया निर्धारित समय-सीमा के साथ पूरी की जाएगी। पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की अंतिम तारीख को मंजूरी देना कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) पर निर्भर है, लेकिन हमारी तरफ से, हम तैयार हैं।

अपराधी के मन में पुलिस का खौफ होना जरूरी : सीएम योगी

  • पुलिस विभाग के 190 आवासीय/अनावासीय भवनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते पांच सालों के दौरान प्रदेश में पुलिस की छवि में बदलाव आने का दावा करते हुए कहा है कि पुलिस की बेहतर कार्यप्रणाली का परीक्षण तब होता है जब अपराधी के मन में पुलिस के प्रति खौफ हो और आम आदमी के मन में सम्मान का भाव हो। मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को 190 आवासीय भवनों का पुलिस विभाग को तोहफा देते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, जिससे उनकी कार्यक्षमता बेहतर हो सके। योगी ने बुधवार को 190 आवासीय भवनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते विधानसभा चुनाव में कानून व्यवस्था एक मुद्दा थी। प्रदेश की आधी आबादी ने इसी मुद्दे पर सरकार के पक्ष में वोट किया। कानून व्यवस्था बेहतर होने के चलते ही बीते वर्षों में चार लाख करोड़ का निवेश उत्तर प्रदेश में हुआ है। अब प्रदेश में निवेशक आना चाहता है और निवेश करना चाहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश की सभी बीमारू प्रदेश की थी।

विकास की कोई सोच नहीं थी। कानून व्यवस्था बदतर थी। हर दूसरे तीसरे दिन बड़े दंगे होते थे। जिसके कारण लोगों के धारणाएं बहुत खराब थी। उत्तर प्रदेश के अंदर कोई भी तथा अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता था। पुलिस कर्मियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। भर्तियां नहीं हो रही थी। पीएसी की 54 कंपनियां समाप्त कर दी गई थी। महिला पीएसी की कोई व्यवस्था नहीं थी। आपदा प्रबंध के लिए कोई बल नहीं था। हमने इन कमियों को दूर किया। 162000 पुलिसकर्मियों की भर्ती की। पुलिस को आधुनिक बनाने का काम किया जा रहा है। प्रदेश के सभी परि क्षेत्रीय मुख्यालयों पर साइबर लैब की स्थापना की गई है। विशेष सुरक्षा बल का गठन किया। इन्हीं सब का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पूरे देश में नजीर बनी हुई है।

केरल के राज्यपाल ने इतिहासकार इरफान को कहा गुंडा

नई दिल्ली। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने प्रसिद्ध इतिहासकार इरफान हबीब पर 2019 में कन्नूर विश्वविद्यालय में कथित तौर पर मारपीट की घटना को लेकर निशाना साधा। उन्होंने हबीब को गुंडा कहा और आरोप लगाया कि उन्होंने उस समय उनकी आवाज को शारिरिक रूप से दबाने की कोशिश की थी। दिसंबर 2019 में हुई उस घटना का उल्लेख करते हुए, जब वह कन्नूर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस का उद्घाटन करने गए थे, जहां हबीब भी एक वक्ता थे, खान ने आरोप लगाया कि इतिहासकार सीधे उनके पास लड़ाई के लिए आए थे। जैसे ही राज्यपाल संबोधित करने वाले थे, कार्यक्रम के लिए इक_े हुए अधिकांश प्रतिनिधियों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर उनके रुख के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया, जो उस समय एक ज्वलंत मुद्दा था। राज्यपाल ने कहा, क्या शारीरिक लड़ाई में शामिल होना एक अकादमिक का काम है? यह एक गुंडा का काम है। एक गली का गुंडा। इरफान हबीब एक गुंडा है जब मैंने जवाब देने की कोशिश की, तो वह मेरी आवाज को शारीरिक रूप से दबाना चाहता था।

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