महाराष्ट्र के सियासी संग्राम पर ‘सुप्रीम’ नोटिस
सभी पक्षों से मांगा जवाब
- महाराष्ट्र सरकार को दिया बागी विधायकों व उनके परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश
- डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 12 जुलाई तक रोक, अगली सुनवाई 11 जुलाई को
- सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट का दावा, 39 विधायक हमारे साथ, अल्पमत में है एमवीए सरकार, याचिका पर सुनवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सियासी संग्राम पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर पांच दिन के भीतर जवाब मांगा है। साथ ही डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 12 जुलाई तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को बागी विधायकों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश भी जारी किया है। अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। दूसरी ओर सीएम उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे समेत नौ बागी मंत्रियों से उनके मंत्रालय छीन लिए हैं।
शिंदे गुट ने कोर्ट में कहा कि उनके 39 विधायकों ने महा विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए)से समर्थन वापस ले लिया है। ऐसे में सरकार ने बहुमत खो दिया है और अल्पमत में आ गयी है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। इसमें डिप्टी स्पीकर, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी, केंद्र सरकार आदि शामिल हैं। साथ ही डिप्टी स्पीकर कार्यालय के सभी रिकॉर्ड तलब किए हैं।
ईडी ने संजय राउत को किया तलब
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना नेता संजय राउत को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन घोटाले मामले में उन्हें समन भेजा है और कल पेश होने के लिए कहा है। संजय राउत को ये समन प्रवीण राउत और पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े मामले में भेजा गया है। बता दें कि यह मामला 2007 का है। तब महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार थी। मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख थे। ईडी का नोटिस आने के बाद राउत ने कहा कि मुझे अभी-अभी पता चला है कि ईडी ने मुझे तलब किया है। महाराष्ट्र में ये बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हैं। हम बालासाहेब के शिवसैनिक एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मुझे रोकने की साजिश है। भले ही आप मेरा सिर कलम कर दें लेकिन मैं गुवाहाटी मार्ग नहीं लूंगा। मुझे गिरफ्तार करो।
बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि शिंदे गुट के विधायक अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसमें उन्हें फिर से अपने कार्यालयों में काम करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने किया नामांकन
- राहुल, अखिलेश और शरद पवार समेत कई बड़े नेता रहे मौजूद
- एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से है मुकाबला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान शरद पवार, राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेता मौजूद रहे।
विपक्ष के साझा राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आज नामांकन पत्रों के चार सेट राज्य सभा के महासचिव पीसी मोदी को सौंपा। पीसी मोदी राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी हैं। इस मौके पर राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, द्रमुक नेता ए राजा, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद रहे। विपक्षी दलों ने सिन्हा को 21 जून को अपना साझा उम्मीदवार घोषित किया था। इसके पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया था। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होना है। मतगणना 21 जुलाई को होगी। वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
अग्निवीरों के लिए वरुण ने फिर उठाई आवाज, कांग्रेस ने दिया धरना
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा जनता गैस सब्सिडी छोड़ सकती है तो सांसद पेंशन क्यों नहीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अग्निवीरों के लिए सांसदों के पेंशन छोडऩे का मुद्दा फिर उठाया है। उन्होंने कहा कि जब जनता गैस सब्सिडी छोड़ सकती है तो सांसद अग्निवीरों के लिए पेंशन क्यों नहीं छोड़ सकते हैं। वहीं आज लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने योजना के खिलाफ धरना दिया और इसे वापस लेने की मांग की।
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ट्विट किया कि भारत की महान जनता ने कभी स्वच्छता के लिए टैक्स दिया तो कभी जरूरतमंदों को गैस मिले इसलिए अपनी सब्सिडी छोड़ी। इस त्याग भाव से प्रेरणा लेकर क्या हम सभी देशभक्त सांसद अपनी पेंशन का त्याग कर इस सरकार का ‘बोझ’ कम नहीं कर सकते? अग्निवीरों की पेंशन की राह आसान नहीं कर सकते? अंत में उन्होंने लिखा राष्ट्र प्रथम। गौरतलब है कि वरुण गांधी ने कई दिन पहले अग्निवीरों के लिए अपनी पेंशन छोडऩे की पेशकश की थी।