सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी री-एग्जाम कराने से कर दिया मना
जानें रैंकिंग और काउंसलिंग पर क्या पड़ेगा असर.....
4pm न्यूज़ : सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2024 मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि री-टेस्ट नहीं होगा और न ही परीक्षा कैंसिल की जाएगी. पूरा मामला सुनने के बाद कोर्ट का ये कहना कि ये साफ होता है कि मास लेवल पर पेपर लीक नहीं हुआ है. कुछ स्टूडेंट्स के लिए या कुछ केंद्रों पर हुई गड़बड़ी को देखते हुए 24 लाख बच्चों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित कराना ठीक नहीं है.
एक सवाल के दो उत्तर का मसला भी सुलझा
इसके साथ ही कल की हियरिंग में उठे बड़े सवाल का मुद्दा भी सुलझ गया है. बता दें कि कल फिजिक्स के एक सवाल पर प्रश्न खड़ा हुआ था. इसमें एक सवाल के दो सही जवाब होने और उस वजह से कई कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स मिलने की बात कही गई थी.यहां भी समस्या ये थी कि एनसीईआरटी की पुरानी किताबों को देखते हुए ऑप्शन नंबर टू सही था और नई किताबों को देखते हुए ऑप्शन नंबर फोर. इसलिए ऑप्शन टू चुनने वालों को भी ग्रेस मार्क्स दिए गए. इस पर कोर्ट ने कल ही कहा था कि एक सवाल के दो जवाब नहीं हो सकते.
एक ही जवाब सही
कल इस सवाल का मुद्दा सुलझाने के लिए आईआईटी दिल्ली से तीन प्रोफेसर की टीम गठित की गई थी और आज जवाब देने के लिए कहा गया था. इस पैनल ने तर्क सहित साबित किया कि इस सवाल का केवल एक ही सही जवाब है और वो है ऑप्शन नंबर फोर. यही ऑप्शन एनटीए ने आंसर-की पर जारी करते समय रिलीज किया था. इस प्रकार एक सवाल के दो जवाब वाली बात पूरी तरह गलत साबित हुई और जिन कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स इस सवाल के दम पर मिले अब वे वापस होंगे.
फिर बदलेगी रैंक
बता दें कि फिजिक्स के इस सवाल में ग्रेस मार्क्स मिलने के कारण 44 कैंडिडेट्स को टॉपर्स लिस्ट में जगह मिली थी. अब जब ये साफ हो गया है कि केवल एक ही जवाब सही है, ऐसे में ये ग्रेस मार्क्स वापस लिए जाएंगे और टॉपर्स की संख्या में से ये 44 नाम कम होंगे. फिर से रैंक लिस्ट या मेरिट लिस्ट बनेगी. इस तरह देखा जाए तो अब दूसरी बार टॉपर्स लिस्ट में अंतर आएगा. कुल 1563 कैंडिडे्टस को पहले ग्रेस मार्क्स दिए गए थे और इनके लिए री-टेस्ट हुआ था. इनमें से 813 ने ही परीक्षा दी और बाकियों ने ग्रेस मार्क्स हटाकर जो नंबर बचे वही रखे. इस वजह से टॉपर्स लिस्ट में बदलाव आया था और अब फिर ये बदलाव आएगा.
काउंसलिंग पर भी पड़ेगा असर
बता दें कि जब 44 कैंडिडेट्स के नाम टॉपर्स लिस्ट से हटेंगे तो मेरिट लिस्ट तो बदलेगी ही साथ ही इसका असर काउंसलिंग पर भी पड़ेगा. रैंक के हिसाब से सीटें मिलती हैं और उसी हिसाब से कॉलेज एलॉट होता है. जाहिर है कि 44 कैंडिडेट्स के टॉपर्स लिस्ट से बाहर होने पर काउंसलिंग पर भी असर पड़ेगा. इस मामले में एनटीए अगला निर्देश क्या देता है और प्रक्रिया किस तरह आगे बढ़ती है ये जल्द ही साफ हो जाएगा. पुराने शेड्यूल के मुताबिक काउंसलिंग कल यानी 24 जुलाई से शुरू होनी है